अच्छी खबर- नई शिक्षा नीति के तहत बालोद जिले में शुरू हुए 65 बालवाड़ी, अब आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ पहली और दूसरी के बच्चे भी पढ़ेंगे बालवाड़ी में
बालोद। बालोद जिले में भी शासन की नई योजना बालवाड़ी शुरू हो चुका है। इसके तहत जिले में 65 बालवाड़ी शुरू किए जा रहे हैं। जिसकी तैयारी शुरू हो गई है तो वहीं जहां-जहां इसका संचालन शुरू हो गया है वहां निरीक्षण के लिए राज्य से अधिकारी भी पहुंच रहे हैं।ताकि उनका सही क्रियान्वयन हो। प्राइमरी स्कूल के एक-एक शिक्षक को बालवाड़ी का प्रभारी बनाया गया है। उन्हें हिदायत दी जा रही है कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री आ रहे हैं ऐसे में उच्च अधिकारी कभी निरीक्षण में आते रहेंगे। इसलिए व्यवस्था दुरुस्त रखें। जानकारी के अनुसार इस नई बालवाड़ी योजना के तहत अब प्राइमरी स्कूल से पहली और दूसरी के बच्चों को हटाकर आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ बालवाड़ी में जोड़ा जाएगा। यानी प्राइमरी स्कूल की कक्षाएं अब कक्षा तीसरी से पांचवी तक ही संचालित होगी। कक्षा पहली और दूसरी के बच्चे आंगनबाड़ी बच्चों के साथ में पढ़ाई करेंगे। इसका व्यापक असर आने वाले सत्र में देखने को मिलेगा। अभी बालवाड़ी के लिए अलग से स्थाई भवन नहीं बने हैं। कहीं आंगनबाड़ी तो कहीं स्कूल भवनों को ही बालवाड़ी के रूप में संचालित किया जा रहा है।
राज्य स्तर की टीम पहुंची डौंडी ब्लॉक के कंजेली बालवाड़ी में
जिले में बालवाड़ी की निरीक्षण हेतु राज्य से एस बी शर्मा, स्टेट कोऑर्डिनेटर आवाहन ट्रस्ट(बालवाड़ी कार्यक्रम) छत्तीसगढ़ रायपुर का आगमन बालवाड़ी केंद्र कंजेली,ब्लॉक डौंडी में हुआ। वहां की व्यवस्था से टीम काफी प्रभावित हुई। साथ में श्री टेखरे ,व प्रेम वर्मा जिला कोऑर्डिनेटर (बालवाड़ी कार्यक्रम) बालोद जिला प्रभारी भी उपस्थित थे। अब प्रतिदिन बालवाड़ी केन्द्रों का अवलोकन इन जिला को-ऑर्डिनेटर के द्वारा किया जाएगा। सभी संबंधित बालवाड़ी केन्द्रों के शिक्षको को अपनी पूर्ण तैयारी रखने हेतु निर्देशित किया गया। जिससे जिले की एक अच्छी छवि राज्य में बने। इन केंद्रों का निरीक्षण अब कभी भी राज्यस्तर के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।बालवाड़ी केंद्र संचालन को राज्य स्तर से प्राथमिकता के क्रम में रखा गया है। डीएमसी ने बताया अभी मुख्यमंत्री के दौरा कार्यक्रम के दौरान भी बालवाड़ी का अवलोकन उच्च अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। बालवाड़ी केन्द्रों में किसी प्रकार की अनियमितता/अव्यवस्था पाए जाने पर संबंधित ब्लॉक के बीईओ/बीआरसीसी की सम्पूर्ण जवाबदेही होगी। इसलिए एक बार सभी केन्द्रों का निरीक्षण अनिवार्य रूप से करते हुए आवश्यक व्यवस्था दुरुस्त कर लेने कहा जा रहा है।
‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी’ की थीम पर बालवाड़ी की हुई है स्थापना
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई शिक्षा नीति के अनुसार खेल खेल में बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिए शिक्षक दिवस पर प्रदेश में बालवाड़ी योजना का शुभारंभ किया था। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालवाड़ी योजना पांच से छः वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए शुरू की गई है। ‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी’ की थीम के साथ योजना की शुरूआत की गई है। बालवाड़ी योजना के माध्यम से बच्चे सीखने के लिए प्रोत्साहित होंगे और उन्हें स्कूल के माहौल के लिए तैयार किया जा सकेगा। बच्चों के लिए हर बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की गई है और इसके लिए सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी प्रदान किया जाएगा। बच्चों को खेल-खेल में एवं रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिए आंगनबाड़ी सहायिका एवं शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रत्येक बालवाड़ी के लिए बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री एवं प्रिंटरीच रंग-रोगन के लिए 01 लाख रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस वर्ष 5173 बालवाड़ियां प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियां खोली जाएंगी।
योजना के पीछे तर्क
वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है। एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं। शिक्षण की शुरुआत तभी हो जानी चाहिए, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो।
ये है उद्देश्य
बालवाड़ी योजना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक,सामाजिक,मनोवैज्ञानिक एवं संज्ञानात्मक विकास करने एक लिए एक शिक्षण-सेतु के तौर पर कार्य करेगी ताकि 05 से 06 वर्ष की उम्र में जब बच्चे पहली कक्षा में जाएं तो वह उसके लिए पूरी तरह तैयार हो चुके हों।