मस्टररोल में गड़बड़ी के मामले में एसडीएम ने दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के दिए आदेश, खेरूद पंचायत का है मामला,सरपंच सचिव पर लटकी तलवार

गुंडरदेही। गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम खेरुद पंचायत में मनरेगा में हुई गड़बड़ी के मामले में कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की थी। जिसके जांच के बाद पाया गया है कि कई लोगों के फर्जी हस्ताक्षर, फर्जी हाजिरी के जरिए मनरेगा के तहत राशि निकाली गई है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद दोषियों के विरुद्ध ₹11030 की वसूली हेतु नोटिस भी भेजा गया था और संबंधित मेटों को बर्खास्त किया गया था वसूली योग्य राशि जनपद पंचायत में वापस जमा करवा दिया गया है तो वहीं एसडीएम ने अब इस मामले में दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध यथा आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मामले में खेरूद के सरपंच व रोजगार सहायक द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने की पुष्टि हुई थी। जांच में कई लोगों के बयान से साबित हुआ था कि कई लोग काम में गए नही थे और उनके नाम से हाजिरी भर कर पैसा निकाला गया था। इस संबंध में पूर्व में भी खबरें प्रकाशित की गई थी। जिस पर जांच हुई थी। गांव के जागरुक लोगों ने मामले को उजागर किया था कि किस तरह से बिना काम के भी कई मजदूरों के नाम से फर्जी हाजिरी चढ़ाकर मस्टररोल के जरिए पैसा निकाल कर शासन को चूना लगाया गया है। सूचना के अधिकार सहित अन्य माध्यम से प्राप्त दस्तावेजों से इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। जिसके बाद से पंचायत प्रशासन में खलबली मची।
मेट की पत्नी दिव्यांग फिर भी मनरेगा में चढ़ गई हाजिरी
ऑनलाइन मस्टर रोल रिकॉर्ड के जरिए ग्रामीणों को यह बात भी पता चला कि एक मेट अवध साहू की पत्नी एक बाई का नाम भी बकायदा फर्जी तरीके से चढ़ाया गया है। उनके खाते में भी मनरेगा की मजदूरी ट्रांसफर की गई है। जबकि उनकी पत्नी दिव्यांग है। उनका एक पैर कटा हुआ है। जिसमें कृत्रिम अंग लगा हुआ है। ऐसे में वह काम करने जाती ही नहीं है। लेकिन मनरेगा में बकायदा वह ऑन रिकॉर्ड मजदूर बन गई है। इससे मेट पति की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगा है तो वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच, सचिव, मेट, रोजगार सहायक व अन्य संबंधित मनरेगा के काम से जुड़े हुए लोग अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए ही इस तरह की गड़बड़ी करके बैठे हैं।