ई-लाइब्रेरी बालोद है भगवान भरोसे, छात्रों को नही मिल रहा अपेक्षित लाभ, अब तक खुल नही पाई

बालोद। छ.ग. सरकार द्वारा संचालित जिला ग्रंथालय बालोद जहाँ आसपास के दूर दूर के गाँव से लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते है. वर्तमान में लाइब्रेरी भगवान के भरोसे चल रही है। मार्च महीने से कोरोना की वजह से लॉकडाउन के चलते बंद थी, अभी वर्तमान में 2 अगस्त से सरकार के आदेश पर स्कूल / कॉलेज फिर से शुरू कर दी गयी है किन्तु लाइब्रेरी आज भी बच्चों के लिए बंद पड़ी है। तैयारी करने वाले बच्चों के द्वारा कई बार जिला शिक्षा अधिकारी बालोद एवं कलेक्टर के पास आवेदन देने के बाद भी कोई सुध नहीं ली जा रही है। छात्र नेता देवेन्द्र साहू ने कहा बाकि जिलो की लाइब्रेरी शुरू हो चुकी है, किन्तु बालोद की अब भी बंद है। छात्रों द्वारा पता करने पर यह बताया गया की अभी वर्तमान में स्वामी आत्मानंद स्कूल के शिक्षको की भर्ती हेतु आवेदन की कॉपी लाइब्रेरी में जमा करायी गयी है जिसकी छटनी, साक्षात्कार सब लाइब्रेरी में की जायेगी, उसके बाद ही शायद लाइब्रेरी खुल सकती है। इससे पहले भी जब शिक्षा विभाग का कोई कार्य होता है जैसे शिक्षकों की भर्ती, दस्तावेज परीक्षण साक्षात्कार सब लाइब्रेरी में ही की जाती है । जिसके वजह से लाइब्रेरी में पढ़ाई करने वाले पाठको का नुकसान होता है। पाठकों का कहना है कि लाइब्रेरी पढ़ने के लिए होता है न की इन सब कामों के लिए, इन सब कार्यों के लिए अन्य सरकारी भवन खाली है। उसका उपयोग करने के बजाय केवल अधिकारियों को लाइब्रेरी ही नजर आता है। ऐसे ही बेरोजगारी बढ़ी हुयी है 5 साल में कोई नौकरी की सूचना आती है जिसकी तैयारी घर से संभव नहीं हो पाती। जिसके लिए तैयारी करने वाले लाइब्रेरी जाते है. पर लाइब्रेरी बंद होने से वो भी संभव नहीं हो पा रहा। बाकि जिलो की लाइब्रेरी प्रारंभ हो चुकी है और प्रतियोगी परिक्षाए भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में बाकि जिलो के बेरोजगारों की तैयारी अच्छी चल रही है किन्तु बालोद जिला के बेरोजगारों का हाल बेहाल है।सबसे ज्यादा नुकसान दूर दूर के गाँव से रोज लाइब्रेरी आने वाले बच्चो का हो रहा है। गाव में ऐसे ही कोई सुविधा जैसे पुस्तक नोट्स, मैगजीन आदि नहीं मिल पाती। जिसके लिए लाइब्रेरी ही एकमात्र सहारा है किन्तु अधिकारियों के रवैये से वो भी संभव नहीं हो पा रहा। पाठको में भानु प्रकाश, विवेक, धर्मेन्द्र, सुनीत, डामेश, हंसप्रभा, दामिनी ने बताया की लाइब्रेरी के उपर का भवन खाती है इसके अलावा पुराना जिला पंचायत जहाँ पहले कोचिंग चलती थी वो भी खाती है, लाइब्रेरी के बाजु में बीआरसी
भवन का कमरा खाली है. इन जगहों पर शिक्षकों की भर्ती दस्तावेज छटनी साक्षात्कार की जानी चाहिए, न की लाइब्रेरी में, ताकि लाइब्रेरी में पढ़ने वालों का कोई नुकसान न हो।

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