अब वाहन चालक और यांत्रिकी कर्मचारी संघ उतरे हड़ताल पर, देखिए क्या हैं इनकी मांगे,,,जिन पर अब तक कोई सरकार नहीं दे रही ध्यान
बालोद। हाल ही में पटवारी अपनी हड़ताल से लौटे हैं तो वहीं अब छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय अर्ध शासकीय वाहन चालक और यांत्रिकी कर्मचारी संघ हड़ताल पर उतर आया है। मुख्यमंत्री के नाम से जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर कर्मचारी बालोद बस स्टैंड में धरना प्रदर्शन में बैठ गए हैं। जिनकी विभिन्न 6 मांगे हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय अर्ध शासकीय वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष नेपाल साहू का कहना है कि संघ द्वारा अपने उचित मांगों के निराकरण हेतु समय-समय पर शासन प्रशासन के समक्ष आवेदन का प्रस्तुत किया है लेकिन आज पर्यन्त तक हमारे उचित मांग का कोई भी निराकरण नहीं किया गया और न ही कोई जानकारी इस विषय में हमारे संघ को प्रदान की गई है। वाहन चालक भी शासन का एक महत्वपूर्ण अंग होते हुए भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। हमारे वाहन चालक संघ द्वारा विगत कई वर्ष से हमारे मांगों को शासन प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। ताकि वाहन चालक का भी जीवन स्तर सुधार हो।लेकिन किसी शासन ने भी अपना ध्यान हमारे ओर देना उचित नहीं समझा।
ये हैं मांगे
- शासकीय वाहन चालको को उनके एकागी पदानुसार तकनीशियन घोषित कर प्रथम ग्रेड पे 2000/- और आगे ग्रेड पे तकनीशियन के आधार पर किया जाए।
- शासन द्वारा व्यापम एवं सीधी भर्ती के माध्यम से वाहन चालक का भर्ती ले रही है। जिससे डेली विजेस में कार्यरत वाहन चालकों के साथ उनके परिवार का भविष्य अंधकार मय हो जाएगा। जिसका संघ विरोध करता है। संविदा, कलेक्टर दर, आकस्मिक निधि, दैनिक उत्तन भोगी वाहन चालक को निशर्त संविलियन करते हुए नियमित स्थापना में लिया जाए।
- शासकीय वाहन चालको के योग्यतानुसार अन्य कर्मचारियों के समान पदोन्नति, पद परिवर्तन, आयोजन (अलिपिकीय से लिपिकीय) किया जाये ताकि योग्ताधारी वाहनचालक अपनी योग्यता के आधार पर आगे बढ़ सके। जिससे शासन को किसी तरह का वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
- शासकीय वाहन चालको के दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जाए शासन के अन्य कर्मचारियों की तरह चालकों की भी समय सारणी निर्धारित हो। समस्त शासकीय कर्मचारियों की तरह शासन द्वारा घोषित छुट्टीयों का लाभ दिया जाये ताकि वाहन चालक भी अपने परिवार और समाजिक दायित्य को निभा सके।
- वाहन चालकों का कार्यभारित प्रथा को समाप्त कर स्थापना में लिया जाए।
- समस्त विभागों के शासकीय वाहनों का बीमा करवाया जाये और वर्तमान में मोबाइल भत्ता 200 के स्थान पर 1000 रु प्रदाय किया जाये।