अशिक्षा के खिलाफ फिर एक जंग – जिले में चलेगा पढ़ना लिखना अभियान, असाक्षर की होगी फिर तलाश और क्या-क्या होगा पढ़िये ये खबर?
बालोद- प्रौढ़ शिक्षा सत्र 2020-21 के तहत जिले में ’पढ़ना-लिखना’ अभियान चलाया जाएगा। केंद्र प्रवर्तित इस योजना के तहत 15 साल से अधिक उम्र के असाक्षरों को इससे जोड़कर उन्हें साक्षर किया जाएगा। अभियान का मुख्य उद्देश्य बुनियादी साक्षरता है, जिसके तहत उन्हें कार्यसाधक साक्षरता दी जाएगी, ताकि वे अपने सामान्य कार्य कर सकें। सबसे पहले अगले एक माह के भीतर 15 साल से अधिक उम्र के असाक्षरों का वार्डवार घर-घर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर जनमेजय महोबे के मार्गदशन में गुरुवार को संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में केन्द्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत ‘‘पढ़ना लिखना अभियान‘‘ के क्रियान्वयन हेतु गठित जिला कार्यकारी समिति की बैठक हुई।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं समिति के उपाध्यक्ष लोकेश कुमार चन्द्राकर ने बताया कि योजना के तहत् जिले के पन्द्रह वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों का चिन्हांकन सर्वे के माध्यम से किया जाएगा। जिसके उपरांत स्वयंसेवकों के द्वारा शिक्षण दिया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में किया जाएगा। बैठक में विकासखण्ड साक्षरता समिति एवं शहरी साक्षरता समिति का गठन किए जाने, सर्वे दल का गठन किए जाने, साक्षरता केन्द्र का चिन्हांकन, केन्द्र प्रभारी का चिन्हांकन एवं स्वयंसेवक का चिन्हांकन आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इस अवसर पर आदिवासी विकास विभाग की उपायुक्त माया वारियर, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमन्त ठाकुर, जिला मिशन समन्वयक पी.सी.मरकले, जिला कार्यकारी समिति के सदस्य मौजूद थे।
यह सब करेंगे
इसके लिए बहुत ही सादा प्रपत्र बनाकर सर्वे किया जाएगा। यही नहीं पढ़ना-लिखना अभियान को सफल बनाने के लिए स्वयंसेवकों का भी चयन करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं। प्रत्येक वार्ड में आठ से 10 असाक्षरों का दल बनाकर उन्हें स्वयंसेवकों द्वारा पढ़ाया जाएगा, जिससे असाक्षरों को अक्षर पढ़ना, लिखना और उसे समझने का ज्ञान हो सके।
इन पर करेंगे फोकस
इसके लिए दो आयु वर्ग में असाक्षरों को चिन्हांकित कर पढ़ाने पर कलेक्टर ने जोर दिया है, जिसमें पहला आयु वर्ग 15 से 40 साल तथा दूसरा आयु वर्ग 41 साल और उससे ऊपर का होगा। उन्हें पढ़ाने के लिए वार्डों में उचित स्थल का चयन भी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं।
ये भी है उद्देश्य
बताया गया है कि उन्हें ना केवल पढ़ाया जाएगा, बल्कि समय-समय पर परीक्षा लेकर उनकी भाषा कौशल, समझने की क्षमता इत्यादि की भी जांच की जाएगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया है कि वे ब्लाक स्तर पर बैठक लेकर असाक्षरों का बेसिक डेटाबेस तैयार करने के अलावा स्वयंसेवकों का चयन कर लें, जिससे कि चयनित स्वयंसेवकों को उचित प्रशिक्षण दिया जा सके।