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छ ग हेल्थ फेडरेशन के द्वारा 5 सूत्रीय मांगो को लेकर शुरू हुआ अनिश्चित कालीन हड़ताल, निकली रैली

बालोद। पोस्ट मॉर्डम, एमएलसी, नर्सिंग सहित टीकाकरण के प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम मिशन इंद्रधनुष एवं शिशु सरंक्षण माह प्रभावित होने वाला है क्योंकि छ ग हेल्थ फेडरेशन के द्वारा 5 सूत्रीय मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन जिला स्तरीय हड़ताल का आगाज कर दिया गया है। राज्य के इतिहास में पहली बार प्रदेश में पहली बार RHO,ANM/MPW पर्यवेक्षक , BETO ,नर्सिंग संवर्ग कर्मचारियों की वेतन विसंगति, चिकित्सकों के लंबित वेतन मान, भत्ते एवं स्टाइपेंड, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित विशेष कोरोना भत्ता साथ ही चिकित्सालयो में डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टॉफ के साथ हिंसा शामिल है। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग के सभी बड़े संगठन cida, juda, jda, fmg udfa, डॉक्टर असोसिएशन, डेंटल सर्जन, छ ग स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ, छ ग प्रदेश नर्सेज असोसिएशन, शामिल हो रहे है.

छ ग स्वास्थ्य फेडरेशन के जिला संयोजक आर एस मंडावी ने बताया गया कि राज्य के इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी एक मंच पर एक जुट हुये है और पहली बार ग्रामीण क्षेत्रो के उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर शहरी क्षेत्र के मेडिकल कालेज कि सेवाएं प्रभावित हो रही है शासकीय चिकित्सालय, स्वास्थ्य केन्द्रो में opd के साथ संस्थागत प्रसव, पोस्ट मॉर्डम, एमएलसी जैसे अत्यावश्यक स्वास्थ्य सुविधाओ के साथ साथ आईपीडी वार्ड में भर्ती मरीजों को मिलने वाले नर्सिंग सेवा भी नर्सिंग कैडर के हड़ताल से प्रभावित होगा. ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजको के हड़ताल से टीकाकरण, प्रसव मिशन इंद्र धनुष और शिशु सरंक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रभावित होगा.वर्तमान में ग्रामीण शहरी क्षेत्रों में आई फ्लू आंख संक्रमण फैल रहा पर मैदानी स्तर पर कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक हड़ताल में हैं ।इसका कारण राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार है. बता दे कि राज्य के चिकित्सक़, नर्स एवं स्वास्थ्य संयोजको के द्वारा कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में सरकार का साथ बिना किसी विरोध के दिया एवं अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया उसके बाद भी लंबित मांगे एवं घोषणाए पर भी अमल नही लाया गया. डॉक्टर जी.आर. रावटे CIDA अध्यक्ष ने बताया कि राज्य में महामारी के समय हमने पूरी तन्मयता के साथ सरकार का साथ देकर महामारी नियंत्रण कर कोविड टीकाकरण किया सरकार में स्वास्थ्य मंत्री वर्तमान डिप्टी सीएम द्वारा मीडिया में ये घोषणा किया कि स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन मान बढ़ाया जाएगा , माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अतिरिक्त कोरोना भत्ते जैसे वादे किया गया पर आज तक पहल नहीं किया गया।डॉक्टर सोनी सर CIDA सचिव सहित सभी लोगों ने मिलकर मंगलवार को रैली के माध्यम से सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।

कोरोना योद्धाओं ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले आज हड़ताल का दूसरा दिन पहले की अपेक्षा संख्या में बढ़ोतरी हड़ताल को बल दे रहा वहीं चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं बाधित है। बालोद जिला अंतर्गत मैदानी स्तर पर कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, अस्पताल में कार्यरत नर्स डॉक्टर हड़ताल का रुख अपनाए हुए हैं , जिससे अंचल के 196 उप स्वास्थ्य केंद्र,30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,06 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवम् जिला अस्पताल में स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाएं बाधित है। जिले के लगभग 300 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला/पुरुष, पर्यवेक्षक महिला/पुरुष , खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी , 130 स्टॉफ नर्सेस व 40 चिकित्सा अधिकारी इस आंदोलन में शामिल हैं। जिससे मरीजों को स्वास्थ्य लाभ हेतु भटकना पढ़ रहा है।डॉक्टर सोनी सर जी ने बताया की फील्ड लेवल पर लगातार कार्यभार बढ़ता जा रहा , अस्पतालों में भी कार्य का दबाव व हिंसा की घटना बढ़ रहा है, पर शासन प्रशासन द्वारा न ही किसी सुरक्षा की गारंटी है न कोई ठोस कानून , वर्षों से व्याप्त वेतन विसंगति पर विचार न किया जाना शासन के सौतेला व्यवहार दिखाता है।जिससे विभाग के अधिकारी कर्मचारी भारी आक्रोशित हैं। डॉक्टर रावटे डॉ. चौरका, डॉ. अजय साहू सर जी ने हड़ताली कर्मचारियों अधिकारियों को संबोधित करते हुए उत्साहित किया और फेडरेशन को बल दिया।फेडरेशन के जिला संयोजक आर. एस. मंडावी ने संबोधित करते हुए बताया कि शासन को जगाने हेतु हड़ताल की रूपरेखा तैयार कर आंदोलन और उग्र किया जाएगा।

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