जगन्नाथपुर पंचायत में बदलाव की शुरुआत: गांव को स्वच्छ बनाने हुई पहल, अतिक्रमण की शिकायत आने पर अवैध कब्जाधारियों पर भी हो रही कार्रवाई

अवैध मुरूम खनन पर भी कसा गया शिकंजा, रात में होता था यहां बेतरतीब तरीके से खनन
बालोद । बालोद ब्लाक के ग्राम जगन्नाथपुर पंचायत में नए चुनाव के बाद पदभार ग्रहण करते ही सरपंच, उपसरपंच और पंचों की एकजुटता देखने को मिल रही है। और यही वजह है कि यहां अब बदलाव की हवा चल रही है। गांव में कुछ अव्यवस्था और अनियमितता थी। उन्हें दूर करते हुए नए पंचायत प्रतिनिधियों ने गांव के नए सिरे से विकास पर प्रयास शुरू कर दिया है।
इसके तहत गांव को स्वच्छ बनाने, आसामाजिक तत्वों के अड्डों को बंद करने, अवैध मुरूम खनन पर शिकंजा कसने तो साथ ही अवैध कब्जा करके निर्माण कर रहे लोगों पर भी नकेल कसने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस क्रम में जगन्नाथपुर में सोमवार का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा। क्योंकि यहां एक साथ कई कार्यो की शुरुआत की गई। एक ओर जहां बांध में हो रहे अवैध मुरूम खनन पर पूरी तरह शिकंजा कसते हुए पंचायत प्रशासन ने बंद करवाया तो वही गांव के विकास हेतु गौठान और कुछ जगहों पर समतलीकरण के उद्देश्य से पंचायत से विधिवत प्रस्ताव कर गांव के उपयोग के लिए निर्धारित ट्रिप में मुरूम निकालने की सहमति के साथ काम शुरू किया गया।
जहां होता था पहले आसामाजिक तत्वों का अड्डा, अब वहां नजर आ रही स्वच्छता
वही जगन्नाथपुर के चौक के पास स्थित एक मोबाइल टावर के पीछे अक्सर आसामाजिक तत्वों और शराबियों का अड्डा बना रहता था। एक दिन पहले तक यहां शराब की शीशियां और प्लास्टिक के डिस्पोजल से पूरा सरकारी जगह अटा पड़ा था। वहां पर पंचायत प्रतिनिधियों ने सफाई अभियान चलाया और अब इस जगह को समतल करने के लिए वहां मुरूम डलवाया जा रहा है। जिससे अब इस जगह को नया स्वरूप मिलने वाला है। तो वही गौठान में जहां बरसात में काफी दलदल हो जाता था उसका भी समतलीकरण शुरू कर दिया है। वहां भी मुरूम डलवाया जा रहा है।
गहमागहमी के बीच चली अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई, विरोध का भी करना पड़ा सामना, समझाइश के साथ दी गई अंतिम चेतावनी
इस बीच सोमवार को आचार संहिता के दौरान अवैध निर्माण शुरू करने वाले और पदभार ग्रहण करने के बाद नोटिस देने के बाद भी निर्माण को जारी रखने वालों पर पंचायत प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई की और राजस्व विभाग की टीम, पटवारी उनकी सहायक, कोटवार और सरपंच, उपसरपंच सभी एक साथ अवैध कब्जाधारियों के निर्माण स्थल पर पहुंचे और जरीब (भूमि माप की जंजीर) बांधकर संबंधित व्यक्तियों की पट्टों के अनुसार निर्धारित जमीन की जांच की गई। इस दौरान कुल चार जगह पर यह टीम पहुंची थी। एक जगह पर कॉलम गड्ढा खोदा गया था। जिसने पंचायत प्रशासन की बात और समझाइश को स्वीकारते हुए जगह छोड़कर निर्माण करने की बात कही। तो दो जगह पर प्रधानमंत्री आवास बन रहा है जो कि निर्धारित पट्टे की जगह के साथ-साथ अतिरिक्त सरकारी जगह पर भी कब्जा करके बनाया जा रहा है। उनका नाप कर उन्हें समय पूर्व कब्जा हटाने के लिए निर्देशित किया गया। तो वही एक व्यावसायिक परिसर के निर्माण को लेकर भी शिकायत आई थी कि वह भी सरकारी जगह पर बनाया जा रहा है। उसे भी संबंधी टीम द्वारा सड़क के बीचो-बीच से 40 फीट दूरी नापते हुए जब जांच की गई तो शिकायत सही पाई गई और उक्त निर्माणाधीन परिसर को रुकवाया गया और उसे अवैध कब्जा बताया गया। इसी तरह एक महिला के यहां भी जब टीम निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास की नाप के लिए पहुंची तो काफी हिस्सा अवैध पाया गया। इस दौरान उक्त महिला द्वारा विरोध किया जा रहा था कि सिर्फ हम पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है? गांव में और भी कई लोगों का कब्जा है, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर पंचायत बुलाकर उक्त महिला और उनके पति दोनों को ही समझाइश देकर कहा गया कि हमारे पास जिनके भी लिखित शिकायत आए थे उन पर हमने जांच कर कार्रवाई की है। अगर आपको किसी के निर्माण से आपत्ति है तो आप भी शिकायत कर सकते हैं। हमारे पास जब तक लिखित शिकायत नहीं आएगी कि हम आगे कार्रवाई नहीं कर सकते। सचिव खिलेश सोनबोईर ने सभी अवैध कब्जाधारियों को समय पूर्व स्वयं से कब्जा हटाने के लिए निर्देशित कर दिया है। तो वही अगर निर्धारित समय में कब्जा नहीं हटाया जाता है तो पंचायत प्रशासन अग्रिम तोड़ने की कार्रवाई में जुटेगी। इस कार्रवाई के साथ समस्त ग्राम वासियों को भी एक संदेश दिया गया कि अपने निर्धारित पट्टे अनुसार जमीन पर ही निर्माण करें। जो पुराने निर्माण हो चुके हैं, इसके बाद अब कोई लिखित तौर पर हमारे पास शिकायत आती है तो हम बिल्कुल कार्रवाई करेंगे। वही इस अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने एकजुटता कायम रखने और किसी के बहकावे में ना आने की बात कही।
खनिज माफियाओं ने तालाब को बना दिया था खतरनाक खदान, पंचायत प्रशासन ने कसा शिकंजा

इधर जगन्नाथपुर के बांध में कई हिस्सों में अवैध तरीके से मुरूम निकालने के लिए खुदाई की गई है। खनिज माफियाओं द्वारा जो तालाब पहले खेल मैदान हुआ करता था उसे खोदकर खदान में तब्दील कर दिया गया है। इस पर भी पदभार ग्रहण करने के बाद नए पंचायत प्रतिनिधियों ने गंभीरता दिखाई है और अवैध खुदाई को पूरी तरह से बंद करवाया है। विगत दिनों मौके पर कुछ जेसीबी को भी पकड़ते हुए उन्हें अंतिम चेतावनी दी गई है। जिसके बाद से यहां मुरूम का अवैध तरीके से खनन बंद हो गया है। लेकिन तालाब की स्थिति काफी बदत्तर हो गई है। जिससे बरसात के दिनों में पानी भरने पर मवेशियों सहित इस रास्ते से जाने वाले लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि आगे अब गलत तरीके से अवैध मुरूम निकालने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। गांव के उपयोग के लिए पंचायत में प्रस्ताव के तहत की मुरूम निकालने की इजाजत दी जाएगी लेकिन उस पर भी व्यवस्थित तरीके से खनन होगा, ना की बेतरतीब तरीके से। पंचों ने बताया शिकायत प्राप्त हुई थी कि लगातार आचार संहिता की आड़ में कुछ जेसीबी संचालक यहां बेजा उत्खनन कर रहे हैं। जिससे तालाब की दुर्दशा हो गई है।
सीसीटीवी कैमरे सुधारेंगे तो वही दुकानों को करेंगे व्यवस्थित
सरपंच देव कुंवर कोसिमा, उप सरपंच मनोज सुकतेल ने बताया कि गांव में पूर्व में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन कई खराब हो चुके हैं। ऐसे में आसामाजिक तत्वों पर पर्याप्त निगरानी नहीं हो पा रही है। हाल ही में हमने मोबाइल टावर के पीछे जगह की सफाई करवाई है और उस जगह को साफ सुथरा रखने का प्रयास कर रहें ताकि वहां जो निर्माण हुए हैं उसका सही उपयोग हो सके और उक्त जगह पर कुछ दुकानों को शिफ्ट करवाकर चौक को व्यवस्थित किया जा सके ताकि शाम को जो सड़क पर जाम लगता है, उससे लोगों को राहत मिले। पंचायत प्रतिनिधियों ने समस्त ग्रामीणों को गांव के विकास के लिए मिलजुल कर साथ चलने की अपील की। इस पूरी कार्रवाई के दौरान सरपंच देव कुमार कोसिमा, उपसरपंच मनोज सुकतेल, पंच राधा ठाकुर, शशि कला मिश्रा,पद्मनी देशमुख, तामेश्वरी देशमुख, मोनिका साहू, हरि साहू, यशवंत गायकवाड़, बिंदु साहू,पटवारी सहायक, कोटवार, दानी राम देशमुख, ग्राम पटेल अभ्यास साहू, दीपक यादव आदि मौजूद रहे।