त्रिवेणी संगम चौरेल में मांघी पुन्नी मेला महोत्सव आज से होगा शुरू, प्रशासन ने मंदिर समिति के साथ ली तैयारी बैठक
जगन्नाथपुर/बालोद | क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गौरैया धाम चौरेल में 25 से 27 फरवरी तक मांघी पुन्नी मेला महोत्सव का आयोजन शुरू हो रहा है। जिसकी तैयारी को लेकर शासन प्रशासन सहित मंदिर समिति भी जुटी हुई है।बुधवार को मंदिर परिसर में प्रशासन की ओर से अर्जुन्दा की तहसीलदार ममता टावरी ने मंदिर समिति के लोगों व अन्य विभाग के कर्मचारियों के बीच तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक ली। इस दौरान प्रमुख रुप से जिला पंचायत सदस्य नीतीश मोंटी यादव (सचिव मंदिर समिति) ने तैयारी को लेकर विभिन्न मुद्दों पर तहसीलदार से चर्चा की। जो जो भी व्यवस्था करनी है, उनके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रमुख रूप से चौरेल बस्ती से लेकर मंदिर तक सड़क पर उड़ती धूल को देखते हुए पानी डलवाने पर जोर दिया व टैंकर की व्यवस्था करने की मांग की। नगर पंचायत अर्जुन्दा से टैंकर की सप्लाई करने की बात तहसीलदार ने कही। मौके पर ही नगर पंचायत से जुड़े लोगों को फोन लगाया गया। पक्की सड़क ना होने के कारण वर्तमान में बस्ती से लेकर मंदिर तक जाने के लिए मुरूम की सड़क है। जिसमें भारी वाहनों की आवाजाही से धूल भी उड़ती रहती है। इस पर जिला पंचायत सदस्य श्री यादव ने कहा कि मेला के दौरान 3 दिनों के लिए भारी वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। इसके लिए चौरेल और पैरी दोनों क्षेत्र में इस मार्ग के प्रवेश द्वार पर बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद किया जाए। समीक्षा बैठक में भी इस निर्णय पर सहमति बनी। तहसीलदार ने बैरिकेडिंग लगवाने के निर्देश दिए। इसी तरह शाही स्नान 27 फरवरी को सुबह 4 बजे होना है। इसके लिए जलाऊ लकड़ी की व्यवस्था वन विभाग से करने के निर्देश भी दिए गए। इस बैठक के दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष व सरपंच लवण चंद्राकर सहित मंदिर समिति के अन्य सदस्यों व ग्रामीणों ने मंदिर की विशेषता व यहां लगने वाले मेले के बारे में तहसीलदार को बताया। कोरोना को ध्यान में रखते हुए लोगों को मास्क पहनकर मंदिर परिसर प्रवेश करने को लेकर चर्चा हुई। तहसीलदार ने मंदिर समिति को निर्देशित किया कि अपनी ओर से सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखें। लोगों को मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए भी प्रेरित करें। मंदिर समिति द्वारा मंदिर के विकास को लेकर भी कुछ बातें रखी गई। जिसमें तांदुला नदी में जहां स्नान किया जाता है वहां पर हाई मास्क लाइट लगवाने, मंदिर तक पक्की सड़क बनवाने की बात रखी गई। इसके अलावा जहां पर स्नान किया जाएगा वहां पर तत्काल सफाई करवाने के निर्देश भी तहसीलदार ने स्थानीय पंचायत प्रशासन को दिए। इसमें तय हुआ कि मनरेगा के मजदूरों द्वारा कल तक सफाई कर दी जाएगी। खासतौर से मोहलाई घाट की सफाई को मनरेगा मजदूरों से करवाने को लेकर रोजगार सहायक को निर्देशित किया गया। 27 फरवरी को यहां महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अनिला भेड़िया का भी आगमन हो रहा है। जिसको लेकर प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश तहसीलदार ने दिए।
त्रिवेणी संगम में लगेगा 27 को वृहद मेला
गौरैया धाम चौरेल त्रिवेणी संगम के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर मोहलाई, पैरी और चौरेल तीनों अलग-अलग दिशा में नदी किनारे मेला लगता है। जो वृहद रूप से आयोजित होता है। आसपास के कई जिले के लोग यहां पहुंचते हैं। आसपास के सभी थाना क्षेत्र के पुलिस जवानों की ड्यूटी भी सुरक्षा के लिहाज से यहां लगती है। इस जगह में कई पुरातात्विक मूर्तियां हैं। जिनके संरक्षण को लेकर भी शासन-प्रशासन व मंदिर समिति द्वारा प्रयास किया जा रहा है। धार्मिक पर्यटन स्थल के नाम से यह विख्यात है। जिसके विकास को लेकर लगातार सरकार अलग-अलग स्तर पर काम कर रही है।
25 से 27 फरवरी तक ये आयोजन होगा
25 फरवरी गुरुवार दोपहर दो से शाम पांच बजे तक पंडवानी का कार्यक्रम होगा। जिसमें जय सरस्वती पंडवानी पार्टी मोहंदी (खुरसुल) की प्रस्तुति होगी। 26 फरवरी को जस गीत दोपहर दो से शाम पांच बजे तक होगा। जिसमें जय महामाया बालिका निर्मल जस मंडली आनंद धाम सगनी की प्रस्तुति होगी। इसी दिन रात्रि 10 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। जिसमें आकाशवाणी दूरदर्शन व फिल्मी कलाकारों के ग्रुप में हमर छत्तीसगढ़ लोक कला मंच, रोशन साहू नंदिनी नगर की प्रस्तुति होगी। 27 फरवरी शनिवार को मुख्य मंदिर में रुद्राभिषेक एवं शाही स्नान सुबह 4 बजे से होगा। इसी दिन मंदिर परिसर व तांदुला नदी के आसपास मेला का आयोजन होगा। जो कि पूरे छत्तीसगढ़ में विख्यात है। बता दे कि इस मंदिर के शिवलिंग की खासियत यह है कि यहां जितना भी जल अर्पण किया जाता है वह कहीं गायब हो जाता है। जिसका राज अब तक कोई जान नहीं पाया। कई लोग यहां मन्नत लेकर आते हैं और मेला में दर्शन करके जाते हैं।