इस समस्या से आखिर कब मिलेगी आजादी? रेलवे स्टेशन बालोद में प्लेटफार्म नंबर दो की है महती आवश्यकता ,यात्रियों को होती है काफी परेशानी
बालोद। रेलवे स्टेशन बालोद में एक ही प्लेटफार्म हैं। यात्री ट्रेन की सुविधा तो रेलवे द्वारा बढ़ाई गई है लेकिन यात्रियो की आफत आ गई है। अप और डाउन यात्री गाड़ी को कुसुमकसा, लाटाबोर या बालोद मे क्रासिंग कराया जाता है, जहा प्लेटफार्म एक ही है। दूसरी गाड़ी को बिना प्लेटफार्म मे लेने से यात्रियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। महिलाओं, बुजुर्गो, बच्चों को चढ़ने उतरने मे बहुत ज्यादा दिक्कत होती हैं। बारिश में भीगते हुए, लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। तीन से चार फीट ऊंची प्लेट फार्म से उतरकर ट्रेन में चढ़ना जान को जोखिम में डालना है। ट्रेन में चढ़ते समय भी पटरी किनारे गिट्टी के कारण कोच में चढ़ना उतरना मुश्किल होता है। छोटे बच्चे वाली महिला को उतरना चढ़ना संभव ही नहीं पाता है। विगत रात्रि में 08833 ट्रेन का क्रासिंग बालोद मे 07825 ट्रेन से कराया गया। 08833 को नॉन प्लेटफार्म लिया गया था, जिसमे 80 वर्षीय महिला को ट्रेन से कूदकर उतरना और प्लेटफार्म नम्बर एक मे चढ़ने मे भारी मुसीबत हुआ। यात्री ट्रेन चला तो दिया गया है लेकिन रेलवे प्रशासन बेसिक सुविधा पर ध्यान नहीं दिया। इस तरह मुश्किलों का सामना दिन मे दो बार करना पड़ता है। ट्रेन नंबर 08815 और 08834 का क्रासिंग दोपहर बारह बजे के आसपास और 08833 तथा 07825 का क्रासिंग रात को आठ बजे के आसपास होता है। ज्ञातव्य हो कि बालोद स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के रुप में विकसित किया जा रहा है परंतु प्लेटफार्म बढ़ाने के बारे में विचार नही किया गया। बालोद स्टेशन से सैकड़ों लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं। यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि बालोद मे एक और प्लेटफार्म बनाया जाए उसमे आने जाने के लिए फुटओवर ब्रिज भी बनाया जाए।