बालोद जिले के ब्लॉग लेखक श्रवण कुमार यादव द्वारा लिखा गया है यह सक्सेस स्टोरी
बड़गांव स्कूल के व्याख्याता कादम्बिनी यादव द्वारा संचालित “कादम्बिनी स्टार व्हाट्सअप ग्रुप” के अनमोल हीरे है यानेन्द्र
बालोद। छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित “पढ़ई तुंहर दुआर” पोर्टल में प्रतिदिन हमारे नायक के रूप में विभिन्न जिलों के एक शिक्षक एवं एक बच्चे का चयन किया जा रहा है। ऐसे ही हमारे नायक (विद्यार्थी) के रूप में चयनित हुए है बालोद जिले के ग्राम बड़गांव, डौंडीलोहारा निवासी शिक्षा सारथी यानेन्द्र कुमार पटेल, जो शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में अध्ययनरत है। उनके सफलता की कहानी को बालोद जिले के ब्लॉग लेखक श्रवण कुमार यादव सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला कोसा, विकासखंड गुंडरदेही ने लिखा है।
छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों व बच्चों के प्रेरक पहल को अन्य शिक्षकों व बच्चों तक पहुंचाने के लिए उनकी सक्सेस स्टोरी को cgschool.in पोर्टल में स्थान दिया जा रहा है ताकि दूसरे शिक्षक व बच्चे भी प्रेरित हो और वह भी उनका अनुसरण करें।
आइए जाने हमारे नायक (विद्यार्थी) शिक्षा सारथी यानेन्द्र कुमार पटेल के बारे में
कहा जाता है कि अगर मन में कुछ बेहतर करने की हौसला हो, तो हमें ऐसे अवसर आसानी से उपलब्ध हो जाते है। कुछ ऐसे ही हौसलाधारी है आज के हमारे नायक यानेन्द्र पटेल में।
परिवार के साथ अपने पारंपरिक खेती-बाड़ी कार्य में देते है सहभागिता
एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे यानेन्द्र पटेल अपने माता-पिता के साथ रहते है, तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे है। आपके पिता कृषि कार्य के साथ साथ अपनी पुश्तैनी व पारंपरिक व्यवसाय बाड़ी में विभिन्न सब्जी सहित अन्य उत्पादन कार्य करते है। इनके बड़े भाई डौंडीलोहारा ब्लॉक के कसही ट में शिक्षक है। यानेन्द्र भी अपने परिवार वालों के साथ पारम्परिक खेती-बाड़ी कार्य में सहभागिता देते है। जब हमारे ब्लॉग लेखक श्रवण कुमार यादव द्वारा उनसे संपर्क किया, तब उस समय यानेन्द्र भी सब्जी बाड़ी में अपने परिजनों का सहयोग कर रहे थे।
प्रारंभिक शिक्षा एवं पहले “प्रयास विद्यालय” फिर “इंजीनियरिंग कॉलेज” में चयनित होने तक का सफर
यानेन्द्र पटेल प्रारंभ से ही मेधावी छात्र रहा है। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गृहग्राम बड़गांव में हुआ। 10वीं की परीक्षा 90% अंकों से उत्तीर्ण करने के बाद प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इनका चयन “प्रयास विद्यालय दुर्ग” में हो गया, जहाँ 11वी, 12वी तक पढ़ाई किया। साथ ही साथ इस प्रयास विद्यालय में पीईटी की भी तैयारी कराया गया, जिससे पीईटी परीक्षा में रैंक अच्छा आने से आपको “गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर” में ट्रिपल ई ब्रांच में प्रवेश मिल गया।
कोविड-19 का स्वयं की पढ़ाई पर असर
होली अवकाश पर अपने गृहग्राम बड़गांव आए थे, इसी दौरान कोविड-19 की वजह से सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिए। शुरू के लगभग एक महीने पढ़ाई पूरी तरह बंद रहा। इस दौरान लॉकडाउन आगे बढ़ते गया और जब लगने लगा कि लंबे समय तक शैक्षणिक संस्थान नहीं खुलेंगे, तब से इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई व प्रशिक्षण ऑनलाइन ही हो रहा है। कॉलेज द्वारा लेक्चर वीडियो व ई बुक्स भेजा जाता है। साथ ही डाउट्स क्लियर करने गूगल क्लासरूम के माध्यम से लाइव सेशन भी लिया जाता है।
मोहल्ला क्लॉस की परिकल्पना
cgschool.in सीजीस्कुलडॉटइन पोर्टल के ब्लॉग लेखक श्रवण कुमार यादव से चर्चा करते हुए शिक्षा सारथी यानेन्द्र पटेल ने जानकारी दिया कि बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल की शिक्षिका कादम्बिनी यादव द्वारा अपने स्कूल के भूतपूर्व विद्यार्थियों का एक “कादम्बिनी स्टार व्हाट्सअप ग्रुप” बनाया गया है। जिसमें सभी भूतपूर्व विद्यार्थियों को जुड़ा गया है। उसी व्हाट्सअप ग्रुप में कादम्बिनी मैडम द्वारा जब छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के cgschool.in पोर्टल व “पढ़ई तुंहर दुआर” कार्यक्रम अंतर्गत मोहल्ला क्लॉस (पढ़ई तुंहर पारा) की जानकारी देते हुए सभी बच्चों को मोटिवेट कर आसपास के बच्चों को मोहल्ला क्लॉस में पढ़ाने हेतु प्रस्ताव रखा गया। चूँकि कोविड-19 की वजह से बच्चों की पढ़ाई लगभग बंद सा हो गया था। जिन बच्चों के पास मोबाईल की सुविधाएं थी, वे ऑनलाइन पढ़ाई कर लेते थे, लेकिन जिनके पास स्मार्टफोन नहीं था या फिर नेटवर्क समस्या की वजह से ऑनलाइन जुड़ नहीं पाते थे, ऐसे बच्चों के लिए मोहल्ला क्लॉस शुरू करना अतिआवश्यक प्रतीत हो रहा था।
मोहल्ला क्लॉस “यानेन्द्र के चमकते स्टार” की शुरूआत
उन्होंने आगे बताया कि कोविड-19 की वजह से हम सब लगभग फ्री ही थे और कादम्बिनी यादव द्वारा प्रेरित करने से हम सब भी अपने-अपने गांव के बच्चों के लिए कुछ करना भी चाहते थे। उनके प्रेरणा से यानेन्द्र द्वारा अपने घर पर ही बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया गया। उनके घर के आसपास के पालक भी उनसे चाहते थे कि वे उनके बच्चों को गाइडेंस दे। बच्चे भी तैयार थे, तो बस शुरू हो गया उनका मोहल्ला क्लास, जिसका नाम कादम्बिनी यादव द्वारा “यानेन्द्र के चमकते स्टार” नाम दिया गया। इस बीच शिक्षिका कादम्बिनी यादव द्वारा सभी गतिविधियों के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी नियमित रूप से दिशा-निर्देश देती रहती है। अभी भी यानेन्द्र के पास कक्षा मिडिल व हाईस्कूल के बच्चे आते है, जिनको मुख्य रूप से इंग्लिश और गणित पढ़ाते है। इसके अलावा बाकी विषय भी पढ़ाते है। “कादम्बिनी स्टार व्हाट्सअप ग्रुप” के अन्य भूतपूर्व विद्यार्थियों बिलासपुर से फार्मेसी भूपेन्द्र, राजनांदगांव में बीएससी की छात्रा सरोज ठाकुर, बालोद कॉलेज में बीएससी की छात्र कीर्तिकांत देशमुख, बड़गांव स्कूल में कक्षा 12 वीं में अध्ययनरत छात्रा नैना साहू आदि भी अपने-अपने स्तर पर अपने-अपने गांव के बच्चो को पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। इन सभी शिक्षा सारथियों को कादम्बिनी मैडम का लगातार मार्गदर्शन के साथ सभी तरह की सहयोग मिलती रहती है।
कम्पीटीटिव एक्टिविटी पर ज्यादा फोकस, मोहल्ला क्लॉस के बहाने स्वयं की भी तैयारी
यानेन्द्र पटेल अपने मोहल्ला क्लॉस में बच्चों को सिलेबस के अलावा कम्पीटीटिव एक्टिविटी पर ज्यादा फोकस किया जाता है। इसमें प्रतियोगिता व प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी, सोशल साइंस, छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान, करेन्ट अफेयर्स, मैथ्स रीजनिंग, प्रतिशत, एलसीएम, एचसीएम, सामान्य ज्ञान, ग्रुप डिस्कशन पर जोर देने से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ने के साथ साथ उनके सामान्य ज्ञान में लगातार वृध्दि हो रही है। यह सब कंठस्थ होने से बच्चे तत्काल प्रश्नों के उत्तर देने लगे है।
सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सहअस्तित्वपूर्वक सहभागिता
यानेन्द्र ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए उनको स्वयं भी पढ़ना पड़ता है। इससे उनकी भी तैयारी हो जा रहा है। इसके अलावा मोहल्ला क्लॉस में बच्चों को प्रतिदिन पाँच पाँच सामान्य ज्ञान (GK) याद कर लाना होता है। इस तरह वे एक दूसरे के द्वारा अपने अपने GK को शेयर करने से लगातार GK की संख्या बढ़ता जा रहा है। इस तरह हम सभी सीखने सिखाने की प्रक्रिया में सहअस्तित्व के साथ सहभागिता दे रहे है। इस मोहल्ला क्लॉस हेतु बच्चे बहुत उत्साहित है। बच्चे समय से पूर्व ही पहुँच जाते है और एक दूसरे से GK पर चर्चा करते रहते है।
ग्रुप डिस्कशन व डाउट्स क्लियर करने बनाया व्हाट्सअप ग्रुप
मोहल्ला क्लॉस में चर्चा के बाद अगले दिन के कुछ गृह कार्य दिया जाता है, अगर उसमें किसी को कोई डाउट्स हो जाता है, तो उस पर चर्चा करने के लिए एक व्हाट्सअप ग्रुप में बनाया गया है, जिस पर बच्चे आपस में ही चर्चा कर इसे क्लियर किया जाता है। इस पर अगले दिन मोहल्ला क्लॉस में भी चर्चा कर डाउट्स क्लियर करने का प्रयास किया जाता है।
कोविड-19 के पूर्व भी सामान्य दिनों में स्कूल में जाकर बच्चों को देते थे टिप्स
चूँकि यानेन्द्र बड़गांव स्कूल में 10वी तक पढ़ने के बाद प्रयास विद्यालय हेतु चयनित हुआ था, साथ ही वर्तमान में इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्ययनरत है। जब वह शीतकालीन सहित अन्य छुट्टियों में अपने गांव आता था, बड़गांव स्कूल के शिक्षक संतोष कुमार देवांगन के प्रस्ताव अनुरूप बच्चों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं जैसे प्रयास विद्यालय, नवोदय विद्यालय सहित अन्य प्रवेश परीक्षाओं से सम्बंधित मार्गदर्शन देने में सहभागिता भी देता था।
पढ़ाई के साथ साथ म्यूज़िक, गायन, वादन, अभिनय, खेल सहित अनेक क्षेत्रों में गहरी रूचि रखने यानेन्द्र पटेल का मानना है कि उनको खुशी है कि इस वैश्विक महामारी कोविड-19 के समय में विपरीत परिस्थितियों में भी वह अपने गांव के बच्चों के लिए इस समय कुछ कर पा रहे है। ऐसे प्रतिभाशाली, मेधावी, ऊर्जावान, सकारात्मक विचार वाले इस युवा को उनके इस अनुकरणीय पहल हेतु बधाई देते हुए जिले व ब्लॉक अधिकारियों सहित उनके गुरूजनों व ग्राम बड़गांव के वरिष्ठजनों द्वारा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना किए गए है।