कोविड-19 से अनाथ और बेसहारा हुए बच्चों की स्थिति जानने पहुंचे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन,बालोद जिले में चाइल्ड केयर अस्पताल के अधूरे काम पर कहा 15 दिन में पूरा करो
बालोद। मंगलवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन बालोद जिले के प्रवास में रहे। प्रवास में कोविड-19 से प्रभावित बच्चों के पुर्नवास बाल स्वराज पोर्टल में दर्ज बच्चों के संबंध में जानकारी ली गई। सदस्य यशवंत जैन, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली द्वारा जन्मेजय महोबे, कलेक्टर जिला बालोद के समक्ष कोविड-19 से प्रभावित बच्चों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान हरिकीर्तन राठौर, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बालोद एवं बसंत कुमार बाघ, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला बालोद उपस्थित रहें। जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीकीर्तन राठौर द्वारा जानकारी दिया गया कि बाल कल्याण समिति के समक्ष कोरोना संक्रमण से प्रभावित कुल 02 बच्चों को प्रस्तुत किया गया है। जिसमें दोनों बच्चे अनाथ है। 01 बच्चे को उसकी बड़ी बहन के संरक्षण में सौपा गया है तथा 1 बच्चे को उसके दादा जी के संरक्षण में सौंपा गया है। इनकी जानकारी बाल स्वराज पोर्टल में अपलोड किया गया है। सदस्य यशवत जैन द्वारा कहा गया कि कोविड-19 के महमारी से बहुत बच्चे अनाथ एवं बेसाहरा हो गये हैं, जिनके देखरेख एवं संरक्षण अंतर्गत शिक्षा एवं आर्थिक मदद की जिम्मेदारी शासन की हो जाती है।
महतारी दुलार योजना से 104 बच्चे लाभान्वित
शिक्षा विभाग से जानकारी लिये जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी बालोद द्वारा बताया गया कि कुल 104 बच्चों को महतारी दुलार योजना अंतर्गत लाभांवित किया गया है। मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से कोविड- 19 से मृतकों की सूची लेकर शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास द्वारा पुनः सर्वे कराने हेतु निर्देश दिये गये। महिला बाल विकास एवं शिक्षा विभाग के आकड़ों में मिलान नहीं होने के कारण यशवंत जैन ने जिला शिक्षा अधिकारी बालोद और महिला बाल विकास अधिकारी दोनो को आपसी समन्वय से सभी बच्चों को बालक कल्याण समिति में प्रस्तुत करने हेतु निर्देश किया। आवश्यकता पड़ने पर बालक कल्याण समिति की बैठक समस्त विकासखण्डों में करने हेतु निर्देश दिया गया।
समीक्षा बैठक के उपरांत सदस्य जैन द्वारा जिला चिकित्सालय बालोद का भी दौरा किया गया, जिला चिकित्सालय में विशेष नवजात शिशु देखरेख (SNLU) का निरीक्षण किया गया। जिसमें कुल 11 बच्चे वार्ड में मिले। वार्डो में साफ सफाई ठीक रहा। साथ ही पोषण पुर्नवास केन्द्र (एनआरसी) का भी निरीक्षण किया गया। एवं बच्चों तथा उनकी माताओं से मुलाकात किया गया। निरीक्षण दौरान एनआरसी में 10 बेड में से 9 बेड में भरा हुआ। सदस्य द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश किया गया कि कुपोषित बच्चों को रोस्टर बनाकर एनआरसी में भेजे। बेड खाली न हो एवं गांव में कार्यकर्ता के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने हेतु महिला एवं बाल विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया। चाइल्ड केयर अस्पताल का निरीक्षण उनके द्वारा किया गया।
चाइल्ड केयर अस्पताल की यह है व्यवस्था, 15 दिन के भीतर काम पूरा करने निर्देश
कोविड से बचाव हेतु चाइल्ड केयर अस्पताल में कुल 50 बेड है। जिसमें 40 बेड जनरल तथा 10 बेड आईसीयू बनाया जा रहा है। सभी बेड में ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई प्रत्येक बिस्तर पर लगे हुये है। चाइल्ड केयर अस्पताल का निर्माण कार्य अपूर्ण है। जिसे 15 दिवस के अंदर पूर्ण करने हेतु निर्देश दिया गया। इसके बाद कोविड 19 के अंतर्गत अनाथ हुए एक बालिका ग्राम देवारभाट से मुलाकात किया गया। बालिका की पढ़ाई के संबंध में बालिका से चर्चा किया गया। साथ ही पीएम पोर्टल योजना के बारे में सदस्य द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में कलेक्टर जनमेजय महोबे, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, सिविल सर्जन जिला अस्पताल बालोद, संरक्षण अधिकारी आईसीपीएस बालोद उपस्थित रहे।