कोबा की चंचल साहू ने किया कमाल, जुनियर नेशनल वुशु चैम्पीयनशिप में दिलाया छत्तीसगढ़ को पहला ब्रांस मेडल

बालोद। शासकीय उच्चतर हायर सेकण्डरी खरथुली की छात्रा चंचल साहू (16 वर्ष) ने केरल में आयोजित 21 वी जुनियर नेशनल वुशु चैम्पीयनशिप में छत्तीसगढ़ को ब्रांस मेडल दिलाया। छग से 27 खिलाडियों ने भाग लिया। जिसमें चंचल ने छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधत्व किया। इस प्रतियोगिता में 26 राज्यों के 12 सौ से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। बालोद के ग्राम कोबा की रहने वाली चंचल साहू ने पहला ब्रांस मेडल छत्तीसगढ़ को दिलाते हुए तावलु जियांशु इवेंट में अपना रिकार्ड बनाया। बेटी के इस शानदार उपलब्धि पर जिला कलेक्टर गौरव कुमार सिंह व एसपी डॉ जितेंद्र यादव ने भी सम्मानित किया। चंचल साहू के घर वापसी पर शाला परिवार ने भी बेटी की बधाई दी। चंचल का कक्षा 11वीं (बायो) की छात्रा है, साथ ही मार्शल आर्ट के क्षेत्र में भी पारंगत हैं, कराते में ब्लेक बेल्ट चंचल साहू अपने स्कूल में सभी बालिकाओं को भी आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देती है। जिससे खरथुली की सभी बालिकाएं सेल्फ डिफेंस में पारंगत हो चुकी है। चंचल ग्राम कोबा के रहने वाले किसान भजन सिंह साहू की बेटी व नेशनल एथलिटिक्स दीप्ति साहू की छोटी बहन है। अपने स्कूल की रोल मॉडल हैं। चंचल साहू को इस उपलब्धि पर स्कूल प्राचार्य प्रेम सिंह रात्रे, गजेन्द्र पुरी गोस्वामी, भागवत चतुर्वेदी एवं शाला परिवार ने सम्मानित कर बधाई दी। इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ वुशु संघ के अध्यक्ष (प्रेसिडेंट) संजय पिल्लई (आईपीएस) तथा कोच डी कौण्डिया (जनरल सेकेट्री छत्तीसगढ़ वुशु संघ) ने हर्ष व्यक्त किया। उक्त खेल 21वी जुनियर नेशनल वुशु चेम्पीयनशिप आयोजन 1 से 6 सितंबर तक कालीकट केरल में हुआ था।

क्या होता है वुशु खेल, चीन से संबंधित है ये

वुशु एक लोकप्रिय खेल है जिसकी जड़े चीन में पायी जाती है भारत के वुशु एसोसिएशन ने इसे एक ऐसे गेम के रूप में वर्णित किया है जो लड़ाई की गतिविधियों के साथ आंतरिक और बाहरी दोनों अभ्यासों पर ध्यान देता है। यह खेल पहली बार 1989 में भारत आया था। इस खेल को राष्ट्रीय खेलों में पदक कार्यक्रम के रूप में खेला जाता है। भारत के वुशु एसोसिएशन के संस्थापक महासचिव आनंद आनंद केकर के द्वारा किये प्रयासों के कारण यह भारत में आया । एसोसिएशन ऑफ इंडिया इंटरनेशनल वुशु फेडरेशन, वुशु फेडरेशन ऑफ एशिया, दक्षिण एशियाई वुशु फेडरेशन, यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स (एमएएएएस) मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।

इसके शासी संगति को भारत सरकार, ओलंपिक समिति और सैन्य, अर्धसैनिक बलों से अनुमोदन दिया गया है। गेम को दो प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है – संसौ और ताओलो।
ताओलो में मार्शल आर्ट पैटर्न, एक्रोबेटिक मूवमेंट्स और तकनीक शामिल हैं जिनके लिए प्रतियोगियों का फैसला किया जाता है और विशिष्ट नियमों के अनुसार उसको अंक दिए जाते हैं। पारंपरिक चीनी मार्शल आर्ट शैलियों की कुल श्रेणियों के आधार पर रूपों में मूल आंदोलनों (रुख, किक, पेंच, संतुलन, कूदता, झाड़ू, और फेंकता) शामिल होते हैं, और किसी की ताकत को उजागर करने के लिए प्रतियोगिताओं के लिए इसे बदला भी जा सकता है। प्रतिस्पर्धी रूपों में समय सीमा होती है जो आंतरिक शैलियों के लिए पांच मिनट से अधिक समय तक कुछ बाहरी शैलियों के लिए 1 मिनट, 20 सेकंड तक हो सकती हैं।
संसौ एक आधुनिक लड़ाई विधि और एक पूर्ण संपर्क खेल है। संसौ में मुक्केबाजी, किक (किकबॉक्सिंग), और कुश्ती शामिल है। इसमें वुशु के सभी युद्ध पहलुओं हैं। संसौ किकबॉक्सिंग, एमएमए, मुक्केबाजी या मुय थाई की तरह दिखता है, लेकिन इसमें कई और अधिक जटिल तकनीक शामिल हैं। संसौ लड़ने की प्रतियोगिताओं को अक्सर ताल्लू के साथ रखा जाता है।

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