नाबालिग के साथ शादी का प्रलोभन देकर दुष्कर्म , आरोपी को मिला बीस वर्ष का कारावास

बालोद। किरण कुमार जांगड़े, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपी राजेश कुमार विश्वकर्मा उम्र-19 वर्ष,ग्राम खैरकट्टा, थाना-मंगचुवा, जिला-बालोद (छ.ग.) को अंतर्गत भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 के आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/- रू० अर्थदण्ड, भा.द.वि. की धारा 366 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व 2000/- रू० अर्थदण्ड तथा लैंगिक अपराध की धारा 6 के आरोप में बीस वर्ष का सश्रम कारावास व 2000/- रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। व्यतिक्रम पर एक-एक-एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया। प्रकरण का संक्षिप्त विवरण सी.एल. साहू, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) के अनुसार- दिनांक 08-01-2023 को पीड़िता की माता थाना मंगचुवा में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी नाबालिग पुत्री / पीड़िता दिनांक 02-01-2023 को सुबह लगभग 9 बजे घर से स्कूल जा रही हूँ बोलकर निकली थी, जो घर वापस नहीं आयी है, जिसका आसपास व रिश्तेदारों एवं सहेलियों से पता-तलाश किये किंतु कहीं पता नहीं चला। कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी पुत्री/पीड़िता को नाबालिग होना जानते हुए बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। प्रार्थिया / पीड़िता की माता के उपरोक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना-मंगचुवा में स.उ.नि. देवचंद मंडावी के द्वारा दिनांक 08.01.2023 को गुम इंसान दर्ज कर पता तलाश में लिया गया तथा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध धारा-363 का अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अपहृत नाबालिग पीड़िता को दिनांक 03.03.2023 को बेगमपेट थाना रामगिरी जिला करीमनगर तेलंगाना में राजेश कुमार विश्वकर्मा के कब्जे से बरामद कर म.प्र.आ. नर्मदा कोठारी के द्वारा पीड़िता से पूछताछ की गई तब पीड़िता बतायी कि राजेश कुमार विश्वकर्मा उसे नाबालिग होना जानते हुए बहला-फुसलाकर शादी कर पत्नी बनाकर रखूंगा कहकर दिनांक 03.01.2023 से दिनांक 03.03.2023 तक कई बार शारीरिक संबंध बनाया। पीड़िता के विस्तृत कथन के आधार पर एवं सम्पूर्ण विवेचना के पश्चात् अभियुक्त के विरूद्ध पीड़िता के साथ बलात्कार की घटना कारित किया जाना पाये जाने पर आरोपी के विरुद् 363, 366, 376 (2) (ढ) भारतीय दण्ड संहिता एवं लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4, 5 (ठ)/6 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना में लिया गया। तत्पश्चात् संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ अपराध पाये जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र विचारण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की विवेचना उपनिरीक्षक दिलीप नारायण के द्वारा किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में आए साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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