ना डरे, ना सहे, चुप्पी तोड़े, आवाज उठाएं,,,,पुलिस का अभिव्यक्ति अभियान पहुंचा बेटियों तक
अभिव्यक्ति अभियान के तहत युवतियों को जागरूक करने के लिए महिला सेल की टीम ने बस, रेलवे स्टेशन व कॉलेज जाकर युवतियों को बांटे जागरूकता के पंपलेट
बालोद। इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पुलिस प्रशासन व यूनिसेफ के माध्यम से इस बार अभिव्यक्ति नारी के सम्मान की अभियान शुरू किया गया है। जो 1 हफ्ते तक चलेगा। इस अभियान के तहत महिलाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कानून के बारे में जागरूकता लाई जा रही है। इस अभियान के तहत शनिवार को महिला सेल, रक्षा टीम के स्टाफ कॉलेज बस स्टैंड व स्कूलों में खास तौर से युवतियों को जागरूक करने के लिए पहुंची।
बालोद कॉलेज में लड़कियों को अभियान से संबंधित जागरूकता पंपलेट देकर उन्हें आगाह किया गया कि कैसे वे अपराधिक तत्वों से सावधान रहें तो वहीं रेलवे स्टेशन तक में भी जाकर जागरूकता से संबंधित पंपलेट पोस्टर चिपकाए गए। बस में भी चढ़कर वहां सफर कर रही महिलाओं को यह पोस्टर बांट कर उन्हें जागरूक किया गया। ना डरे, ना सहे, चुप्पी तोड़े, आवाज उठाएं,,, यह नारा देकर उक्त अभियान को छत्तीसगढ़ पुलिस हर बेटी बहू तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
महिलाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कौन-कौन सी धाराएं हैं, कौन-कौन से अधिनियम है और किस अधिनियम के उल्लंघन में क्या सजा होती है उसके लिए महिलाओं को क्या करना पड़ेगा यह सब बातें इस जागरूकता अभियान के दौरान पंपलेट के जरिए बताई जा रही है।
तो वहीं सखी वन स्टॉप सेंटर की भी जानकारी महिलाओं को दी जा रही है कि कैसे सखी सेंटर भी एक अस्थाई आशियाना बनकर गरीब बेसहारा व भटकी हुई महिलाओं की मदद करती हैं। इसके अलावा साइबर अपराध के बारे में भी बताया जा रहा है।
थाना प्रभारी अजाक, महिला सेल प्रभारी पद्मा जगत के नेतृत्व में उक्त अभियान चल रहा है। जिसके तहत जल्द ही ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में भी दस्तक देकर वहां की छात्राओं को इस संबंध में जागरूक किया जाएगा।