बड़ी खबर- बालोद सहित कई जिलों में गुलाब चक्रवात मचा सकता है तबाही, सावधान रहे आप भी, देखें मौसम विभाग ने जारी किया है किस तरह का अलर्ट
बालोद/ छग। मौसम विभाग के द्वारा 26 सितंबर को ही एक अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिसमें 27 सितंबर को बालोद सहित कई जिलों में गुलाब चक्रवात के चलते भारी से अति भारी वर्षा होने का अनुमान है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया गुलाब चक्रवात 26 सितम्बर को शाम 6 बजे के बाद गोपालपुर और कलिंगपटनम के बीच लैंडफॉल होने की संभावना है। इसी के साथ बस्तर संभाग में हवा और वर्षा दोनों का असर प्रारंभ होगा। 26 सितंबर को बस्तर संभाग के सभी जिलों में भारी से अति भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना है। कल 27 सितंबर को गुलाब चक्रवात कमजोर होकर अवदाब के रूप में बस्तर जिले में प्रवेश कल सुबह होने की संभावना है और यह कल रात तक बीजापुर जिले को पार करने की संभावना बढ़ रही है। इससे कारण 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक की तेज हवा चल सकती है। भारी से अति भारी के साथ चरम भारी वाले जिले मुख्यतः सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और बस्तर रहने की संभावना है तथा भारी से अति भारी वर्षा बालोद सहित कोडागांव, कांकेर, धमतरी और गरियाबंद रहने की संभावना है। साथ ही मध्यम से भारी वर्षा दुर्ग और रायपुर संभाग के अन्य जिलों में भी हो सकता है।
इन राज्यो में भी पहले से अलर्ट
बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव की वजह से चक्रवात तूफान ‘गुलाब’ को लेकर आंध्रप्रदेश और ओडिशा में अलर्ट जारी किया गया है। इस तूफान के उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तट से रविवार की शाम को 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने की संभावना है। इसकी अधिकतम गति 95 किलोमीटर तक होने का अनुमान जताया गया है। इसकी वजह से इलाके में भारी बारिश होने की संभावना है।
पाकिस्तान ने दिया है ये नाम
इस बार के चक्रवात का नाम ‘गुलाब’ पड़ोसी देश पाकिस्तान ने दिया है। ‘गुलाब’ शब्द एक बारहमासी फूल वाले पौधे को संदर्भित करता है। आईएमडी के ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार उष्णकटिबंधीय चक्रवात गुलाब का नाम ‘गुल-आब’ रखा गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात बेसिन के नामों की एक लिस्ट रखता है जो नियमित आधार पर बदलता है। इससे पहले देश में चक्रवात ताउते और यास आया था।
ESCAP पैनल के 13 सदस्य देश करते हैं फैसला
संयुक्त राष्ट्र की इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (ESCAP) पैनल के 13 सदस्य देश भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन हैं। प्रत्येक देश को एल्फाबेटिकल आधार पर इस क्षेत्र में बनने वाले अगले चक्रवात का नाम रखते हैं। इसलिए म्यांमार के ताउते के बाद, सूची में अगला नाम ओमान का ‘यास’ था। यह एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ है जैस्मीन, एक सुगंधित फूल।
…तो अगले चक्रवात का नाम शाहीन होगा
हालांकि आने वाले चक्रवातों के नाम पहले से ही तय कर लिए जाते हैं। इस क्षेत्र में 150 से अधिक चक्रवाती तूफान बनने के लिए नामों की एक अप्रूव लिस्ट पहले से ही है। इसलिए, ‘यास’ के बाद बनने वाले चक्रवात तूफान का नाम ‘गुलाब’ भी पहले से ही तय था। इसे पाकिस्तान ने चुना है। खास बात है कि अगर इस क्षेत्र में कोई अगला तूफान आता है तो उसका नाम ‘शाहीन’ होगा। यह नाम कतर ने दिया है।
नाम रखने में इन बातों का रखा जाता है ध्यान
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ), संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (ईएससीएपी) उष्णकटिबंधीय चक्रवातों पर पैनल उत्तरी हिंद महासागर-बंगाल की खाड़ी-अरब सागर क्षेत्र में चक्रवात के नामों पर निर्णय लेते हैं। चक्रवात का नाम हमेशा छोटा, उच्चारण करने और याद रखने में आसान होता है। इसे इस तरह से चुना जाता है कि यह दुनिया भर में आबादी के किसी भी समूह की भावनाओं को आहत न करे, यहां तक कि मामूली तरीके से भी। यह संक्षिप्त, उच्चारण में आसान और किसी भी सदस्य के लिए अपमानजनक नहीं होना चाहिए।
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