समाजिक चेतना के संवाहक: बाबा साहेब अंबेडकर,नावल टीचर्स क्रियेटिव फाउंडेशन का हुआ परिसंवाद आनलाइन कार्यक्रम
बालोद। नावल टीचर्स क्रियेटिव फाउंडेशन द्वारा संविधान निर्माता भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर परिसंवाद आनलाइन कार्यक्रम सामाजिक चेतना के संवाहक: बाबा साहेब अंबेडकर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का प्रारंभ बौद्ध प्रार्थना से करते हुए श्रीमती सरस्वती रामटेके ने डा.अंबेडकर जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब के सामाजिक संघर्ष के कारण ही आज महिलाओं को शिक्षा एवं व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिला है. उनके आदर्श विचार सभी जाति, धर्म, प्रांत से ऊपर उठकर राष्ट्रीय चेतना के प्रति जागरूक करते हैं. क्रियेटिव फाउंडेशन के अध्यक्ष अरुण कुमार साहू ने कहा कि भारत की मिट्टी से गहरा जुड़ाव उनके संविधान रचना में समरस समाज के स्वप्न में स्पष्ट परिलक्षित होता है. शोषित, वंचित वर्ग एवं उत्पीड़ित नारी जागरण कर समाज में समान न्याय एवं स्वतंत्रता के संघर्ष में उनकी अस्मिता को नयी पहचान दिलाई.कार्यक्रम में आमंत्रित प्रवक्ता जम्मू से शिक्षक अजय कुमार डोंगरा ने कहा कि आज हमें डा.अंबेडकर की विरासत को समझने की आवश्यकता है. देश में जाति के नाम पर भेदभाव को समाप्त कर लोगों को आधुनिक समाज की दिशा में कदम बढा़ना चाहिए. राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक रामकुमार वर्मा ने कहा कि बाबा साहेब की प्रगतिशील सोच के कारण ही सभी को शिक्षा का समान अधिकार प्राप्त हुआ. भारतीय मूल की संस्कृति को बौद्ध धर्म के माध्यम से संपूर्ण देश में प्रचारित किया. व्याख्याता तीरथ बड़गंईयां ने कहा कि जन्म जात जाति भेद, छुआछूत के अपमानजनक दंश एवं पीड़ित मानवता से देशवासियों को मुक्त कराने में उनका योगदान सदैव स्मरण किया जाता रहेगा.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कैशरीन बेग ने सभी आमंत्रित एनटीसीएफ सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम के अंत में धर्मेद्र कुमार श्रवण ने अंबेडकर के प्रति समर्पित कविता का पाठ किया. कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के शिक्षक एसकुमार मिर्चें, विवेक धुर्वे,अजय साहू, लिली पुष्पा एक्का, सरस्वती रामटेके, डिलेश्वरी साहू, मोनू गुप्ता, प्रतिभा त्रिपाठी, अंजली कुमार, गीता शरणागत, मीनाक्षी सोनी, मीना भारद्धाज, बी एन योगी, मीना राजवाड़े, राघवेंद्र वर्मा,किरण मीना, रामकुमारी देवांगन आदि ने उपस्थिति प्रदान की।