बालोद जिला मुख्यालय का ही हिस्सा है ये इलाका, पर अभावों में गुजारा कर रहे यहां के लोग
ज्ञापन देने पहुंचे कलेक्ट्रेट, बोले- समेकित कर ले लो साहब पर पानी, बिजली, सड़क दे दो
बालोद। पानी, बिजली सड़क जैसे बुनियादी सुविधाएं से वंचित रहवासियों ने अपर कलेक्टर बालोद को अपना दुखड़ा सुनाकर ज्ञापन दिया नगरपालिका अंतर्गत वार्ड 20 भाटापारा के लगभग 100 महिला पुरुषों ने पानी बिजली सड़क की मांग को लेकर अपर कलेक्टर बालोद को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।
विदित हो कि उक्त वार्ड 20 भाटापारा में लगभग 100 परिवार विगत 20 वर्षों से छोटे-छोटे मकान बनाकर रोजी मजदूरी कर निवास करते है वहां के रहवासियों द्वारा विगत कई सालों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। पेयजल हेतु नगर पालिका द्वारा एक छोटा सा सिंटेक्स का टंकी लगाकर पीने का पानी देती है। क्योंकि वहां रोजी मजदूरी करने वाले निवास करते हैं। सुबह 9 बजे उन्हें काम में जाना पड़ता है हमेशा लड़ाई झगड़ा पानी के लिए होता है। वैसे ही एक विद्युत खंभे में सभी घरों का मीटर लगाया गया है और टेंपरेरी अस्थाई कनेक्शन रहवासियों को दिया गया है। जिसका बिल पटाने में गरीब मजदूरों को सोचना पड़ता है। किसी का 1000 किसी का 2000 का बिल प्रतिमाह आता है। स्ट्रीट लाइट लगाने हेतु विद्युत खंभे की मांग लगातार की जा रही है। 8 विद्युत खंभा की जरूरत है। चट्टानी पत्थर इलाका होने के कारण वहां पर सांप बिच्छू का भय बना रहता है। रहवासियों द्वारा अपने अपनी बनाई हुई सड़क में ही चलने को मजबूर हैं। लगातार मुख्यमंत्री, नगर पालिका अध्यक्ष, विधायक से गुहार लगाने के बावजूद आज पर्यंत तक ध्यान नहीं दिया गया है।
आज तो गजब ही हो गया जब 4 घंटे इंतजार के बावजूद नगर पालिका अधिकारी व नगर पालिका अध्यक्ष नगरपालिका कार्यालय ही नहीं आए। पूरे मोहल्ला वासी नगर पालिका अध्यक्ष व नगर पालिका अधिकारी को कोसते हुए पालिका के कर्मचारियों को आवेदन सौंपकर वापस आए। मोहल्ले वासियों ने कहा है कि नगर पालिका हमसे समेकित समेकित कर ले ले और शीघ्र यहां पीने के लिए पानी स्ट्रीट लाइट हेतु विद्युत खंभा व सीमेंट कंक्रीट सड़क निर्माण करे। आज यहां के रहवासियों ने तत्कालीन कलेक्टर राजेश सिंह राणा को खूब याद किया। क्योंकि कलेक्टर राणा उस क्षेत्र में पहुंचकर बिजली विभाग नगर पालिका विभाग एवं नल विभाग को अपने साथ में ले जाकर के मूलभूत सुविधाएं देने संबंधित को निर्देशित किए थ। निर्देशित करने के दो-तीन दिन बाद ही उनका तबादला हो गया। तबादला के पश्चात किसी भी अधिकारी ने वहां के रहवासियों की खोज खबर नहीं ली। वर्तमान कलेक्टर से भाटापारा वासियों को उम्मीद जगी है की उन्हें कलेक्टर सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। इसी आशा के साथ आज वहां के रहवासी महिला पुरुषों ने कलेक्टर कार्यालय जाकर उनकीअनुपस्थिति मे अपर कलेक्टर को निवेदन कर ज्ञापन सौंपा। संतोष कौशिक पूर्व पार्षद व भाजपा शहर महामंत्री ने कहा कि यह बस्ती 15 से 20 साल से है। यहां बिल्कुल ही नगर पालिका प्रशासन द्वारा ध्यान नही दिया जाता। कुछ दिन पूर्व ही सेंटेक्स का एक छोटा सा टंकी लगाकर पीने का पानी दे रही है। पहले वहां के रहवासी झरिया का पानी पीते थे। आज भी उस झरिया का उपयोग हो रहा है। सात बजे के बाद उस बस्ती मे कोई जा नही सकता, न ही कोई अपने घर से निकलता है। क्योंकि वहां अंधेरा ही अंधेरा रहता है। जहरीला सांप बिच्छू प्रतिदिन देखा जा सकता है। रमन सरकार ने कलेक्टर राणा को निर्देशित कर पानी बिजली सड़क जैसे बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने कहा था। वर्तमान मुख्मंत्री के पास भी ये लोग गए थे। परन्तु आज तक कोई भी सुविधा नही मिली। विधायक नगरपालिका अध्यक्ष तो इनकी बात को सुनने के लिए भी कतराते है। भाजपा शहर महामंत्री संतोष कौशिक ने भाटापारा वासियों को त्वरित बुनियादी सुविधाएं देने की मांग शासन प्रशासन से किया है।