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रायपुर । पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के हमारे नायक कॉलम में दिनाँक 8 जनवरी 2021 से पूर्व निर्धारित योजना के तहत् cgdchool.in की वेबसाइट पर छत्तीसगढ़ के सभी पांचों संभाग में प्रचलित क्षेत्रीय भाषा में भी ब्लॉग हिन्दी अनुवाद सहित अपलोड करने की शुरूआत की जा रही है। सर्वप्रथम बस्तर संभाग में प्रचलित गोंडी भाषा में शिक्षक संवर्ग से बस्तर जिले की शिक्षिका के.सबिता नायर और विद्यार्थी संवर्ग से बस्तर जिले से ही विशेष आवश्यकता वाली दिव्यांग छात्रा कुमारी राखी नाग का ब्लॉग अपलोड किया जायेगा, जिसे cgschool.in वेबसाइट पर दिनाँक 8 जनवरी 2021 को पढ़ा जा सकता हैं। गोंडी भाषा पहले दोनों ब्लॉग, पढ़ई तुंहर दुआर के ब्लॉग लेखक रमेश कुमार सोरी ने लिखा है। दिन – प्रतिदिन नवीनताओं के साथ कार्य करना प्रदेश के हमारे नायक की अब पहचान बन गयी है । छत्तीसगढ़ की विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग हमारे क्षेत्र की विविधता की समानता को प्रदर्शित कर रहा है।

डॉ. एम.सुधीश, सहायक संचालक,समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ ने चर्चा के दौरान बताया कि इस कोरोना काल मे राज्य सरकार द्वारा संचालित योजना ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ योजना में 206595 शिक्षक इस योजना से जुड़कर विद्यार्थियों को अध्ययन करा रहे हैं जिससे 2567208 विद्यार्थियों लाभान्वित हो रहे है। वे छात्र जो दूरस्थ इलाकों में रहते हैं , उन्हें इस योजना का बहुत लाभ प्राप्त हो रहा है। मुख्यतः कक्षा 10 वीं तथा 12 वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु यह घर बैठे वरदान की तरह है । राज्य भर के शिक्षकों द्वारा पढ़ने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ है । अगर छात्रों के पास लैपटॉप या कंप्यूटर नहीं है, तो भी वे केवल अपने फोन का इस्तेमाल करके अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों ने पढ़ई तुंहर पारा के माध्यम से अपने विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ पहुंचा रहे है । इस कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में भी बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने में प्रदेश के सभी शिक्षकों ने सराहनीय भूमिका निभाई है। हमारे प्रदेश के शिक्षकों और विद्यार्थियों के इस कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाये वो कम होगी।

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.आलोक शुक्ला ने पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के स्थायी स्तंभ “हमारे नायक” कॉलम के माध्यम से राज्य भर के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के इस मेहनत के लिए उन्हें कोरोना योद्धा के रूप में हमारे नायक में स्थान देकर पूरे प्रदेश में उनको एक अलग पहचान दिया है । इसका सफल उदाहरण हैं कि आज प्रदेश के प्रत्येक जिले से 7 शिक्षक और 7 विद्यार्थी नायक के रूप में चयनित होकर अपनी एक अलग पहचान बना चुके है ।

वर्तमान में हमारे नायक के आठवें चरण में लगातार हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत और छत्तीसगढ़ी भाषा के साथ अब प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं गोंडी, सरगुजिहा, कुड़ूख और हल्बी में ब्लॉग लेखन का कार्य किया जा रहा हैं। जिसकी शुरूआत बस्तर संभाग की प्रचलित भाषा गोंडी से की जा रही है।

हमारे नायक के राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखकों ने टीम के नेतृत्वकर्ता गौतम शर्मा के कुशल नेतृत्व और समन्वय में अपने मेहनत और काबिलियत की मिसाल पेश की है, जिसके लिए ब्लॉग राईटर्स की पूरी टीम बधाई की पात्र है।

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