गुरुर। ब्लॉक के 100 से ज्यादा गांव में महिला समूह के साथ लोन दिलाने के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर नारागांव सहित किनारगोदी और अन्य गांव की महिलाएं बड़ी संख्या में शनिवार को विधायक कार्यालय गुरुर पहुंची थी। जहां पीड़ित महिलाओं ने विधायक संगीता भैया राम सिन्हा और पूर्व विधायक भैया राम सिन्हा को पूरे मामले से अवगत कराया। स्थानीय वनांचल की भोली भाली महिलाएं इसलिए ठगी का शिकार हो गई क्योंकि इस गिरोह से कुछ स्थानीय महिलाएं भी जुड़ी हुई थी । जिनकी बातों पर आकर भरोसा करके महिलाओं ने लोन निकाला। लेकिन लोन की रकम उन महिलाओं को कम ही दी जाती थी। स्वरोजगार के नाम पर लोन निकाला जाता था। अगर किसी का जैसे 50000 लोन निकाला जा रहा है तो संबंधित महिलाओं को 5 से 10000 ही दे देते थे। बाकी पैसा रोजगार में लगाने की बात कह कर गिरोह के लोग दूसरी जगह निवेश करने की बात करते थे। और उसका किस्त स्वयं पटाने की बात करते थे। कुछ माह तक भरोसा जितने किस्त पटाते रहे। फिर अचानक किस्त पटना बंद हुआ तो संबंधित बैंकों से जो महिलाएं कर्जदार थी उनके पास नोटिस आना शुरू हो गया। ऐसा सैकड़ो महिलाओं के साथ हुआ है। नारागांव की महिलाओं ने बताया कि उनके गांव की सरिता करियाम की बातों में आकर उन लोगों ने लोन निकाला । लेकिन उन्हें गुमराह और अंधेरे में रखा गया और उनके नाम से कई बैंकों से जिन्हें वे ठीक से जानते भी नहीं है वहां से भी लोन निकाल लिया गया है। और अब सब जिम्मेदार फरार हो गए। कई लोगों के नाम से 10 से 20 लाख तक लोन निकाल लिए गए हैं। पूर्व विधायक भैया राम सिन्हा ने कहा कि लगातार इस तरह से शिकायत आ रही है। सैकड़ों गांव में इस तरह की शिकायत आ रही है। मामला 20 से 30 करोड़ का हो सकता है। पुलिस प्रशासन से हमने इसमें गंभीरता से जांच की मांग की है। पूर्व विधायक भैया राम ने महिलाओं को मार्गदर्शन दिया है कि सभी पीड़ित महिलाएं स्वतंत्र रूप से अपनी-अपनी जो समस्या है उसके आधार पर थाने में लिखित शिकायत करिए ताकि पुलिस जल्द से जल्द जांच और कार्रवाई करें और जो जिम्मेदार है उसे पड़कर वसूली हो सके। सरिता करियाम के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाने की बात महिलाओं ने एकजुट होकर कही है । ताकि उसके कारण जो लोग ठगी का शिकार हुए हैं उनसे पैसों की वसूली हो सके। महिलाओं ने बताया कि सरिता करियाम को ही हमने पैसे दिए हैं। तो वही एक पर्रेगुडा बायपास रोड बालोद में खोलबाहरा कैवर्त्य के द्वारा ₹50 के स्टांप पेपर पर पैसों के लेनदेन से संबंधित शपथ पत्र भी भरवारा गया है। जिसमें कितना पैसा निकाला गया है कितना मासिक किस्त चुकाना है इसका जिक्र किया गया है। इससे महिलाएं तो पूरी तरह से फंसी हुई खुद को महसूस कर रही है। तो दूसरी ओर संबंधित मुख्य आरोपी खोलबहरा दफ्तर बंद कर फरार होने की बात सामने आ रही है। यह सिर्फ नारागांव का किस्सा नहीं है। कई गांव में इस तरह की महिला समूह के साथ धोखाधड़ी हुई है। नारा गांव में ही अकेले करीब 13 लाख की धोखाधड़ी हुई है। सरिता करियाम लगातार महिलाओं को आश्वस्त करती रहे कि मैं कहां भाग कर जाऊंगी। पैसा आज नहीं तो कल मिल जाएगा। ऐसा विश्वास लेकर महिलाएं इंतजार करती रही कि उनके साथ धोखाधड़ी नहीं होगी। लेकिन बैंकों द्वारा उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है । महिलाओं ने बताया कि सरिता करियाम नारागांव की रहने वाली है। वह किसी पद पर तो नहीं है लेकिन उनके प्रभाव में आकर महिलाएं फस गई। सरिता कहने लगी की मैं आप लोगों के नाम से लोन निकालूंगी और किस्त स्वयं पटाऊंगी। विश्वास करके महिलाओं ने अपने नाम पर लोन निकाला और उसे दे दिया। कई बैंकों से पैसा निकाला गया पैसा उन लोगों ने कहां लगाया, कहां और कैसे निवेश किया कुछ भी जानकारी नहीं दी। प्रत्येक महिलाओं से लाखों लाखों की ठगी हुई है । पांच महिलाओं ने बताया कि प्रत्येक के नाम से 35-35 हजार निकाला गया है। गुरुर ब्लॉक में तो 100 से ज्यादा महिला समूह है । ऐसे में ठगी का मामला करोड़ों में जा सकता है। जब किस्त नहीं पटा पाए तो संबंधित बैंकों द्वारा समूह के नाम से नोटिस आना शुरू हुआ। पहले महिलाएं विश्वास में थी कि जिन्होंने हमारे नाम से लोन निकाला था वह किस्त पटा देंगे लेकिन बाद में उन्हें धोखा दिया गया। अब वही महिला, पीड़ित महिलाओं को जो करना है कर लो की धमकी दे रही है और पैसे को लेकर आना-कानी कर रही है। पीड़ित महिलाओं ने सरिता करियाम और उनके पति चंद्रहास निवासी नारागांव के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। पीड़ित महिलाओं में ललिता ,राजेश्वरी,ममता, सविता, रेखा, गंगाबाई, अहिल्या, चित्रलेखा, महिमा, मंजू, संत बाई, पूर्णिया, पुष्पा सहित सैकड़ो महिलाएं शामिल हैं। एक शपथ पत्र भी पीड़ित महिलाओं से समूह के नाम पर बनवाया गया है। जिसमें द्वितीय पक्ष शपथ कर्ता के रूप में खोलबहरा का ही नाम लिखा हुआ है। वनांचल की महिलाओं की अशिक्षित और कम समझदार होने का फायदा संबंधित आरोपियों ने उठाया है । एक-एक महिला के नाम से तीन से चार लाख रुपये 8 से 10 बैंकों के जरिए निकाला गया है। ऐसे में जिनके नाम से लोन निकाला गया है वह अब आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं और जिनके भरोसे लोन निकाला गया वह पीछे हट रहे हैं। वहीं मुख्य आरोपित फरार होने की बात सामने आ रही है। जिसके खिलाफ बालोद जिले के विभिन्न गांव की महिला समूह भी कलेक्टर जन दर्शन में शिकायत लेकर पहुंच चुके हैं। विधायक संगीता भैया राम सिन्हा ने मामले में पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की बात कही है।
भरोसे में लेने के लिए दिया गया है महिलाओं को चेक
पूर्व विधायक भैया राम सिन्हा ने महिलाओं से बातचीत कर पूरी वस्तु स्थिति के बारे में जाना। उन्होंने बताया कि संबंधित गिरोह के लोगों द्वारा समूह को भरोसे में लेने के लिए अग्रिम तारीख का चेक भी दिया गया है और बाकायदा लिख कर दिया गया कि अगर समय पर भुगतान नहीं होता है तो इस चेक को वे बैंक में लगा सकते हैं। कुछ चेक को उन्होंने देखा तो उसमें 2025 जनवरी महीने की तारीख डले होने की बात कही है। इसे धरोहर चेक के रूप में बताया गया है । इस दौरान प्रमुख रूप से जितेंद्र यादव, सुमित राजपूत, शैलेश मोनू ठाकुर, तुलेश सिन्हा आदि मौजूद रहे।
आरोपितों को लिया गया हिरासत में
इधर रविवार को महिलाओं के आरोप के बाद पूछताछ के लिए संबंधित आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। गुरुर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। अब तक की मिली जानकारी के अनुसार 86 महिलाओं के साथ धोखाधड़ी की गई है। अभी कितनी राशि की ठगी हुई है अधिकृत आंकड़ा सामने नहीं आए हैं । सिर्फ गुरुर ब्लॉक ही नहीं अन्य ब्लॉक, पूरे बालोद जिले में भी इस गिरोह द्वारा ठगी की गई है।