डौंडी। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विषय पर विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, वैज्ञानिक अभिवृत्ति समाज और परिवेश मैं निहित समस्याओं के वैज्ञानिक विधि से समाधान ढूंढने की प्रवृत्ति जागृत करने संभाग स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता सेजेस जेआरडी दुर्ग में संपन्न हुआ। जिसमें संभाग के सभी जिलों ने भाग लिया। बालोद जिले के कुल पांच मॉडलों का राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ । इन पांच मॉडलों में से चार मॉडलो का डौडी विकासखंड से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ। जिला शिक्षा अधिकारी श्री पीसी मैर्कले ने जिले के चयनित सभी विद्यार्थियों तथा प्रभारी शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वस्थ और संपोषणीय समाज को बनाए रखने के लिए वैश्विक मुद्दों पर विवेचनात्मक सोच विकसित करने तथा कृषि उर्वरकों ,जैव तकनीकी ,हरित ऊर्जा ,सूचना प्रौद्योगिकी ,खगोल विज्ञान ,क्रीडा तथा खेलकूद एवं जलवायु परिवर्तन में चुनौतियां का सामना करने इत्यादि के क्षेत्र में नए उपाय को तलाशने में इन बाल वैज्ञानिकों की भूमिका सराहनी है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी जे एस भारद्वाज ने चयनित बाल वैज्ञानिकों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए भविष्य के प्रति दूरदर्शी संवेदनशील एवं जिम्मेदार नागरिक बनने हेतु प्रोत्साहित किया। साथ ही कहा कि ऐसे प्रदर्शनियों से अपेक्षा की जाती है कि छात्र तथा अध्यापक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास तथा नए अनुसंधानों द्वारा समाज में प्रगति लाने एवं उन्हें पोषित करने में मानव प्रयासों के सभी पहलुओं पर विचार करेंगे जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
राज्य के लिए चयनित मॉडल उपकथानक प्राकृतिक खेती में प्रथम स्थान खुशी विश्वकर्मा सेजस कुसुमकसा से हाइड्रोपोनिक्स मॉडल का चयन हुआ जिसका मार्गदर्शक व्याख्याता सोनम गुप्ता तथा तामसिंह पारकर ने बताया कि प्राकृतिक खेती मिट्टी में ज्यादा पानी, ज्यादा खाद् और ज्यादा जगह मे होती है वही यह खेती बिना मिट्टी के कम पानी, कम खाद और कम जगह में की जा सकती है। इसमें हानिकारक कीटनाशक का प्रयोग नही होता और उपज भी अपेक्षाकृत अधिक होती है। हाइड्रोपोनिक्स खेती का सबसे अच्छा लाभ यह है कि इसमें जगह की बचत होती है। पारंपरिक खेती में पौधों को मिट्टी में पोषक तत्वों की तलाश करनी पड़ती है। दूसरी और हाइड्रोपोनिक में पोषक तत्व सीधे जड़ों तक पहुंच जाते हैं। इसलिए उन्हें खोजने की जरूरत नहीं पड़ती।उपकथानक संचार एवं परिवहन में प्रथम स्थान यमन साहू सेजस चिखलाकसा अंधा मोड़ पर सड़क सुरक्षा पर आधारित मॉडल का चयन हुआ। जिनके मार्गदर्शक शिक्षिका श्रीमती अंजना गोस्वामी ने बताया कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करके सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम की जा सकती है। सड़क सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण कारक कुशल और सतर्क ड्राइविंग की आवश्यकता है। ताकि यात्री ,पैदल यात्री और चालक सुरक्षित रह सके। उपकथानक आपदा प्रबंधन में द्वितीय स्थान ग्रेसी साहू सेजस कुसुमकसा से रेन वाटर डिटेक्टर का चयन हुआ जिसका मार्गदर्शक व्याख्याता जनक साहू तथा उमेश सिंहा ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से बचने ब सुरक्षित रहने के लिए रेन वाटर डिटेक्टर बहुत ही उपयोगी साबित होगी। उपकथानक खाद्य स्वास्थ्य एवं स्वच्छता में तृतीय स्थान यश कुमार शा उ मा वि बिटाल का चयन हुआ।मार्गदर्शक व्याख्याता शुभम श्रीवास्तव ने कहा कि खाद्य स्वच्छता अपनाकर हम खुद को रोगों से बचा सकते हैं स्वस्थ रह सकते हैं। यह बीमारियों के प्रसार को रोकता है और निरोग सेहत देता है।
राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता में चयन होने पर जिला नोडल श्री राजेंद्र वर्मा जिला विज्ञान प्रदर्शनी प्रभारी श्री रूपेश कश्यप, श्री सच्चिदानंद शर्मा बीआरसीसी डौंडी, श्रीमती सुनीता यादव प्राचार्य सेजस कुसुमकसा ,श्री एस एल रावटे प्राचार्य शा उच्च मा वि बिटाल, श्री डीके पुरोहित प्रधान पाठक सेजेस चिखलाकसा, मॉडल विशेषज्ञ लोचन देशमुख, बी एन योगी ,राजेश मेश्राम, अमरदीप गुप्ता ,संजय बंजारे आदि ने बाल वैज्ञानिकों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।