अर्जुंदा मिडिल स्कूल की शिक्षिका पुष्पा बच्चों को वाट्सएप ग्रुप के जरिये दे रही मार्गदर्शन
बालोद। शिक्षा विभाग द्वारा इन दिनों एम आई राइट यानी आमाराइट (क्या मैं सही हूं) इस परियोजना के नाम से एक अच्छी मुहिम शुरू की गई है। जो कि प्राइमरी से हायर सेकेंडरी स्कूल तक के लिए लागू है। प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी 4 स्तर पर बच्चों के लिए प्रश्नावली तैयार की गई है। जिसे उन बच्चों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान घर पर ही हल करके जब स्कूल खुलेंगे तो जमा करना होगा। इस परियोजना के अंतर्गत पुस्तकीय ज्ञान के अलावा अपने आस परिवेश के बारे में भी सवाल पूछे गए हैं। छत्तीसगढ़ से संबंधित सवाल ज्यादा हैं। खास बात यह है कि इसमें बच्चों से कोरोना के सवाल किए गए है । जैसे कोरोना के प्रारंभिक लक्षण क्या है, क्या उपाय करें, कोविड- केयर सेंटर क्या होता है,कोरोना टेस्ट की कौन-कौन सी विधियां हैं उनमें अंतर क्या क्या है आदि। बच्चों को इन सवालों को हल करने में अपने माता-पिता या अन्य रिश्तेदारों से भी मदद ले सकते हैं। उनके क्लास की स्तर के हिसाब से ही प्रश्न तैयार किए गए हैं। जिन्हें हर बच्चों को हल करना है।
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में शिक्षक स्कूल बंद होने के बावजूद उन्हें फोन या वाट्सएप ग्रुप के जरिए भी मार्गदर्शन दे रहे हैं। इस क्रम में शासकीय मिडिल स्कूल अर्जुन्दा की शिक्षिका पुष्पा चौधरी भी बच्चों को पूर्व से बने ऑफलाइन ऑनलाइन स्टडी ग्रुप के जरिए मार्गदर्शन दे रही है। उन्हें प्रायोजना के प्रश्नों को कैसे हल करना है कहां से और कैसे उन्हें जानकारी मिलेगी, इन सब बातों को उन्हें समझाया जा रहा है व उनकी मदद की जा रही है। इसके पहले भी उनके द्वारा मोहल्ला क्लास, अंगना मा शिक्षा के जरिए पहल करते हुए बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखा गया था। अभी एम आई राइट आमाराइट परियोजना पर फोकस किया जा रहा है।
इस तरह के पूछे जा रहे हैं सवाल
बच्चों को सामान्य ज्ञान के अलावा छत्तीसगढ़ के बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं। तो कोरोना पर 100 शब्दों में टिप्पणी लिखने के लिए भी कहा गया है। इन सबके अलावा परिवार की वंशावली, छत्तीसगढ़ी खेलों व खिलाड़ियों की संख्या, पर्यावरण से संबंधित सवाल, अपने मन से सामान्य ज्ञान के 10 प्रश्न बनाने व उनका उत्तर ढूंढने, अपने आसपास होने वाली बीमारियों के नाम, उनके कारण और बचाव, सरकार की योजनाओं का नाम, इस छुट्टी के दौरान वे क्या-क्या कार्य किए, उनकी जानकारी, कबाड़ से जुगाड़ कर पांच उपयोगी चीजें बनाने, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों व लोक कला के नाम सहित अन्य मुहावरों छत्तीसगढ़ी में वाक्य बनाने सहित अन्य सवाल पूछे गए हैं।शासन द्वारा ही प्रयोजना के लिए सवाल तैयार किए गए हैं। वह चार स्तर पर तैयार किए गए हैं। कक्षा 1 से 5 के लिए एक प्रयोजना, कक्षा 6 से 8 के लिए दूसरी प्रायोजना, कक्षा नौवीं दसवीं के लिए तीसरी प्रायोजना व 11वी 12 वी के लिए चौथी प्रायोजना तैयार की गई है।
आमाराइट प्रयोजना, ग्रीष्मकालीन योजना 2021 इसलिए भी है कारगर
कोरोना का संक्रमण जब से हमारे देश में आया तब से लेकर वर्तमान समय तक अगर अपनी नजर दौड़ाए तो अपने आसपास हमने बहुत से अपने जन ,धन की हानि होते हुए देखा है। मगर सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला विभाग है हमारा शिक्षा विभाग। इसलिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो,बच्चे कहीं ना कहीं शिक्षा से जुड़े रहे इसलिए कई सारी योजनाएं तैयार की। इन योजनाओं में शाला प्रारंभ की स्थिति में जब कोरोना का खतरा आसपास मंडराने लगा तब सारे स्कूल और कॉलेज बंद हो गए। जिससे बच्चों की पढ़ाई बहुत ही ज्यादा प्रभावित होने लगी। सरकार की इस योजना के तहत जैसे ऑनलाइन पढ़ाई ,बुलटू के बोल, लाउडस्पीकर, मुहल्ला क्लास, वीडियो कॉन्फ्रेंस इत्यादि चले। मगर इन योजनाओं के द्वारा बच्चों की पढ़ाई की भरपाई करना बेहद मुश्किल था फिर भी समस्त शिक्षकों द्वारा इस योजनाओं को अपने अपने स्तर पर लागू किया गया एवं भरसक प्रयास किया और बच्चे की पढ़ाई को जारी रखने का कार्य किया। वर्तमान में एक योजना लागू किया गया है जिसका नाम है ,,एम आई राइट,, अर्थात ,,आमा राइट ,,प्रयोजना। यह योजना ग्रीष्मकालीन अवकाश के अवसर पर बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास किया गया है। आमा राइट का अर्थ होता है ,,क्या मैं सही हूं,, इसमें बच्चे जो ग्रीष्मकालीन में रहेंगे उनको एक प्रोफाइल तैयार करना है। जिसमें बच्चे अवकाश में प्रोफाइल तैयार करेंगे और जब स्कूल खुलेगा तो उस प्रोफाइल को जमा करेंगे। शिक्षिका पुष्पा चौधरी ने बताया इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि बच्चे अपने विषय आधारित प्रश्नों को अपने माता-पिता, भाई-बहन, आसपास के साथियों के द्वारा उसके मदद से उसका उत्तर लिखकर याद रखने का प्रयास करेंगे एवं उसको अपने मनचाहे तरीके से फाइल को तैयार करेंगे। इनके जो प्रश्न है वह विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर एवं अपने आसपास के विभिन्न वातावरण से बच्चे को रूबरू हो एवं विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले अपने आसपास के अपने क्षेत्र के कलाकार खिलाड़ी,साहित्यकार, रचनाकार एवं अपने परिवेश के महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर सकेंगे। इस कार्य के लिए मुझे जिम्मेदारी दी गई है। जो मेरे लिए गर्व की बात है। मैं समस्त बच्चों से एक बार पुनः फोन से रूबरू होकर उनसे संपर्क करके इस जानकारी को अपने ,,ऑनलाइन ऑफलाइन स्टडी ग्रुप ,,में साझा करके दे रही हूं एवं समस्त बच्चों को अवगत कराने का कार्य प्रारंभ की हूं। इससे कोरोनावायरस के बारे में प्रश्न पूछा गया जो कि महत्वपूर्ण प्रश्न में से एक है। जिसे इस प्रोफाइल में शामिल किया गया है जो कि समस्त बच्चों के लिए बहुत ही कारगर साबित होगा। इससे बच्चों को कोरोना से बचाव,और सावधानियों के बारे में जानकारी गहरी होगी। प्रोफाइल को बच्चें पूर्ण करने एवं मैं भी उनके उचित मार्गदर्शन करने का प्रयास कर रही हूं। स्कूल के समस्त छात्र छात्राओं को यह फाइल उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रही हूं। जिससे सभी बच्चे इसमें शामिल हो सके और हमारा योजना सफल हो सके। श्रीमती चौधरी ने कहा इसके पहले मैंने बहुत सारे क्लास ऑनलाइन क्लास ,ऑफलाइन क्लास, वीडियो बनाकर बच्चों को भेजना एवं बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ नवाचारी खेल खेल के माध्यम से पढ़ाई को जारी रखने का प्रयास भी किया। कोरोना काल में मेरे द्वारा क्वॉरेंटाइन में ड्यूटी मास्क का वितरण, कोविड 19 ट्रेसिंग ऑन ड्यूटी भी की। मुझे इस मुसीबत की घड़ी में लोगो ,बच्चों के लिए काम करना अच्छा लगता है।