November 22, 2024

शिक्षा विभाग के अफसर फिर विवादों में- केंद्रीय विद्यालय बालोद में खोलने को लेकर सांसद बोले मैंने डीईओ को नहीं दिया था ऐसा कोई निर्देश, मेरे नाम से प्रचार गलत

बालोद। बालोद जिले में केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर एक अखबार में सांसद का जिक्र करते हुए डीईओ द्वारा बयान दिया गया है कि उनके निर्देश पर अब बालोद में इसे खोलने के लिए जमीन तलाश की जा रही है। इस मसले पर दल्ली राजहरा के लोगों में जुबानी जंग छिड़ी हुई है तो वही सांसद द्वारा अब इस बात से इनकार कर दिया गया है कि मैंने डीईओ को ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है। मेरे नाम लेकर डीईओ द्वारा गलत बयान बाजी की गई है। उन्होंने कहा है कि स्थल चयन को लेकर मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है।यह जिला प्रशासन को तय करना चाहिए कि वह किस जगह को उचित मानती है। बता दें कि पहले भी बालोद डीईओ अपनी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सुर्खियों में रहे हैं। पूर्व में भी उनके द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप में शिक्षक व अधिकारियों को लेकर हराम का वेतन पाने की प्रवृत्ति बढ़ गई है, जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर दिया गया था। जिसके बाद वह राज्य स्तर पर घिर गए थे। बाद में उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप में ही उन शब्दों के लिए खेद जाहिर किया था। तब जाकर मामला शांत हुआ था। अब केंद्रीय विद्यालय बालोद में खोले जाने की तैयारी सांसद के निर्देश पर करने की बात अखबार के जरिए देकर डीईओ ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

बता दें कि पहले से केंद्रीय विद्यालय को खोलने को लेकर दल्ली और डौंडी क्षेत्र में जगह की तलाश की जा रही है तो वहीं अस्थाई कक्षा संचालन करने को लेकर भी तैयारी है लेकिन अब सांसद के नाम से यह जानकारी सामने आ रही है कि सांसद के निर्देश पर बालोद में अब भी जगज तलाश जारी है। इस बात से दल्ली क्षेत्र वासियों में नाराजगी है। तो वहीं जब इस मसले पर हमने जिला शिक्षा अधिकारी आरएल ठाकुर से लगातार बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

केंद्रीय विद्यालय को लेकर सांसद ने ये बात कही है

बालोद जिला को उच्च दर्जे के शैक्षणिक संस्था केंद्रीय विद्यालय की सौगात देने वाले सांसद मोहन मंडावी ने जिले में केंद्रीय विद्यालय के स्थान को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन सारे मापदंडों को ध्यान में रखकर स्थल चयन करे। मेरे द्वारा अब तक इस विषय को लेकर किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया गया। आज ही एक अख़बार में मेरे द्वारा बालोद में जगह चयन के लिए निर्देशित किए जाने की बात जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कही गई है। जो बात गलत है। मेरी प्राथमिकता बालोद जिले में केंद्रीय विद्यालय स्वीकृति दिलाने की थी। जिसे मैने पूरे प्रयास के साथ स्वीकृति दिलाई है। अब अस्थाई कक्षाएं व स्थाई विद्यालय कहां बने यह स्थानीय प्रशासन को तय करना है। चयन स्थल पर मेरा सिर्फ यह सुझाव शुरू से रहा कि जिस उद्देश्य को लेकर मानक दर्जे की संस्था जिले में स्वीकृति कराई गई वह उद्देश्य पूर्ण होना चाहिए। जिले के प्रतिभावान बच्चो को बेहतर शिक्षा मुहैया होनी चाहिए।

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