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विश्व स्वास्थ्य दिवस विशेष : स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ गांव में घूम कर महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक कर रही है शिक्षिका कैशरीन बेग

बता रही स्तन कैंसर की बारीकियां, गांव की महिलाओं में होती है जागरूकता की कमी, जिसे दूर करने का प्रयास कर रही शिक्षिका सहित उनके विद्यार्थी

बालोद । 7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आज हम एक ऐसी शिक्षिका के बारे में बता रहे हैं जो अपने स्कूल क्षेत्र के गांव में खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक कर रही है। लगातार वह इस दिशा में काम कर रही है और ऐसे ग्रामीण महिलाओं जिन्हें इस बारे में जरा भी आभास नहीं होता, उन्हें इस बीमारी के बारे में बारीकी से जानकारी दे रहे हैं। यह शिक्षिका है भंडेरा हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थ कैशरीन बेग , जिनके द्वारा कुछ महीनो से लोगों को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

इस कार्य में उनके साथ स्कूल के कुछ छात्र-छात्राएं भी साथ दे रहे हैं। जो नारा लेखन सहित अन्य प्रयासों के जरिए शिक्षिका के साथ गांव-गांव घूम कर महिलाओं को जागरुक कर रहे हैं। शिक्षिका कैशरीन बेग का कहना है कि उनके परिवार में एक सदस्य को इसी तरह से स्तन कैंसर की बीमारी हुई। जिसका समय रहते इलाज करवाया गया तब जाकर स्थिति सुधरी । लेकिन अक्सर देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं इतनी ज्यादा जागरूक नहीं होती और स्तन कैंसर धीरे-धीरे इतना बढ़ जाता है कि मौत तक हो जाती है। ऐसे में गांव की महिलाओं को इसके बारे में भली भांति परिचित होना जरूरी है । ताकि वह अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रख सके। इसी उद्देश्य को लेकर वे गांव गांव में कैंसर जागरूकता अभियान चला रही है। भंडेरा सहित आसपास के तीन से चार गांव में वह अब तक जा चुकी है।

खासतौर से मनरेगा कार्य स्थल , बाजार आदि जगहों में जाकर महिलाओं को इस बारे में बेझिझक, निसंकोच बता रही है । जिस बारे में अक्सर महिलाएं बात करने से भी शरमाते या संकोच करते हैं। कैशरीन बेग का कहना है कि हमारे संकोच या शर्माने से कई बार बीमारी छुपाने से और बढ़ जाती है। इसलिए ऐसे मामलों में कोई भी संकोच नहीं करना चाहिए। खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए। समय रहते डॉक्टर को दिखाकर इसका उचित इलाज करवाया जा सकता है। सरकारी अस्पतालों में भी इसके जांच की सुविधा उपलब्ध रहती है। कैंसर जागरूकता अभियान के साथ-साथ नशा मुक्ति के पहल की दिशा में भी शिक्षिका अपनी छात्राओं के साथ नारा लेखन के जरिए लोगों को जागरुक कर रही हैं । गांव-गांव दीवारों पर स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता के नारे लिखे जा रहे हैं ।

तीन महिलाओं में पाया गया स्तन कैंसर का लक्षण

कैशरीन बेग ने बताया कि चार गांव में अलग-अलग दिन जागरूकता अभियान के तहत पहुंची और महिलाओं को स्तन कैंसर के बारे में बारीक से जानकारी दी गई तो इस बीच तीन महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण मिलें हैं। जिसके बारे में उन्हें अंदाजा भी नहीं था। जब शिक्षिका ने महिलाओं को इस बीमारी के लक्षण के बारे में बताया तो फिर संकोच छोड़कर महिलाओं ने उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में बतलाया। इस तरह जागरूकता अभियान का असर भी देखने को मिला और समय रहते उन्हें उचित परामर्श से देकर जांच और इलाज शुरू करवाने के लिए भी कहा गया है। कैशरीन बेग का कहना है कि ऐसी और भी कई महिलाएं होती हैं जो इस बारे में जरा भी नहीं जानती या उन्हें अंदाजा नहीं होता है और देखते-देखते बीमारी इतनी बढ़ जाती है कि फिर समय पर इलाज होना मुश्किल हो जाता है। इसीलिए इस समस्या को देखते हुए उन्होंने स्तन कैंसर के प्रति महिलाओं को शिक्षित और जागरूक करने का एक समाज सेवा के रूप में बीड़ा उठाया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक वह पहुंचकर अपने इस मुहिम को पूरी कर सके।

कैंसर जागरूकता अभियान में इनका भी मिल रहा योगदान

शिक्षिका कैशरीन बेग के साथ कैंसर जागरूकता अभियान में उनके सहयोगियों के रूप में अमित कुमार साहू, कुमकुम, लुकेश्वरी, नेहा गवारे, प्रतिमा,युगेश्वरी, लीना,काजल, वेदिका, देवश्री, हेमप्रिया दुर्गेश्वरी, लीलाक्षी ,पायल ,हर्ष कुमार दीपेश,दामिनी,थनेश्वरी,मुकेश,साहिल,अल्का गौर,कुसुम, झमिता,लीना भुआर्य,चिंकी, सिन्हा, नोमेश आदि का योगदान भी मिल रहा है। तो वही इस तरह वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर गांव-गांव में महिलाओं की टीम भी बना रही है। जो अन्य महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक कर रही हैं।

क्या होता है स्तन कैंसर?

स्तन कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें लोब्यूल्स, नलिकाओं या आसपास के संयोजी ऊतक की स्तन कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। इन स्तन कोशिकाओं के तेजी से विभाजन से स्तन में गांठ या द्रव्यमान का निर्माण होता है जो बढ़ता है और, कुछ मामलों में, रक्त वाहिकाओं, लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य क्षेत्रों में मेटास्टेसाइज (फैल जाता है) होता है। हालाँकि स्तन कैंसर महिलाओं में अधिक आम है, यह पुरुषों में भी विकसित हो सकता है।स्तन कैंसर अक्सर कई महिलाओं और पुरुषों के लिए आजीवन चिंता का विषय होता है, जिससे हर साल लाखों प्रभावित होते हैं।

स्तन कैंसर के लक्षण की पहचान

स्तन कैंसर के लक्षणों को पहचानना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। संकेत प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग दिख सकते हैं और आपके स्तन कैंसर के चरण पर निर्भर हो सकते हैं – 0 से IV तक का एक संख्यात्मक पैमाना यह दर्शाता है कि आपका स्तन कैंसर ट्यूमर के आकार, प्रसार और स्थान में कितनी प्रगति कर चुका है। छोटे, प्रारंभिक चरण के स्तन कैंसर के लक्षण शायद ही कभी दिखाई देते हैं। उन मामलों में, शीघ्र पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण है।

स्तन कैंसर के लक्षणों में ये शामिल हैं:

स्तन या बगल में कठोर, अक्सर दर्द रहित, गांठ या द्रव्यमान।

आपके पूरे स्तन या उसके कुछ हिस्से में सूजन।

त्वचा पर गड्ढे पड़ना या सिकुड़न होना।

आपके स्तन या निपल पर लाल, परतदार या मोटी त्वचा।
स्तन में दर्द या भारीपन।
निपल में परिवर्तन जिसमें दर्द या निपल का पीछे हटना (अंदर की ओर मुड़ना) शामिल हो सकता है।
स्तन के दूध के अलावा निपल से स्राव होना।
आपके स्तन के आकार या आकृति में कोई परिवर्तन।

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