सरस्वती शिशु मंदिर संबलपुर में मना गुरु पूर्णिमा

बालोद। सरस्वती शिशु मंदिर संबलपुर में गुरु पूर्णिमा आयोजित किया गया। गुरु और शिष्य का रिश्ता बेहद खास होता है, जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गुरु ही उस तक पहुंचने का मार्ग बताता है, इसीलिए विद्यार्थी के जीवन में गुरु का बहुत महत्व होता है ,हर साल की भांति इस साल भी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। सरस्वती शिशु मंदिर संबलपुर में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया गया है, इस कार्यक्रम के अध्यक्षता होम लाल पटेल प्रधानाचार्य , मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती रेखा पटेल,विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ आचार्य श्रीमान घनश्याम दास बघेल ,श्री मान नंद किशोर कोठारी , समस्त अतिथियों के द्वारा ,ओम ,मां सरस्वती, भारत माता , के चित्रों पर दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम को शुभारंभ किया गया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अतिथियों का स्वागत के पश्चात, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय होम लाल पटेल प्रधानाचार्य गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए समस्त भैया/ बहनों को समझाया ,आपके गुरु की शिक्षाएं आपको आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाए ,गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाए। मुख्य अतिथि ने अपने सार गर्मित उद्बोधन में समस्त भैया /बहनों को जीवन में जिससे भी आपको कोई सीख मिले, उसे भी गुरु मानकर उसका सम्मान करें ,तभी जीवन में आगे बनने का मार्ग प्रशस्त होगा ,विशेष अतिथि के रूप में माननीय वरिष्ठ आचार्य घनश्याम दास बघेल ने समस्त भैया/ बहनों को गुरु पूर्णिमा के महत्व को बताया। तत्पश्चात भैया बहनों के द्वारा गीत, भजन, भाषण, मे भी भाग लिया, इस कार्यक्रम का संचालन डेविड साहू और नंदकिशोर कोठारी ने किया। इस कार्यक्रम में उपस्थित समस्त भैया /बहनों ,श्रीमती रेखा सहारे ,श्रीमती लक्ष्मी पटेल समस्त दीदी, आचार्य, एवं अभिभावक व गण मान्य नागरिक उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम को समापन नंदकिशोर कोठारी ने किया । गुरु पूर्णिमा का वास्तविक अर्थ
गुरु +पूर्ण+मां अर्थात सर्वप्रथम मां ही पूर्ण गुरु है
जीवन का पथ जहां से शुरू होता है , वो राह दिखाने वाला ही गुरु होता है, जो ज्ञान और बुद्धि प्रदान करते हैं ,जो हमें हमारे जीवन पथ पर मार्गदर्शन करते हैं इस शब्द के साथ समापन की घोषणा की। उक्त जानकारी नंदकिशोर कोठारी ने दी।

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