EXCLUSIVE- अब बालोद के इस गांव में लगा दबा बल्लू पर प्रतिबंध ,5000 रुपए दंड का भी फरमान, पढ़िये पूरा मामला

जगन्नाथपुर में ग्राम समिति का फैसला, मेला मड़ाई व सार्वजनिक आयोजन में दबा बल्लू चिल्लाने पर 5000 रुपये दंड
जगन्नाथपुर/बालोद
। जगन्नाथपुर के ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ी गानों की वजह से समाज व संस्कृति में बढ़ती अश्लीलता को रोकने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है। हाल ही में एक गाना दबा बल्लू का टाइटल का दुष्प्रचार  हो रहा है। इस दबा बल्लू शब्द को शरारती तत्वों ने छेड़खानी का जरिया बना लिया है और जिससे खासतौर से महिलाओं और लड़कियों को परेशानी होती है। इस तरह की शिकायतों व शरारत के चलते जगन्नाथपुर ग्राम समिति के लोगों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। खास बात यह है कि बकायदा ग्राम समिति की बैठक हुई है। जिसमें उक्त प्रस्ताव भी पारित किया गया।इस बैठक के फैसले के मुताबिक मडई मेला सहित सार्वजनिक आयोजन में दबा बल्लू चिल्लाने पर ₹5000 अर्थदंड लिया जाएगा। यह फैसला ग्राम समिति के सभी ग्रामीणों का है। बताया जाता है कि पिछले दिनों जब ग्राम समिति की बैठक हुई तो वहां किसी पालक ने इसकी शिकायत की कि गांव के कुछ शरारती युवक राह चलती लड़कियों को देखकर इस तरह से चिल्ला रहे थे। जो अभद्र भी लगा। ग्राम समिति ने इसे गंभीरता से लिया और इस पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया। अंततः बैठक में रायशुमारी हुई और ग्रामीणों ने एकजुटता के साथ इस निर्णय को पारित किया कि अगर कोई गांव में इस शब्द का उच्चारण करता है, किसी को इस तरह से चिल्लाकर छेड़ता है या किसी के माध्यम से इस तरह की शिकायत आती है तो सामने वाले को ₹5000 अर्थदंड से दंडित किया जाएगा। उक्त दंड का पैसा ग्राम समिति में जमा होगा। जिसे गांव के विकास कार्य पर खर्च किया जाएगा।

आज कबड्डी व 7 को है मेला इसलिए पहले से यह व्यवस्था
 ग्रामीणों ने ग्राम समिति के अध्यक्ष व पूर्व जनपद सदस्य संतोष देशमुख ने बताया कि 7 फरवरी को ग्राम जगन्नाथपुर में मेला व 6 फरवरी को कबड्डी चौसर प्रतियोगिता है। ऐसे में शरारती तत्वों के द्वारा हुल्लड़ बाजी का खतरा भी रहता है। इसलिए पहले से बैठक लेकर यह निर्णय सुनाया गया है। ताकि इस तरह की हरकत कोई ना करें और लोग सचेत रहे। आमतौर पर शराब के नशे में या शरारती तत्व इस तरह की हरकत करते हैं। जिससे वहां कार्यक्रम में देखने के लिए आई महिलाओं व लड़कियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पर गांव में इस तरह की शिकायत ना आए इसलिए पहले से बैठक लेकर ग्राम समिति ने यह फैसला लिया है।

 क्या कहते हैं ग्राम प्रमुख

 शिकायत आई थी इसलिए फैसला हुआ

ग्राम समिति के अध्यक्ष संतोष देशमुख ने कहा कि पिछले दिनों जब बैठक हुई तो एक व्यक्ति ने इस संबंध में शिकायत की थी कि गांव के कुछ शरारती युवक दबा बल्लू कहकर लड़कियों को चिढ़ाते हैं। इसे हमने गंभीरता से लिया और इस पर प्रतिबंध लगाया गया है।

अश्लीलता को बढ़ावा नहीं देंगे 

समिति के उपाध्यक्ष जनक साहू ने कहा कि हम किसी भी स्तर पर गांव में अश्लीलता को बढ़ावा नहीं देंगे। यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गाना अपनी जगह सही होगा लेकिन उसके डायलॉग को अगर शरारती तत्व दुष्प्रचार कर के महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करेंगे तो यह सही नहीं है इसलिए इस पर रोक लगाई जा रही है।

 हर गांव में इस पर लगनी चाहिए रोक

 ग्राम समिति के सचिव त्रिभुवन विश्वकर्मा ने कहा  छत्तीसगढ़ी गानों के जरिए कई बार फूहड़ता बढ़ रही है। इस पर रोक लगनी चाहिए। फूहड़ता रहित गानों का निर्माण होना चाहिए। तो वही गानों के अर्थ का अनर्थ नहीं करना चाहिए। दबा बल्लू से कई जगह छेड़खानी की शिकायत सुनने को मिल रही है इसलिए प्रतिबंध जरूरी है।

 महिलाओं के सम्मान के लिए यह पहल

उपाध्यक्ष चंद्र कुमार साहू (रिटायर्ड आर्मी के जवान) ने कहा कि महिलाओं के सम्मान के लिए है यह पहल बहुत जरूरी है। वरना छींटाकशी, छेड़खानी की घटना हो सकती है। आने वाले दिनों में मेला व कबड्डी रखा गया है। इसलिए समय पूर्व शरारती तत्वों को सचेत करने के लिए यह फैसला लिया गया है। जो आगे भी लागू रहेगा।

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