नेशनल टीचर्स क्रियेटिव फोरम ने इस अंदाज में मनाया राज्य स्थापना दिवस, देखिये तस्वीरें व खबर
बालोद । राष्ट्रीय शिक्षक सृजन मंच के द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत श्रंखला के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विभिन्न जिलों के प्रतिभागी शिक्षक शिक्षिकाओं ने पारंपारिक वेशभूषा से सज्जित होकर उत्साहपूर्वक आन लाइन राज्योत्सव कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति की छटा मनमोहक लोकगीतों, लोकनृत्यों, विशेष पर्व, जनजातीय संस्कृति, पुरातात्विक महत्व के स्थलों की रोचक प्रस्तुति के माध्यम से प्रदर्शित की गई.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, अध्यक्षता पद्मश्री सम्मानित शमशाद बेगम एवं विशिष्ट अतिथि नेशनल पब्लिक रिलेशन कमिश्नर उदयपुर नेपाल के रामभक्त यादव ने शिक्षकों द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की.
नेशनल टीचर्स क्रियेटिव फोरम के संस्थापक जितेंद्र शर्मा ने विभिन्न प्रदेश एवं जिले से आमंत्रित अतिथि कलाकारों का स्वागत सम्मान किया. फोरम अध्यक्ष अरुण कुमार साहू ने लोक सांस्कृतिक पर्व को शिक्षा की जीवंत धारा से जोड़ने का प्रयास किया. कार्यक्रम प्रभारी कैशरीन बैग ने अतिथियों का परिचय दिया.
कार्यक्रम की शुरूआत में राजगीत की सुमधुर प्रस्तुति लोकगायिका लक्ष्मी करियारे ने दी. तत्पश्चात सरस्वती वंदना चित्रमाला राठी तथा स्वागत गीत सीमा साहू द्वारा प्रस्तुत किया गया. अतिथि वक्ता रामकुमार वर्मा ने सांस्कृतिक स्रोत प्रशिक्षण एवं छत्तीसगढ़ की स्थापत्य कला पर चर्चा की.
बस्तर वनांचल क्षेत्र की जानकारी प्रदीप सेन तरांदुल, लोकगीत आरिफ खान दुर्ग एवं सुभाष बेलचंदन चिलमगोंटा, लोकनृत्य त्रिलोक चौधरी ने आकर्षक प्रस्तुति दी. कोरबा दर्शन सुरेंद्र सोनी, लोकगीत कुलदीप सार्वा ईरागुड़ा, गरियाबंद दर्शन लता बेला मोगरे, एतिहासिक धरोहर सुनीता हरिनखेड़े, पंडवानी फिरोजा खान ने बेहतरीन प्रस्तुति देते हुए लोकगीतों के माध्यम से संदेश दिया. बेमेतरा की झलक त्रिलोकी मात्रे, खेरथा की छात्राओं द्वारा लोकनृत्य, लोकगीत जगदीश साहू बलौदाबाजार, धमतरी वृतांत मोहित राम बनपेला रुद्री, भरथरी गीत मधुमाला कौशल, आल्हा ऊदल कमला वर्मा, सरगुजा गीत त्रिभुवन शर्मा, सुवा नृत्य गायत्री साहू, जशपुर पर्यटन स्थल शिवप्रसाद यादव एवं छात्राएं, बिलासपुर पुरातात्विक स्थल आशा उज्जैनी मस्तूरी, बालोद दर्शन लिली पुष्पा एक्का, लोकगीत अनिता गायकवाड़ के द्वारा रोचक लोक परंपरा की झलकियां प्रस्तुत की गई. कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम प्रभारी कैशरीन बैग ने समस्त प्रतिभागी शिक्षक कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त किया.