गुरूर । गुरुर ब्लॉक के ग्राम टेंगनाबरपारा में जारी श्री शिव महापुराण कथा के दौरान कथा वाचक पंडित चैतन्य पांडेय ने भगवान कार्तिक, भगवान गणेश के जन्म के साथ तारकासुर मोक्ष, राजसुर कथा, दुर्वासा व हनुमान अवतार की कथा बताई। कथा वर्णन के दौरान संबंधित कथा नायकों का झांकी प्रदर्शन भी किया गया। इस दौरान गणेश जी के विवाह रिद्धि सिद्धि के साथ होने की जीवंत झांकी भी दिखाई गई। जिसे लोगों ने काफी सराहा और झांकी मंत्रमुग्ध करने वाली थी। लोगों ने गणेश जी के साथ रिद्धि सिद्धि की आरती उतार कर पूजा अर्चना भी की। कथा के दौरान पंडित चैतन्य पांडेय ने बताया कि कैसे रिद्धि सिद्धि की शादी गणेश जी से हुई और गणेश जी की दो पत्नी कैसे हो गई?
कैसे रिद्धि-सिद्धि बनी गणपति की पत्नी ?
कथा के दौरान बताया गया कि पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान गणेश की शरीर की बनावट के चलते उनसे कोई शादी करने को तैयार नहीं था. गणपति देवी-देवताओं के विवाह में विघ्न डालने लगे. गणपति के इस व्यवहार के चलते देवतागण अपनी परेशानी लेकर ब्रह्माजी के पास पहुंचे. ब्रह्माजी ने अपनी दो मानस पुत्रियों रिद्धि और सिद्धि को गणेश जी से शिक्षा लेने के लिए उनके पास भेज दिया. जब गणेश जी के समक्ष किसी के विवाह की सूचना पहुंचती,रिद्धि और सिद्धि उनका ध्यान भटका देती. सभी विवाह बिना विघ्न के संपन्न हो गए, लेकिन जब इस बात का पता गणेश जी को लगा तो वो रिद्धि और सिद्धि पर क्रोधित होकर उन्हें श्राप देने लगें. तब ब्रह्मा जी ने गणपति के सामने रिद्धि-सिद्धि से विवाह का प्रस्ताव रखा. गणेश जी ने इसे स्वीकार कर लिया. इस तरह गणपति की दो पत्नियां हुईं. गणपति की रिद्धि-सिद्धि से दो संतान हुई, जिनका नाम शुभ और लाभ रखा गया. पौराणक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी को आमोद और प्रमोद दो पोते हैं.
तुलसी द्वारा भी मिला था श्राप
पौराणकि कथा के अनुसार एक बार गणेश जी को तपस्या में लीन देखकर तुलसी जी उन पर मोहित हो गईं. तुलसी जी ने गणपति के सामने शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन गणेश जी ने खुद को ब्रह्मचारी बताते हुए शादी करने से इनकार कर दिया. गणपति की बात सुनकर तुलसी जी क्रोधित हो गईं और उन्होंने गजानन को श्राप दे दिया था कि तुम्हारे दो विवाह होंगे। और आगे चलकर रिद्धि सिद्धि के साथ ही गणेश जी की दो विवाह होते हैं।
श्री शिव महापुराण कथा में शामिल हुए जिले के कई विशिष्ट जन
इस अवसर पर विशेष श्रद्धालु के रूप में जिला भाजपा अध्यक्ष पवन साहू , जिला पंचायत उपाध्यक्ष मिथलेश नुरेटी , जिला पंचायत सभापति चंद्रप्रभा सुधाकर , भाजपा मंडल अध्यक्ष कौशल साहू , नगर पंचायत गुरुर के पूर्व अध्यक्ष नंदकिशोर शर्मा , जिला कांग्रेस के सचिव कांतिभूषण साहू , जनपद के पूर्व सभापति ताम्रध्वज यादव के साथ कई विशिष्ट जन ने कथा का श्रवण किया। आमंत्रित विशिष्टजनों का जिला पंचायत सभापति ललिता पीमन साहू ने कथा श्रवण के लिए पहुंचने पर आभार व्यक्त कर उन्हें स्मृति स्वरूप उपहार भी दिए। सभी विशिष्ट जनों ने कथावाचक पंडित चैतन्य पांडेय से भी आशीर्वाद लिया।