आखिर क्यों रद्द हो गई सांसद राहुल गांधी की सदस्यता, छत्तीसगढ़ में गरमाई राजनीति, भाजपा कांग्रेस आमने-सामने, मामला पकड़ने लगा तूल
रायपुर/बालोद। मानहानि मामले में दोषी पाए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई. राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे. राहुल गांधी की सदस्यता खत्म किये जाने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. सीएम ने ट्वीट कर कहा, “तानाशाह का सबसे बड़ा डर होता है कि उससे लोग डरना बंद न कर दें. आप उसे डराना चाहते हैं जो पूरे देश को कह रहा है “डरो मत”. इंदिरा जी के साथ भी यही भूल की थी कुछ लोगों ने, बाकि फिर इतिहास है. यहीं मिलेंगे जनता की अदालत में. जनता होगी, जननेता होगा..नहीं होगा तो सिर्फ़ डर और तानाशाह.” छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
इधर भाजपा भी विरोध का जवाब दे रही। रायपुर में जहां कांग्रेसियों ने भाजपा कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर प्रदेश अध्यक्ष के पोस्टर पर कालिख पोती तो वही जवाब में भाजपाइयों ने भी राजीव भवन के बाहर पहुंचकर पथराव किया।
बृजमोहन अग्रवाल ने किया वीडियो ट्वीट
कांग्रेसियों द्वारा भाजपा कार्यालय के बाहर मचाए के उत्पात की वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए भाजपा के दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा है कि
अपराध राहुल गांधी ने किया,सजा कोर्ट ने दी और ये कांग्रेसी गुंडई रायपुर के बीजेपी कार्यालय में कर रहे हैं।
हताश निराश कांग्रेसी करते रहो ऐसी गुंडई,खूब मचाओं आतंक और देते रहो संस्कारों का परिचय। छत्तीसगढ़ की जनता भी सब देख रही है। अब तो निश्चित है छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की रवानगी।
पढ़िए पूरा मामला
लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। सूरत कोर्ट ने कल ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गयी है। राहुल गांधी को सूरत के न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने गुरुवार को 2019 में आपराधिक मानहानि कारक उनके वक्तव्य को लेकर दायर मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के अंतर्गत कुसूरवार करार देेते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनायी है। सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने के लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया गया है। यह मामला भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने 2019 के आम चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान श्री गांधी एक जाति विशेष के खिलाफ की गयी टिप्पणी को लेकर दायर किया था। कई कानूनी विशेषज्ञों का कहना था कि ऐसे मामले में राहुल गांधी की सांसद के रूप में योग्यता तत्काल और स्वत: प्रभावी हो जाती है। भले ही अदालत ने 15 हजार रुपये के मुचलके पर उनकी जमानत मंजूर कर ली हो। कांग्रेस ने इस मामले को कानून की गलत व्याख्या बताते हुए इसकी आलोचना की है और कहा है कि वह इसके खिलाफ अपील करेगी। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि देश का हर नागरिक कानून की नजर में बराबर है।
क्या कहता है नियम
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जैसे ही किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, और कम से कम दो साल कैद की सजा सुनाई जाती है, वह संसद की सदस्यता ले लिए अयोग्य हो जाता है। इसके बाद निर्वाचन आयोग इस सीट पर विशेष रूप से चुनाव की घोषणा करता है।
इससे पहले 10 जुलाई, 2013 के अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले में ये फैसला सुनाया था कि कोई भी संसद सदस्य (सांसद), विधानसभा सदस्य (विधायक) या एक विधान परिषद (एमएलसी) का सदस्य जो एक अपराध का दोषी है और न्यूनतम दो साल की कारावास की सजा दी गई है, वो तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है।