बिंग्स टू फ्लाई सोसाइटी की ओर से बाल साहित्य लेखन हेतु शिक्षकों के लिए वेबीनार का आयोजन
रायपुर । राज्य में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के रचनात्मक लेखन कौशल को विकसित करने, उनमें लेखन कौशल में रूचि विकसित करने एवं सभी की रचनाओं को किलोल नामक बाल पत्रिका में स्थान देने के उद्देश्य को लेकर विगत पांच वर्षों के किलोल का प्रकाशन किया जा रहा है | बिंग्स टू फ्लाई सोसाइटी द्वारा इसके अंक दो प्रकार के पाठकों तक पहुंचाएं जाने की व्यवस्था की गयी है | एक सीधे मुद्रित कराते हुए सीमित सामग्री के साथ एवं दूसरा आनलाइन अंक जिसमें सभी सामग्री को स्थान दिया जाता है |
बाल पत्रिका किलोल हेतू बेहतर क्वालिटी की रचनाएं मिल सके, इस हेतु एक वेबीनार का आयोजन किया गया | इसे किलोल पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ आलोक शुक्ल ने संबोधित करते हुए शिक्षकों से बच्चों की रूचि के अनुसार मनोरंजक रचनाएँ भेजे जाने एवं अधिक से अधिक शिक्षकों को इस पत्रिका का लाभ लेकर बच्चों के पठन कौशल विकास की दिशा में मिलकर कार्य करने का अनुरोध किया| श्री पुनीत अग्रवाल ने पत्रिका के लिए आलेख भेजने की तकनीकी जानकारी, श्री ताराचंद जायसवाल ने पत्रिका को पाठकों तक समय पर पहुँचाने हेतु आवश्यक विवरण, वार्षिक एवं आजीवन सदस्यता की प्रक्रिया से अवगत करवाया | श्री द्रोण ने आलेखों के संपादन एवं लेखन में आ रही चुनौतियों एवं तकनीकी समर्थन हेतु महत्वपूर्ण टिप्स साझा किया | पुर्नेश डडसेना द्वारा किलोल के विभिन्न स्तंभों से परिचय करवाया गया| प्रीति सिंह जी ने प्रारंभिक भाषाई साक्षरता हेतु आगामी प्रस्तावित विशेषांक के लिए रचनाएं भेजे जाने का आग्रह किया |
सभी ने यह मिलकर तय किया कि किलोल बाल पत्रिका को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएंगे और अधिक से अधिक शिक्षकों तक इसकी जानकारी देते हुए उनसे उनके रचनात्मक स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए एक प्लेटफोर्म उपलब्ध कराने की जानकारी दी | बिंग्स टू फ्लाई सोसाइटी द्वारा आगामी वेबीनार में शिक्षकों के बच्चों को उनकी रचनाओं के आनलाइन प्रस्तुतीकरण करने पर आधारित होगा | इस हेतु सभी शिक्षकों से आग्रह ही कि वे अपने चौदह वर्ष के आयु वर्ग तक के बच्चो को उनके पसंद से कुछ गीत-कविता-कहानी-चुटकुले-पहेली आदि लिखवाते हुए वेबीनार में शामिल करने हेतु तैयारी रखें |