नेत्रहीनों द्वारा भजन संध्या का हुआ आयोजन

बालोद। डौंडीलोहारा में जीवन नेत्रहीन सेवा प्रतिष्ठान नवरंग के द्वारा जीवन भजन संध्या का आयोजन रात्रि 7:30 से 10:00 के बीच विवेकानंद चौक में संपन्न हुई ।

ये सभी लोग नेत्रहीन थे तथा खड़े होने में भी असमर्थ थे इसके बावजूद एक निश्चित स्थान पर खड़े होकर अपनी आवाज की जादू बिखेर कर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब हो गए। जो भी राहगीर मुख्य मार्ग से होकर गुजरते थे, वे कुछ पल रुक कर उनकी मनमोहन आवाज को सुनने लगते थे और दान पेटी में कुछ ना कुछ राशि अवश्य देकर जाते थे। इस अवसर पर उपस्थित लोगों का कहना था कि- वाकई में ईश्वर की लीला अजीब है। डॉक्टर बी .एल. साहसी ने उनके कर्नप्रिय आवाज को सुनने के बाद कहा कि – उनके द्वारा किया गया गायन व वादन बहुत ही अदभूत रहा है। मेरा शासन से गुजारिश है कि ऐसे नेत्रहीन तथा दिव्यांग लोगों की सहायता कर उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे लोग भी अपने जीवन को खुशहाल बना सके। मदन ठाकुर ने कहा कि -भगवान की लीला अपरंपार है उन्हें कोई समझ नहीं सकता। इस अवसर पर उपस्थित धर्मेंद्र निषाद ने कहा कि- इनकी मधुर वाणी को सुनकर ऐसा लगता है मानो उनके कंठ में मां सरस्वती विराजमान हो। तत्पश्चात नरेंद्र यादव ने कहा कि -ऐसे नेत्रहीन व दिव्यांग लोगों की सहायता सबको मिलकर करने की आवश्यकता है ताकि वे भी अपने आप को असहज महसूस कर सके। इस कार्यक्रम में आए हुए कलाकारों के द्वारा विभिन्न प्रकार के वादन किए गए जिनमें पैड वादन के रूप में दीपू जेना उपस्थित थे ऑर्गन वादक के रूप में मृत्युंजय आये हुए थे, तबला पर संगति कृष्णापठनूर ने किया गायिका के रूप में प्रिया सेठी उपस्थित थी कोरस का कार्य विजय पोरी ने किया ये सभी नेत्र हीन और दिव्यांग है लेकिन इनकी कला अदभूत ,निराली और अविस्मरणीय है। ये सभी राजनांदगांव से पधारे हुए थे।

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