अच्छी शुरुआत: पुरखों के सपने को शिक्षक ने किया पूरा:” सुरता हमर कोसागोन्दी” पुस्तक का हुआ विमोचन, आने वाली पीढ़ी गांव का इतिहास जान सकेगी इस पुस्तक से…..

बालोद। गुरुर ब्लॉक के ग्राम कोसागोंदी में समाज रत्न स्वर्गीय अभय राम साहू (गुरुजी) की स्मृति दिवस पर युवा एवम् शिक्षित जनों के द्वारा गाँव के इतिहास, भौगोलिक स्थिति, कला सांस्कृतिक तथा बुजुर्गों का स्मरण को “सुरता हमर कोसागोन्दी” पुस्तक का विमोचन किया गया। इस पुस्तक के जरिए आने वाली पीढ़ी के लिए अब इतिहास को संजो कर रखा गया है। जिससे युवा पीढ़ी अपने पुरखों के जीवन से सीख लेंगे और गांव की रीति रिवाज और संस्कारों को आगे बढ़ा सकेगी। इस तरह की अनूठी पहल क्षेत्र में पहली बार देखने को मिली है। जहां गांव के इतिहास को पुस्तक के जरिए सहेजने का प्रयास किया गया है। जो दूसरे ग्रामीणों के लिए भी प्रेरणास्रोत है।

विमोचन में यह रहे अतिथि

मुख्य अतिथि सीता राम श्याम (राज्यपाल राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक कवि एवम् लोकगायक) अध्यक्षता डॉ दादूलाल जोशी (साहित्यकार- संपादक) विशेष अतिथि जगदीश देशमुख (राज्यपाल राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक तुलसी राज मानस संघ के अध्यक्ष), विशेष अतिथि शिव कुमार अंगारे (कवि गायक) रमेश यादव (कवि) सेवक राम नेले (राष्ट्रपति राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक) राम कुमार साहू, डोमार सिंह साहू , श्रीमती शकुंतला साहू , सुश्री उत्तरा साहू की उपस्थिति में विमोचन किया गया। अतिथियों द्वारा इसे अनुकरणीय पहल बताया। उक्त पुस्तक का लेखन कार्य देवेंद्र कुमार साहू, गंगाधर गुरु , लीलाराम साहू , प्रीत कुमार , टिकेश कुमार , हन्नुलाल , विश्वकुमार, छत्रपाल, टोमन, रविकांत के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में लेखराम, पंकज कुमार, थानसिंह, साकेन्द्र कुमार, सूर्यकांत, श्रीराम, पेंटर जीवन, खेमूराम, संपथ साहू, बोधिराम, हेमंत गुरु, चंद्रमणि,अरुण कुमार, डॉ मधु, डॉ रूपनारायण, चैतराम साहू ,पुरुषोत्तम सेन, राहुल,लेखमणि,लिकेश,ज्ञानेश,प्रकाश, श्रीमती योगेश्वरी,दुलेश्वरी,रुखमणी,गंगोतरी,पार्वती,राधा साहू ,यूरानी साहू,अनुराधा , कांति साहू , सीमा, सरस्वती, कांता साहू, मोनिका, मीनाक्षी, रेखा, अंजु, सरस्वती ध्रुव, सरस्वती साहू उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रीत कुमार साहू ने किया । पुस्तक विमोचन के पश्चात बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और कृष्णा ठाकुर के द्वारा जादू दिखाया गया।

कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों द्वारा पुस्तक के अवलोकन और पठन उपरांत इस पहल की प्रशंसा की गई। समारोह के अध्यक्ष डॉक्टर दादू लाल जोशी संपादक एवं साहित्यकार ने इस ऐतिहासिक व आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय कहा। तो वही मुख्य अतिथि सीताराम श्याम राज्यपाल एवं राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक, लोक गायक ने इसके महत्व को बताते हुए इसके संकलनकर्ता और रचनाकारों को बधाई दी। कार्यक्रम को आकर्षक बनाने के लिए कृष्ण ठाकुर द्वारा जादू का प्रदर्शन भी किया गया था। तो वही प्रोजेक्टर के माध्यम से गुरुजी एवं अभय राम साहू जी के जीवन वृत को भी दिखाया गया।

पुस्तक लेखन की किस तरह से मिली प्रेरणा

संपादक देवेंद्र कुमार ने बताया कि पुस्तिका लेखन की प्रेरणा हमें हमारे पूर्वजों से ही मिली। उन्होंने कहा कि गांव के विकास की कहानी को हम कुछ समय तक ही याद रखेंगे। लेकिन इसे लेखबद्ध कर दिया जाए तो यह अजर अमर हो जाएगी। इस कारण हम लोगों ने लगभग 2 वर्ष के अथक प्रयास से पुस्तिका को आकार देने में सफल हुए। इसमें प्रमुख रूप से देवेंद्र कुमार साहू, गंगाधर,प्रीतम कुमार साहू, लीलाराम साहू, पेंटर विश्व कुमार, टिकेश साहू, लेखराम आदि का विशेष सहयोग रहा। संपादक देवेंद्र कुमार ने बताया कि यहां की कला संस्कृति विलुप्त होने लगी थी। जिसे सहेज कर संजोकर रखने के उद्देश्य से इस पुस्तिका को लिखा गया है।

क्या खास है इस पुस्तक में

इस पुस्तक में गांव के शुरुआत से लेकर अब तक के पूरे इतिहास को अनुक्रमणिका के अनुसार 1 से 32 क्रम में जमाया गया है. जिसमें कोसागोंदी की भौगोलिक दशा, इतिहास, हमर पुरखा के सुरता, शिव मंदिर, राम जानकी मंदिर, हमारे गांव के सबसे -बड़े शिवलिंग, मां काली मंदिर, गांव की कला संस्कृति, गांव के तीज त्यौहार, मातर उत्सव, बाल समाज लीला मंडली, गांव के बैगा गुनिया और वैद ,अंचल की सबसे पहले छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम, ऐतिहासिक खेल अखरा, सीताराम मानस मंडली, सरस्वती वंदना बालिका मानस परिवार, महिला मानस मंडली, अद्भुत मानस परिवार, श्रद्धा सुमन बालिका मानस परिवार, अंचल की सुप्रसिद्ध जस झांकी मंडली, राधा के श्याम फाग उत्सव समिति, रुखराई के संगवारी, गांव के वीर सपूत, प्रथम सरपंच सहित प्रथम व्यक्तित्व सहित अन्य पुरखों की यादों को इस पुस्तक के जरिए स्मरण किया गया है। संपादक व शिक्षक देवेंद्र कुमार साहू ने कहा कि हमारे गांव की धार्मिक, सांस्कृतिक सामाजिक और यहां मनाया जाने वाले प्रमुख त्योहार आदि को आने वाली पीढ़ी तक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए और लोगों में समरसता बनाए रखने के लिए मननशील, लगन शील, जागरूक व्यक्तियों के द्वारा साहित्य के क्षेत्र में रुचि बढ़ाने के लिए इस पुस्तिका का प्रकाशन किया गया है।

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