देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर की हड़ताल जारी, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में असर, पेट्रोल डीजल की शुरू हुई किल्लत, लग गई है भीड़, कई जगह सामान्य स्टाक खत्म, रिजर्व शेष,,,

बालोद/रायपुर। देश भर में ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर संघ द्वारा नए कानून के विरोध में किए जा रहे हड़ताल के चलते सबसे ज्यादा असर पेट्रोल डीजल पर देखने को मिल रहा है। नए साल के पहले ही कई पेट्रोल पंपों में स्टॉक खत्म हो गए हैं। दोपहर से ही जिले के विभिन्न पेट्रोल पंपों में डीजल और पेट्रोल लेने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है। जो रात तक हो सकता है। कई जगह तो शाम तक ही स्टॉक खत्म हो गए हैं। लोगों को आशंका है कि ना जाने कब स्थिति बहाल होगी। ऐन नए वर्ष के मौके पर इस तरह की मुसीबत से लोगों को सामना करना पड़ रहा है ।कई लोग जो नए वर्ष पर कहीं बाहर जाने वाले थे वह पेट्रोल डीजल नहीं मिलने के चलते चिंतित नजर आ रहे हैं। तो कई ज्यादा से ज्यादा डीजल पेट्रोल की खरीदी कर स्वयं के पास स्टॉक कर रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल पंप में आज रात भर में ही स्टाफ खत्म होने की आशंका है। कल यानी नए साल के मौके पर अधिकतर पेट्रोल पंप सूखे नजर आएंगे।क्योंकि नए स्टॉक की सप्लाई आज हुई ही नहीं है। इधर विभिन्न पेट्रोल पंप के मैनेजर का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कल से हड़ताल जारी है। संभव है एक या दो तारीख तक स्थिति सामान्य हो सकती है। वरना सब जगह हाहाकार मच जाएगा। पेट्रोल डीजल की सप्लाई अटकने से अन्य चीजों के दाम में भी बढ़ोतरी हो सकती है। ट्रांसपोर्टिंग का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।

क्या है मामला

देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है।ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। संगठन ने चक्काजाम का आह्वान किया। इसके बाद से देशभर में हड़ताल शुरू हो गई है।

ट्रकों की हड़ताल से जरूरी चीजों के दाम बढ़ेंगे

इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिलेगा। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुक जाएगी, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत होगी।

क्या आप जानते हैं

भारत में 28 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं, जो हर दिन जरूरत का सामान एक शहर से दूसरे शहर ट्रांसपोर्ट करते हैं। हड़ताल के कारण इतनी बढ़ी संख्या में ट्रकों के रुकने से जरूरी चीजों की किल्लत हो सकती है।

हिट एंड रन कानून पर विचार करे सरकार

हड़ताल करने वालों का कहना है
नए प्रावधान को लेकर चिंता है। हिट एंड रन के मामलों में कड़े कदम उठाने की जरूरत जरूर है। इस नए कानून के पीछे सरकार का इरादा अच्छा है, लेकिन प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं। इन पर दोबारा सोचने की जरूरत है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालकों का है। भारत इस समय वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। ऐसे मामलों में जब कोई एक्सीडेंट होता है, तो बिना किसी जांच के बड़े वाहन चालक की गलती करार दी जाती है। यह नहीं देखा जाता की गलती बड़े वाहन चालक की है या छोटे वाहन चालक की। जब भी कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवर बचने के इरादे से नहीं भागता बल्कि, बेकाबू होती भीड़ से खुद की जान बचाने के लिए भागता है। ऐसे में उस पर सजा का प्रावधान और जुर्माना लगाना ठीक नहीं है।

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