मोहला ब्लॉक के गांवों में किया जा रहा प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण,गांव के गलियों को बच्चो के अनुसार किया जा रहा प्रिंट रिच
मुचर शेरपार के शिक्षकों ने शुरू किया गलियों को पढ़ाई योग्य वातावरण में बदलने की मुहिम
मोहला। कोरोना महामारी के कारण छत्तीसगढ़ के स्कूल अनिश्चित काल के लिए बंद है। ऐसे वक्त में बच्चों को सुरक्षित पढ़ाई से जोड़ने के उद्देश्य से मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को उनके घरों के आसपास खेलते खेलते पढ़ाने के मकसद से हर गाँव प्रिंटरिच गाँव मुहिम चलाया जा रहा है। इस योजना में शिक्षकों द्वारा गाँव की गलियों और घरों में पढ़ने लिखने के विषयवस्तु का वॉल पेंटिंग किया जा रहा है। ताकि बच्चों को उनके आसपास खेलते खेलते पढ़ने की सुविधा मिल जाए। इसी कड़ी में मोहला वनांचल के शेरपार संकुल के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुचर में भी शिक्षक उमाशंकर दिल्लीवार और शेख अफ़ज़ल द्वारा प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण किया जा रहा है। प्राथमिक शाला मुचर के शिक्षक शेख अफ़ज़ल ने बताया कि बच्चें अपने परिवेश से बहुत सी ज्ञान की बातें सीखते है इसी बात को ध्यान में रखते हुए गाँव की दिवालो में हिंदी, इंग्लिश, गणित और सामान्य ज्ञान का वॉल पेंटिंग करवाया गया है। मोहला एबीईओ राजेन्द्र कुमार देवांगन ने बताया कि प्राथमिक शाला मुचर के शिक्षक उमाशंकर दिल्लीवार और शेख अफ़ज़ल बहुत ही ऊर्जावान और नवाचारी शिक्षक है। पूरे कोरोना काल मे दोनों ही शिक्षकों ने बच्चों को सुरक्षित पढ़ाई से जोड़ने की दिशा में सराहनीय प्रयास किया है। पढ़ई तुहर दुआर के जिला मीडिया प्रभारी सतीश ब्यौहरे ने बताया कि मोहला वनांचल के गांवों में प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण हो जाने से बच्चों को सीखने के नए अवसर प्राप्त होंगे। प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण हो जाने से पालक और ग्रामीण भी अपने आप को पढ़ाई से जोड़ पाएंगे और बच्चों को सीखने सिखाने में सहभागी बन पाएंगे। इस तरह से हम देखते है कि मोहला वनांचल के प्राथमिक शाला मुचर के दोनों ही शिक्षकों द्वारा प्रिंटरिच वातावरण के निर्माण से निश्चित रूप से बच्चों को बहुत लाभ होगा। इस दिशा में संकुल समन्वयक प्रदीप मण्डावी ने भी पूरे संकुल के शालाओ को प्रोत्साहित किया है। मण्डावी के द्वारा शेरपार संकुल के सभी गांवों में गली मोहल्ला में ही पढ़ाई के लिए प्रिन्ट रीच वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है।