कृषि बिल को लेकर भ्रम फैला रही कांग्रेस, सच्चाई बताने के लिए कल से सोसाइटी में जाएंगे भाजपाई, लगाएंगे जन चौपाल,पूर्व सांसद अभिषेक सिंह बोले किसानों को गुमराह करना बंद करें कांग्रेसी

बालोद – केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि बिल लाया गया है। जिसका विरोध पंजाब हरियाणा में तथाकथित किसानों व कांग्रेसियों द्वारा भी किया जा रहा है। इस कृषि बिल को लेकर किसानों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए और भाजपाई किसानों को सच्चाई बताने के लिए निकल रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को बालोद में पहुंचे राजनांदगांव के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कांग्रेस पर कृषि बिल को लेकर  किसानों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने बिंदुवार भ्रम व सच्चाई के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस खासतौर से यह अफवाह उड़ा रही है कि केंद्र सरकार इस कृषि बिल के जरिए एमएसपी को खत्म करना चाहती है। जो कि सरासर गलत है। यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि प्राइवेट मंडी आएगी तो सरकारी मंडी समाप्त कर दी जाएगी। बल्कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस एक्ट के माध्यम से किसानों को अधिकार है कि जहां उन्हें बेहतर दाम मिलता है वहां पर वह अपनी उपज बेच सकते हैं, चाहे वह मंडी सरकारी हो या प्राइवेट।

यह अफवाह फैलाई जा रही है कि किसान कीमत का निर्धारण नहीं कर पाएगा जबकि किसान स्वतंत्र रहेगा कि वह किस दाम पर अपनी फसल बेचेगा। छोटे किसान अनुबंध कैसे  कर पाएंगे यह समस्या बताई जा रही है। इस पर उन्होंने कहा इसका तोड़ निकालने के लिए सामूहिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने आंकड़ों के जरिए बताया कि जब यूपीए का कार्यकाल था तो एमएसपी के माध्यम से 3.74 लाख करोड़ धान खरीदी होती थी। वहीं जब एनडीए  का कार्य काल रहा तो 8 लाख करोड धान खरीदी हुई थी। दाल की खरीदी भी हमने कांग्रेस की तुलना में 74 गुना ज्यादा की है। 

ढाई-ढाई साल पर भी सवाल

पार्टी कार्यालय में अभिषेक सिंह का स्वागत सम्मान करते हुए अध्यक्ष केसी पवार , साथ में राजेन्द्र राय, राकेश यादव, प्रीतम साहू

अभिषेक ने कहा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने तो धान के मुद्दे पर कहा था कि अगर बोनस नहीं दिया गया तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने इस प्रेस वार्ता के दौरान हाल ही में ढाई साल के सीएम को लेकर चर्चा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मैं तो सीएम से यह पूछना चाहूंगा कि यह जो साल के महीने जो बढ़ाते जा रहे हैं, वह वास्तव में 365 दिन के हैं या ढाई साल वाला है। उन्होंने एक्ट के बारे में कहा कि खरीदार किसान की जमीन पर कोई भी परिवर्तन नहीं कर सकता है। किसान चाहे तो अनुबंध खत्म कर सकता है। अनुबंध होने के बाद किसी एक दाम पर अगर खरीदी हुई है, बाद में दाम बढ़ता है तो ऐसे में अतिरिक्त राशि बोनस के रूप में भी किसानों को मिलेगी।

अपनी रोटी सेक रहे कांग्रेसी

पूर्व सांसद ने  कहा कि कांग्रेसी इस मसले पर राजनैतिक रोटी सेक रहे हैं। तो वहीं राष्ट्र विरोधी तत्व इस भीड़ में घुस कर अपने एजेंडे को लागू करने का  भरसक प्रयास कर रही है। हमारी केंद्र सरकार लगातार किसानों से वार्ता करने का पूरा प्रयास कर रही है। इसीलिए हर जिले में प्रेस वार्ता के जरिए हम एक्ट की महत्वपूर्ण बातों व बारीकी को किसानों के सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा व लोकसभा में कृषि बिल पारित होकर आया है। उस समय इस पर आपत्ति नहीं की गई। अब बेवजह इसे मुद्दा बनाया जा रहा है। आखिर कांग्रेसी कृषि एक्ट के विरोध में राजनीतिक रोटी क्यों सेक रही है? 

बंद नही होगी एमएसपी

कृषि बिल पास होने के बाद तथाकथित लोगों ने जानबूझकर किसानों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया है कि एमएसपी बंद होगी। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कई बार अपने भाषण में इस बात को कहा है कि एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। इस प्रेस वार्ता के दौरान प्रमुख रुप से भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार, प्रदेश मंत्री राकेश यादव, वरिष्ठ नेता राजेंद्र राय, प्रीतम साहू, पवन साहू, प्रमोद जैन, अमित चोपड़ा, छगन देशमुख, राकेश छोटू यादव, धर्मेंद्र गाडियोक, डोमन साहू, तोमन साहू, रिंकू शर्मा एकांत पवार, शरद गुप्ता सहित अन्य मौजूद रहे।

इधर कल सोसायटी में लगाएंगे जन चौपाल

भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष किशोरी साहू, महामंत्री तोमन साहू ने कहा कि कृषि बिल की सच्चाई बताने व अन्य मुद्दों को लेकर 15 दिसंबर मंगलवार को जिले के सभी सोसाइटी में जन चौपाल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।जिसमें कृषि बिल चर्चा के अंतर्गत मंडल क्षेत्र में आने वाले धान खरीदी के क्षेत्रीय नेता, जिला द्वारा बनाए गए प्रभारी गण व धान खरीदी केंद्रों के निगरानी समिति के सदस्य व कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। जहां पर कृषि विधेयक बिल 2020 की पूरी जानकारी,  किसानों के रकबे में हजारों की कटौती, 2 वर्ष के बोनस घोषणा अनुसार ना देने , धान खरीदी में अनियमितता सहित अन्य मुद्दों को लेकर किसानों से चर्चा की जाएगी।ताकि किसानों को पूरी जानकारी और भ्रम में ना रहे।

You cannot copy content of this page