सियादेही जाने का मार्ग आज तक नहीं बन पाया, राहगीर हो रहे दुर्घटना के शिकार, बढ़ा आक्रोश
गुरुर। गुरुर ब्लाक का प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल सियादेही नारा गांव जाने का पहुंच मार्ग काफी जर्जर है। आजादी के बाद भी आज तक इस सड़क का डामरीकरण नहीं हो पाया है। यह मार्ग वन विभाग के तहत भी आता है। जिस वजह से पीडब्ल्यूडी डामरीकरण नहीं करवा पा रही है। ना स्वयं वन विभाग ध्यान दे रहा है। नतीजा यह है कि बड़े-बड़े गिट्टी और पत्थर उखड़ गए हैं जिससे राहगीर दुर्घटना के शिकार हो रहे है। ऐसी ही एक घटना गुरुवार को भी हुई थी। ग्रामीणों के मुताबिक सियादेही जाने का ये रोड लगभग 100 साल पुराना है। इस रास्ते से सड़क एवं परिवहन मंत्री, डीएफओ रेंजर, डिप्टी रेंजर्स सब गुजरते हैं ग्रामीणों में आक्रोश है की सब देखकर आंख बंद कर लेते हैं। दुनिया भर की सड़क योजना चल रहा है पर यह रोड आज तक नहीं बना ।इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
प्रशासन दो शब्द से मिलकर बना है प्र उपसर्ग और शासन से, इस प्रकार प्रशासन का अर्थ होता है उत्कृष्ट रीति से शासन करना। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि यह सब देखकर जिम्मेदार आखिर क्या कर रहे हैं। नेता या प्रशासनिक अधिकारी तो बन जाते हैं,पर जिम्मेदारी, ईमानदारी, नैतिकता, प्रशासन कैसे चलाना है का कोई महत्व ही नहीं है। इस रोड को कौन बनाएगा, मुख्यमंत्री बनाएगा ,सड़क परिवहन मंत्री बनवाएगा या प्रधानमंत्री बनवाएगा किसी कोई जिम्मेदारी का महत्व ही नहीं है। जबकि सियादेही रोड पर्यटक स्थल है इस रोड को नहीं बना रहे हैं तो पर्यटन को क्या बढ़ावा देंगे। सब प्रशासन और पद को कलंकित कर रहे हैं। इस रोड में आए दिन घटना, दुर्घटना हो रहा है किसी पर टूट रहा है तो किसी को और अत्यधिक शारीरिक क्षति हो रहा है। इस रोड का जिम्मेदारी कौन लेगा। गुरुवार को जिसका पैर टूटा है उसे राहगीरों द्वारा जिला अस्पताल बालोद में कार चालक से लिफ्ट मांग कर भर्ती कराया गया है। संजीवनी 108 से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन नहीं हो पाया।