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ये हैं बालोद जिले में योगा के सितारे- जिन्होंने बनाई राष्ट्रीय स्तर तक पहचान, सेजल दिल्ली में दिखाएगी आज योगा का जलवा

योगा इनके दिनचर्या में शामिल, योग ओलंपियाड में खिलाड़ी भी हो रहे तैयार

बालोद। इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हम बालोद जिले के कुछ ऐसे सितारों की बात करेंगे जिन्होंने योगा क्षेत्र में अपना किस्मत चमका लिया है। हालांकि इन लोगों में अधिकतर लोग शिक्षा के क्षेत्र से भी जुड़े हुए हैं। स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ वे बच्चों को योग भी सिखाते हैं। इतना ही नहीं कुछ ऐसे योग प्रशिक्षक भी है जो योग में बच्चों को मार्गदर्शन देकर आज उन्हें नेशनल स्तर तक भी पहुंचा चुके हैं। कुछ ऐसे ही उदाहरण के साथ हम उनकी कहानी को पेश कर रहे हैं। जो बताती हैं कि उनके लिए सिर्फ एक दिन ही योग दिवस नहीं है। बल्कि उनकी दिनचर्या योग से ही शुरू होती है। योग के बिना उनका जीवन अधूरा है और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं।

कई बच्चे पहुंचे नेशनल योगा में
बालोद जिले से एकलौती सेजल भी दिल्ली पहुंची इनके बदौलत

गुरुर ब्लाक के ग्राम बासीन में पदस्थ योग प्रशिक्षक (शिक्षक) बालाराम निषाद की उपलब्धि बालोद जिले में विशेष योग गुरु के रूप में हैं। उन्होंने बासीन सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के कई बच्चों को योगा ओलंपियाड के लिए तैयार किया और उनके मार्गदर्शन में कई बच्चे नेशनल तक जा चुके हैं। जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कई मेडल जीतकर अपनी पहचान बनाने वाले योग प्रशिक्षक और इन बच्चों की टीम ने योग को बालोद जिले में एक नया मुकाम तक पहुंचाया है। पिछले साल राज्य स्तरीय योग प्रदर्शन प्रतियोगिता में भी सिल्वर मेडल कोच बाला राम निषाद के नेतृत्व में जिले के खिलाड़ियों ने हासिल किया था। तो अभी हाल ही की बड़ी उपलब्धि यह है कि एनसीईआरटी द्वारा दिल्ली में आयोजित ओलंपियाड में बालोद जिले से कुमारी सेजल बासीन निवासी हिस्सा ले रही है ।जिनके कोच भी बालाराम निषाद हैं। इस नेशनल ओलंपियाड योगा में छत्तीसगढ़ से 8 लोगों की टीम गई है। 7 लोग रायपुर जिले से तो अकेली बालोद से सेजल इस टीम का नेतृत्व कर रही है। जहां 21 जून को ही योग प्रतियोगिता का आयोजन होना है। बच्चों को योग सिखाने के साथ स्वयं भी योग के क्षेत्र में बालाराम कई अवार्ड हासिल कर चुके हैं।बाला राम निषाद शिक्षक शासकीय पुर्व माध्यमिक विद्यालय बासीन ने बताया बासीन के मिडिल व हायर सेकेंडरी स्कूल से अब तक 150 बच्चे राज्य, 25 बच्चे राष्ट्रीय एवं 10 बच्चों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के योग स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में भाग लिया है और कई पदक भी जीता है।

एक साल से चला रहे ऑनलाइन योगा क्लास, 400 से ज्यादा लोगों की शुरुआत होती है इनके साथ

ग्राम चिल्हाटी निवासी शिक्षक कमल कांत साहू पहले ग्राम व जिले के स्वच्छता जागरूकता के लिए प्रयास किये। अब जिले के लोगों की स्वस्थता के लिए पतंजलि योग समिति से जुड़कर वर्तमान में मीडिया प्रभारी का काम करते हुए निरंतर योग को प्रचारित करने में लगे हुए हैं। और कोरोना (कोविड) काल में भी इनके द्वारा बालोद जिला में सोशल मीडिया में ऑनलाइन योग क्लास को प्रारंभ करवाया गया ।जो कि निरंतर 17 मई 2021 से निरंतर जारी है। जिसमें करीब 400 लोग उनके ग्रुप में जुड़े हुए हैं। प्रतिदिन लिंक भेजा जाता है ।पीड़ित जन इस लिंक के माध्यम से प्रतिदिन जुड़कर योग क्लास में सम्मिलित होकर लाभ उठा रहे हैं ।राज्य में अकेला बालोद जिला है जहाँ नियमित ऑनलाइन योग क्लास सबसे अधिक समय तक चलाया जा रहा है।उनके संगठन द्वारा मई में एक भव्य आयोजन तीन दिवसीय गंगा मैया प्रांगण में कराया गया था। तत्पश्चात लोहारा मंडी प्रांगण में तीन दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसका क्षेत्रवासियों ने लाभ लिया । स्वयं दिव्यांग होकर कमलकांत लोगो को स्वस्थता देने का उद्देश्य लेकर आगे बढ़ रहे है। जिसकी सराहना राज्य कार्यकारिणी के सदस्य भी कर चुके है।

मधुमाला महासमुंद में कर रही नेशनल स्तर के आयोजन में मास्टर ट्रेनर के रूप में नेतृत्व

गुंडरदेही की रहने वाली व सिकोसा हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थ व्याख्याता मधुमाला कौशल बालोद जिले में योग प्रशिक्षक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। वह 6 साल से नेशनल स्तर पर मास्टर ट्रेनर के रूप में भी जानी जाती है। और हर साल योग दिवस के आयोजन पर उन्हें अलग-अलग राज्यों में स्काउट गाइड व रेलवे के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण देने के लिए बुलाया जाता है। इस साल का नेशनल स्तर का आयोजन महासमुंद में हो रहा है। जहां वे मास्टर ट्रेनर के रूप में पहुंचे हैं। और वहां देशभर से आने वाले लोगों को योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। मुख्य आयोजन 21 जून को होगा। मधु माला कौशल राज स्तर पर भी सम्मान प्राप्त किए हैं। स्वयं की थायराइड की बीमारी को उन्होंने योग से ठीक किया और योग से नया जीवन हासिल किया व दूसरों को भी योग अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उनके नक्शे कदम पर चलते हुए उनकी बेटी आकांक्षा भी योग में रुचि लेती है और वह भी योग की नेशनल प्लेयर बन चुकी है।

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