राज्य में मॉडल बनेगा ये नहर निर्माण- किसानों और विधायक के संयुक्त प्रयास से होगा भेड़ी, मुड़िया के पास लिफ्ट इरिगेशन का काम
सरकार ने मापदंडों को नजरअंदाज कर किसानों के हित में दी बजट में स्वीकृति, किसानों को होगा लाभ,
बालोद। विधायक व संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद के अथक प्रयास से एक बार फिर किसान हित में काम होने जा रहा है। खरखरा मोहन्दीपाट नहर योजना के तहत ग्राम भेड़ी और मुड़िया के किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पाती थी उनके खेत के लिए लिफ्ट इरिगेशन के तहत अब पानी पहुंचाया जाएगा। उक्त योजना की स्वीकृति इस बजट में मिल गई है। किसानों के हित में विधायक कुंवर सिंह निषाद की मांग पर प्रशासन के नियमों को नजरअंदाज कर इसे बजट में शामिल करते हुए स्वीकृति भी दी गई है। जिससे किसानों में जमकर उत्साह है। किसानों की वर्षों पुरानी समस्या दूर होगी। ये किसानों और शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की संयुक्त योजना साबित होगी। जो पूरे छत्तीसगढ़ में एक उदाहरण होगी। क्योंकि इसमें किसानों ने स्वयं जमीन दी है। खरखरा मोहदीपाट नहर योजना के लिये ग्राम भेड़ी के कृषको के द्वारा अपनी जमीन 12 मीटर गहराई से कटिंग कर नहर निर्माण के लिये दी गई है। जमीन के बदले अब उन्हें खरखरा जलाशय का पानी सिचाई के लिये लिफ्ट एरीगेसन योजना के माध्यम से दिया जाएगा इसके लिये विधानसभा क्षेत्र गुण्डरदेही के लोकप्रिय विधायक एवं संसदीय सचिव कुंवर निषाद द्वारा शासन से ग्रामवासीयों के लिये हक की लडाई लड कर योजना को बजट में शामिल करवाकर योजना को र 5 करोड़ 86 लाख17 हजार की प्रशासकीय स्वीकृती दिलवाई है। जैसा कि वर्तमान में राज्य के जिलों में अनेकों लिफ्ट इरीगेशन योजना अधिक रखरखाव एवं अधिक बिजली खर्च के कारण का संचालन बंद है। ऐसी परिस्थिति में ग्राम भेडी मुडिया एवं मुडखुसरा के ग्रामवासियों के लिये नई योजना की स्वीकृति पाना बहुत मुशकिल हो रहा था। जिसके चलते योजना 2022 मार्च में बजट से बाहर भी हो गई थी। विभागीय अधिकारियों द्वारा उक्त समस्या को विधायक एवं संसदीय सचिव श्री निषाद को अवगत कराया गया जिस पर उनके द्वारा सीएम भूपेश बघेल व सिंचाई मंत्री रबिन्द्र चौबे को अपने विधानसभा के ग्रामवासियों एवं कृषको के लिये शासन के मापदण्डों को नजर अंदाज कर लाभ दिये जाने की बात रखी।
बजट में शामिल हुए मिली प्रशासकीय स्वीकृति
विधायक के बातों को स्वीकार कर सिचाई विभाग में योजना को पुनः बजट 2022- 23 में शामिल किया गया एवं विधायक द्वारा प्रकरण पर विभाग से सतत जानकारी ली जाती रही। जिसके फलस्वरूप 13 जुलाई को ग्राम भेडी मुडिया के विकास के लिये नया अध्याय लिखने के लिये शासन ने योजना को रू 58617 लाख की प्रशासकीय स्वीकृती का आदेश जारी किया है। अब योजना का निर्मााण के लिये विभाग द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोट तैयार कर तकनिकी स्वीकृती प्राप्त कर निविदा आमंत्रित किया जाना है। जिसके उपरांत कार्य प्रारंभ हो जाएगा। विभागीय अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि कार्य वर्षाकाल में ही तकनिकी स्वीकृती एवं निविदा की कार्यवाही कर ली जाएगी एवं दीपावली के बाद कार्य प्रारंभ हो जाएगा ।
344 हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य
इस योजना से ग्राम भेडी एवं मुढिया के लिये 344 हेक्टेयर को सिंचाई प्रस्तावित है एवं अतिरिक्त रूप से ग्राम मुडखुसरा को सिचाई हेतू पानी प्रदाय किया जाना है। यह एक ऐसी योजना के रूप में बनेगी जिसमें कृषको की भागीदारी होगी। जिसमें कृषक विभागीय अधिकारी / कर्मचारीयो को सहयोग कर योजना को अधिक लाभकारी बनाकर राज्य के अन्य जिलों के लिये उदाहरण पेश करेंगे। ग्राम भेडी, मुढिया एवं मुडखुसरा के ग्रामवासी द्वारा विधायक को स्वीकृती दिलवाने पर अभार व्यक्त किया गया जल्द ही उन्हे ग्राम में सम्मान हेतू आमंत्रित किए हैं।
यह थी किसानों की मांग व समस्या
भेंड़ी उद्वहन सिंचाई योजना को स्वीकृति प्रदान कर वर्षों से सिंचाई से वंचित कृषकों पर उपकार करने की मांग लगातार किसान कर रहे थे। ग्राम भेंडी एवं मुढ़िया के किसानों का कहना था वर्ष 2002-2003 में अपनी कृषि भुमि में से 9-10 मीटर की कटिंग होकर गुजरने वाली खरखरा मोहदीपाट नहर योजना के लिए जमीन दिये थे। जिसमें हमें अश्वासन दिया गया था कि नहर बन जाने के उपरांत नहर से पानी को लिफ्ट कर हमें भी सिंचाई सुविधा प्रदान की जाएगी। लेकिन 14 वर्ष व्यतीत होने पर भी सिंचाई हेतु पानी नहीं दिया जा रहा था। ग्राम भेड़ी और मुढिया दोनों ग्राम तांदुला नदी और खरखरा नदी की सबसे ऊपर भाग पर स्थित है, यहां से पानी तांदुला नदी और खरखरा नदी में जाता है। दोनो ग्राम ऊंचाई पर स्थित होने से यहां कोई भी ट्यूवेल या अन्य तालाब सफल ही नहीं होता है। 9-10 मीटर नहर कटिंग हो जाने से जो थोड़ा बहुत पानी जमीन में ठहरता था वो भी अब नहर में चला जाता है। सभी ग्रामवासी बार-बार भेंड़ी लिफ्ट योजना की मांग करते थे। लेकिन शासन के कर्मचारियो के द्वारा इसमें रूचि नहीं लिये जाने से कोई प्रगति नहीं हो पाती थी। अब विधायक के प्रयास से इस पर प्रशासकीय स्वीकृति मिलने से किसानों में जमकर हर्ष का माहौल है।