बायलर की पूजा कर शुरू हुई शक्कर कारखाना करकाभाट में गन्ने की पेराई की तैयारी, 21 दिसम्बर से शुरू होगा 12 वा सत्र

बालोद- दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना करकाभाट में पेराई के 12वे सत्र की तैयारी शुरू हो गई है। प्रबंधन द्वारा इसके लिए फिलहाल 21 दिसंबर की तारीख प्रस्तावित की गई है। जिसके मद्देनजर उक्त तैयारी के लिए बायलर पूजा का कार्य आज संपन्न हुआ। कारखाना प्रबंधन के अधिकारी कर्मचारी सहित प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में बायलर पूजा की गई। बायलर पूजन में अध्यक्ष बल्दु साहू, सदस्य भोजराम डरसेना, राम साहू, देवब्रत साहू, प्रबंध संचालक राजेंद्र प्रसाद राठिया,लेखापाल तुलसी राम देवांगन एवं चीफ केमिस्ट, प्रभारी चीफ इंजीनियर के पी सिंह व अन्य कारखाना स्टाफ मौजूद रहे।

बायलर गर्म होने में 1 से 2 हफ्ते लगते हैं। प्रबंधन की तैयारी के मुताबिक 21 दिसंबर से गन्ने की पेराई शुरू होने वाली है। 2009 से यह कारखाना संचालित हो रहा है ।यह 12 वा पेराई सत्र है मेंटेनेंस का कार्य लगभग समाप्ति की ओर ह और अब बायलर जलाए जाने से तैयारी अंतिम रूप ले चुकी है। इस बार गन्ने की आवक कमजोर पड़ने का अनुमान भी प्रबंधन को है ।क्योंकि लोकल गन्ना अभी तैयार नहीं हो पाया है। बाहर से गन्ना मंगाने की मजबूरी है इस बार भी रह सकती है। बता दें कि क्षेत्र में शक्कर कारखाना है लेकिन इसका अपेक्षित लाभ किसान नहीं उठाते हैं। आज भी कई किसान धान की फसल लेते हैं जिसके चलते इलाके में ही गन्ने का रकबा नहीं बढ़ पा रहा है और यही कारखाने को सही तरीके से संचालन करने में रुकावट भी बन रही है और एन पेराई सीजन में ही कारखाना प्रबंधन को गन्ना नहीं मिल पाता है। इस संकट से निपटने के लिए तैयारी भी चल रही है। प्रबंधन द्वारा योजना भी बनाई जा रही है कि कहां से हम पेराई सत्र को अनवरत जारी रखने के लिए कैसे गन्ना मंगवाएंगे। कहां-कहां से कितनी गन्ने की खेप आएगी। जहां जहां भी कारखाना का क्षेत्र यानी रोपण क्षेत्र है उन इलाकों से गन्ना हर साल की तरह आएगा ही ।इसके अलावा बाहर से भी मंगवाने की तैयारी चल रही है।
33 दिन के लिए उपलब्ध है गन्ना
प्रबंधन के मुताबिक वर्तमान में यहां 33 दिनों तक पेराई के लिए गन्ना उपलब्ध है। इस बार जिले में 704 किसानों ने 620 हेक्टेयर में गन्ना की फसल ली है। इतने बड़े कारखानों को चलाने के लिए पर्याप्त गन्ना नहीं है। जिले से कारखाना को पेराई के लिए 31000 मीट्रिक टन गन्ना ही उपलब्ध हो पाएगा। जिसे देखते हुए प्रबंधन द्वारा पड़ोसी जिला दुर्ग, बेमेतरा, कवर्धा के किसानों से गन्ना मंगाया जाता है। बेमेतरा के किसानों से 60 हेक्टेयर का लगभग 7 हजार मीट्रिक टन गन्ना मंगाया गया है। जिससे 10 दिन और पेराई चल सकती है। एमडी राजेंद्र प्रसाद राठिया का कहना है कि 21 दिसंबर को पेराई शुरू करने की तैयारी की जा रही है। लेकिन इस बार शक्कर उत्पादन के लिए गन्ना की कमी भी है। जिले में 706 किसानों ने 620 हेक्टेयर में गन्ना की फसल ली है। वर्तमान की स्थिति देखें तो 33 दिनों के लिए ही गन्ना उपलब्ध हो पाएगा। 10 दिनों के लिए अन्य जिले से मदद ली जाएगी।इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
बैठक लेकर बना रहे हैं कार्य योजना
संचालक मंडल के अध्यक्ष बलदुराम साहू ने कहा कि 21 दिसंबर से गन्ने की पेराई की तैयारी को लेकर संचालक मंडल की आपात बैठक भी रखी गई थी। बैठक लेकर कार्य योजना बना रहे हैं कि कैसे इस बार की परिस्थिति से निपट सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले की तरह परिवहन शुल्क दे देती है तो शक्कर कारखाना बिना रुके 2 से 3 माह तक चल सकता है। परिवहन शुल्क नहीं मिलने के कारण भी बाहर से गन्ना नहीं मंगा सकते हैं। जो किसान सहमति दे रहे हैं उनका ही गन्ना आएगा। फिलहाल गन्ने की संकट को पहले से भांपते हुए कारखाना प्रबंधन द्वारा अलग से कोई लक्ष्य तय नहीं किया गया है। उम्मीद यही है कि जितने दिन भी कारखाना चलता रहे ठीक-ठाक चले, किसी तरह की परेशानी ना हो, इस हिसाब से मशीनों का मेंटेनेंस किया गया है। बॉयलर को भी पहले से दुरुस्त किया गया है ताकि बार-बार खराबी ना आए।