बदलता शिक्षा का तरीका – इस ब्लॉक के शिक्षक ने रिकॉर्ड 51 हजार बच्चो को ऑनलाइन क्लास में जोड़ा
राजनांदगांव/ छुरिया-एक ऐसे समय मे जब कोरोना महामारी के कारण स्कूल 13 मार्च से अनिश्चित काल के लिए बंद है तब बच्चो को सुरक्षित पढ़ाई से जोड़ने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग ने पढ़ई तुंहर दुआर योजना लॉन्च किया। मीडिया प्रभारी शेख अफ़ज़ल ने बताया कि इस योजना के माध्यम से बच्चे सुरक्षित अपने घरों में रहते हुए ऑनलाइन क्लास के माध्यम से नियमित पढ़ाई से जुड़े हुए है। पढ़ई तुंहर दुआर योजना ने राजनांदगांव जिले में शिक्षको,बच्चो और अधिकारियों के संयुक्त प्रयासो से विशेष सफलता प्राप्त करते हुए छत्तीसगढ़ में ही नही बल्कि पूरे देश मे एक अलग पहचान बनाई है। इसी कड़ी में हम देखते है कि छुरिया ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले संकुल जोशीलमती के हायर सेकंडरी स्कूल बेलरगोंदी में लेक्चरर (जीवविज्ञान) के पद पर कार्यरत बलराम कुमार श्रीवास ने अपने 848 ऑनलाइन क्लास में रिकॉर्ड 51091 बच्चो को जोड़ कर पुरे जिले का नाम रौशन किया है। बलराम कुमार श्रीवास ने बताया कि वे इस योजना के शुरुआती दिनों से ही ऑनलाइन क्लास ले रहे है और आज उनकी क्लास में पुरे छत्तीसगढ़ के अलग अलग 18 जिलों से बच्चे उनकी ऑनलाइन क्लास में जुड़ते है। बलराम श्रीवास ने बताया कि प्रतिदिन उनकी क्लास में करीब करीब 800 से 1000 बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़ते है। आपको बता दे कि बलराम कुमार श्रीवास पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा बच्चो को ऑनलाइन क्लास में जोड़ने के मामले में टॉप 3 शिक्षको में शामिल है।
राजनांदगांव जिले के छुरिया ब्लॉक के शिक्षक बलराम कुमार श्रीवास के रिकॉर्ड 51 हजार से अधिक बच्चो को अपनी ऑनलाइन क्लास में जोड़ कर जिले का मान बढ़ाने पर जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम, डीएमसी भूपेश साहू, एपीसी सतीश ब्यौहरे, परस झाड़े, छुरिया बीईओ लालजी द्विवेदी, एबीईओ भावना यदु एवं अनिल ठाकुर, बीआरसीसी संतोष पांडेय, नोडल अधिकारी के.आर साहू, सुशील नारायण शर्मा, शेख अफ़ज़ल, बेलरगोंदी प्राचार्य सुंदरलाल चतुर्वेदी, श्रीमती टी. साहू मैडम, शिक्षक टी. पटेल एवं एन. खूंटे और हायर सेकेंडरी स्कूल के समस्त स्टाफ, संकुल जोशीलमती के सभी टीचर्स ने बधाई देते हुए उम्मीद की है कि बलराम कुमार श्रीवास ऐसे ही अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहेंगे और ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चो को जोड़ कर इस कोरोना काल मे भी जिले के नाम एक और उपलब्धि हासिल करने में कामयाब होंगे। बलराम कुमार श्रीवास ने बताया कि उनकी इस कामयाबी में उनके आदर्श शिवकुमार वर्मा, परिवार के सदस्यों, मित्रजनों और पूरे राज्य से जुड़ने वाले बच्चो का बहुत बड़ा योगदान है।