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इमली के पेड़ के नीचे यहां लग रहा स्कूल, पढ़ाने की ऐसी ललक व टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल ने दिलाई चंचल को नई पहचान, देखिये इनकी सफलता की कहानी

पढ़ई तुंहर दुआर में शिक्षिका चंचल को ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी नवाचार के द्वारा मिला हमारे नायक बनने का मौका


सुकमा– कोरोना वैश्विक महामारी के बीच मे शिक्षा से कोई भी बच्चा दूर न हो ऐसे विषम परिस्थितियों में दूरस्थ अंचल सुकमा के जामपारा की एक शिक्षिका अपने नए नए नवाचार से बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखी है। राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक विवेक धुर्वे से चर्चा के दौरान पता चला कि जामपारा जैसे दूरस्थ अंचल की शिक्षिका चंचल चंद्राकर पद-सहायक शिक्षक विद्यालय-नवीन प्राथमिक शाला जामपारा,सुकमा ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी के द्वारा बच्चों को रुचिपूर्ण तरीके से पढ़ाई करवा रही है।

“मैं वह करुंगी जो दूसरों ने नहीं किया है, ताकि कल मैं वह पूरा कर संकूँगी जो दूसरे नहीं कर सकते।”

“निराशावादी हर अवसर में कठिनाई देखता है और आशावादी हर मुश्किल में भी अवसर।”– विंस्टन चर्चिल
कोरोना वैश्विक महामारी के कारण सभी जगह पढ़ाई प्रभावित है उसी के चलते छत्तीसगढ़ शासन ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हों उसके चलते ऑनलाइन कक्षा की पहल की जिसको वर्तमान परिवेश में सभी शिक्षको के द्वारा अमल किया जा रहा है। उसके साथ-साथ ऑफलाइन कक्षा में मोहल्ला क्लास वर्तमान में शिक्षको के द्वारा लिया जा रहा है,उसी के चलते एक नई तकनीक का प्रयोग कर बच्चों को रोमांचित तरीके से पढ़ाई करवा रहे हैं, जिस विधि को ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी कहते हैं। इस विधि से बच्चों को वास्तविक दुनिया से परिचय करवाना है।

राज्य स्तरीय ब्लाग लेखक विवेक धुर्वे ने उनकी इस सफलता की कहानी लिखी है .


ऑनलाइन कक्षा-
चंचल ने कमजोर नेटवर्क के होते हुए भी ऑनलाइन कक्षा का सफलतापूर्वक संचालन किया व सभी विद्यार्थियो को कक्षा से जोड़ने का प्रयास किया गया और निरंतर उनके द्वारा बच्चों को ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से पढाई करवा रही है।और बहुत से विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखे है।और इनके द्वारा सभी पालको से मोबाइल की सुविधा बच्चों को उपलब्ध करवाने का निवेदन भी इनके द्वारा किया जाता है जिससे बच्चे ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी इससे लाभान्वित हो सके।
मोहल्ला कक्षा-
उसके बाद पिछले 4 माह से मोहल्ला कक्षा का इनके द्वारा सफल संचालन किया जा रहा है। जिसमे उनके विद्यालय के कुल 38 विद्यार्थी शामिल होते है। व कोरोना वैश्विक महामारी के सभी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग के उपरांत कक्षा में शामिल किया जा रहा है। सभी विद्यार्थियों को इमली के पेड़ के नीचे बिठा कर पढाई करवाया जा रहा है।व सभी विद्यार्थियों को कोरोना काल मे सभी सुविधा को देखते मास्क, सेनेटाइजर का उपयोग किया जा रहा है।उसके चलते आज के बदलते परिवेश में बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि जगाने के लिए शिक्षको के द्वारा एक नया प्रयास किया जा रहा है।जिसमे ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।


ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी का आशय -ऑगमेंटेड का मतलब होता है, किसी भी चीज को बढ़ाकर या बेहतर बनाकर दिखाना। रियलिटी होता है, सच्चाई। इसके अनुसार ऑगमेंटेड रियलिटी का मतलब होता है, किसी भी चीज को बेहतर बनाकर दिखाना, जिससे वह बिलकुल वास्तविक लगे। ऑगमेंटेड रियलिटी वर्चुअल रियलिटी का ही दूसरा रूप है, इस तकनीक में आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हुआ एक कंप्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जा सकता हैं। सम्बंधित: वर्चुअल रियलिटी आसान भाषा में समझे तो आपके आसपास के वातावरण के साथ एक और आभासी दुनिया को जोडकर एक वर्चुअल सीन तैयार किया जाता है, जो देखने में वास्तविक लगता है।
ये भी वर्चुअल रियलिटी के जैसे ही है पर ये आपको आपकी ही दुनिया में ही रख कर आपके नज़र को एडवांस बना देगा। यानि आप वास्तविक दुनिया और आभासी दुनिया बीच फर्क नहीं बता पाएंगे। शिक्षिका श्रीमती चंचल चंद्राकर ने मुंगेली जिले का एक वीडियो देखके अपने विद्यार्थियों को भी ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी के द्वारा पढाई करवाने की ठानी और अपना सबसे पहला वीडियो कोरोना से संबंधित बनाकर बच्चों को जागरूक बनाया।फिर ऐसे ही हाथी को वास्तिविक स्थिति में लाकर बच्चों को दिखाया जिसमे बच्चे बहुत रोमांचिक हुए।
यह मिल चुका सम्मान-
इनकी शाला को विकास खंड स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय प्रतियोगिता में बच्चों की स्वछता, उपस्थिति और पढ़ाई के उच्च स्तर के लिए उत्कृष्ट शाला सम्मान प्राप्त हुआ। अपने विद्यालय को हमेशा स्वच्छ रखा गया व अपने विद्यालय की रिचप्रिंट किया गया।
मंत्री श्री कवासी लखमा के द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान भी प्राप्त हुआ।
निरीक्षण- आलोक शुक्ला शिक्षा सचिव के द्वारा भी इनकी मोहल्ला कक्षा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया व शिक्षा सचिव के द्वारा पूछे प्रश्न का इनके कक्षा के विद्यार्थी ने सटीक जवाब दिया जिसस शिक्षा सचिव महोदय खुश हुए।
अन्य कार्य-
श्रीमती चंचल चंद्राकर DRG के रूप में भी कार्य कर रही है। तथा जिला पीएलसी कमेटी की सदस्य भी है। ये लर्निंग आउटकम्स पर कार्य कर रहे हैं।


इनका कहना है-“असफलता मुझे कभी नहीं हरा सकती अगर सफल होने का मेरा दृढ़ निश्चय है”
आज बच्चों को पढ़ाई के नए तकनीक से यदि पढ़ाया जाय तो बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि जागेगी और प्रतिदिन की भांति उनको कुछ नया सीखने को मिलेगा। और ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी का प्रयोग छत्तीसगढ़ के सभी विद्यालयों में किया जाना चाहिए जिससे बच्चों को सीखने के नए अवसर प्राप्त होंगे।

“ऐसा कुछ जो आपने कभी नहीं पाया है, उसे पाने के लिए आपको कुछ ऐसा करना होगा जो आपने कभी नहीं किया है

By dailybalodnewseditor

2007 से पत्रकारिता में कार्यरत,,,,,कुछ नया करने का जुनून, कॉपी पेस्ट से दूर,,,

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