सबसे कठिन गणित विषय को ही खेल-खेल कर हुई हाई स्कूल जमरूवा में शाला प्रवेशोत्सव


बालोद:-ज्ञात हो कि पिछले 2 वर्ष से वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट में चरमराई शिक्षा व्यवस्था का आज 2 अगस्त 2021 को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शाला प्रवेश उत्सव के माध्यम से विद्यालय पूरे प्रदेश भर में प्रारंभ किया गया। इसी तारतम्य में जिले के समस्त विद्यालय के साथ शासकीय हाई स्कूल जमरूवा में कोरोना गाईड लाइन का पालन करते हुए विद्यालय में शाला प्रवेश उत्सव मनाकर शैक्षणिक सत्र का संचालन विद्यालय में किया गया। इसके पहले वेबेक्स एप के माध्यम से ऑनलाइन क्लास ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता तथा मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षा गतिविधि संचालन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था किया था। अभी वर्तमान समय में शाला संचालन हेतु शासन के द्वारा विद्यालय में खुशनुमा माहौल स्थापित करने का निर्देश दिया गया था. जिसके अंतर्गत चित्रकला रंगोली सामाजिक दूरी वाले खेलकूद आदि प्रतियोगिता का आयोजन कर शाला प्रवेश उत्सव मनाया जाना था। ऐसे गतिविधि में हमेशा अग्रणी रहने वाला विद्यालय शासकीय हाई स्कूल जमरूवा जिसकी हमेशा विशिष्ट पहचान होती है, जिन्होंने शाला प्रवेश उत्सव में चित्रकला रंगोली प्रतियोगिता के साथ गणित जैसे विषय जिसे आमतौर पर सबसे कठिन एवं बोझिल विषय माना जाता है, उसी विषय को खेल-खेल के माध्यम से नवाचारी गणिती गतिविधि लेखन प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यालय के नवाचारी व्याख्याता रघुनंदन गंगबोईर जिसे नवाचार एवं बड़ी से बड़ी संख्या के वर्ग निकालने के सूत्र की खोज के लिए जिला का प्रथम मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण शिक्षा श्री से सम्मानित किया जा चुका है, उसके द्वारा चार प्रकार के नवाचारी गतिविधि जिसमें सर्वप्रथम वर्ग चक्रव्यूह लेखन के साथ विषम संख्याओं के संचयन से वर्ग लेखन त्रिकोण विस्तार से वर्ग लेखन तथा 9 के आवर्ती पहाड़ा लेखन प्रतियोगिता जिसे संबंधित व्याख्याता ने स्वयं तैयार किया है, के माध्यम से विद्यार्थियों के बीच बड़े ही रोचक एवं खुशनुमा माहौल में विद्यालय प्रवेश उत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें विद्यालय के अधिकांश बच्चों ने प्रतिभागिता दी। जिसमें तय समय सीमा के अंतर्गत सर्वाधिक उत्कृष्ट तरीके से गणितीय गतिविधि के लेखन करने वाले विद्यार्थियों कुमारी वेणु, रोशनी कक्षा नवमी कुमारी सोनम कक्षा 9वी तथा कुमारी तथा छात्र निखिल कुमार को क्रमशः प्रथम द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ स्थान प्रदान किया. जिन्हें राष्ट्रीय पर्व के दिन प्रतीक चिन्ह एवं पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा।