पेंडरवानी में प्रस्तावित शराब दुकान को लेकर ग्रामीणों में गरमाया माहौल, शराब कोचिया से ग्रामीणों ने की हाथपाई : विरोध देख आबकारी विभाग की टीम हुई गायब….

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बालोद/गुरुर। गुरुर ब्लॉक के ग्राम पेंडरवानी में शराब दुकान खोलने की तैयारी है। जिसको लेकर ग्रामीणों की राय जानने के लिए आबकारी विभाग की टीम यहां पहुंची हुई थी। लेकिन प्रस्तावित शराब दुकान को लेकर ग्रामीणों में पहले से ही आक्रोश तो है ही तो गांव में ही अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ भी जमकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। यही नतीजा रहा कि जब आबकारी विभाग की टीम वहां पहुंची तो ग्रामीणों ने एक स्वर में खड़े होकर कहा कि हम शराब भट्टी नहीं खुलने देंगे। तो वही गांव में शराब बेचने वाले तथाकथित कुछ कोचियों को घेर कर उनके साथ ग्रामीणों ने जमकर हाथापाई करने का भी प्रयास किया।

तो वही माहौल बिगड़ते देखकर आबकारी विभाग के अधिकारी वहां से फिर गायब हो गए। युवा कांग्रेस के नेता मनीष देवांगन सहित सरपंच त्रिलोकी साहू, उप सरपंच घनश्याम देवांगन, ग्रामीण अध्यक्ष जगत राम साहू, लखन देवांगन, राजेश पटेल, प्रेमराज देवांगन, गिरधारी देवांगन, गोवर्धन मेश्राम ,आरती साहू, त्रिवेणी यादव युवा कांग्रेस नेता सहित भाजपा के नेता भी इस दौरान मौजूद रहे। सभी ने गांव में शराब दुकान खोले जाने का विरोध किया। विरोध को देखते हुए आबकारी विभाग के अधिकारी कुछ कर नहीं पाए और वहां से गायब हो गए। माहौल काफी गरमाया रहा। माहौल को देख विभाग के अफसरों को वहां से जाना पड़ा। गांव के महिला पुरुष सभी ने एक स्वर में कहा कि हमारे यहां शराब दुकान नहीं खोलने देंगे। अगर गांव में कोई भी शराब बेचते पाए जाते हैं तो उन्हें ₹5000 का दंड का प्रावधान भी ग्रामीणों ने रखा है।

विभाग के अफसरों ने कहा :पंचायत की एनओसी के बगैर नहीं खोल सकते शराब दुकान और बताने लगे दुकान खोलने के फायदे भी

ग्राम वासियों का कहना है कि कुछ लोग गांव में अवैध तरीके से शराब बेच रहे हैं । उन पर भी कार्यवाही होना चाहिए ।तो वही इस बीच पहुंचे आबकारी विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक पंचायत से एनओसी नहीं मिलती है मदिरा दुकान नहीं खुल सकता। हमारे पास सिर्फ प्रस्ताव आया है ।यह प्रस्ताव बिना पंचायत की सहमति एनओसी/ प्रस्ताव के नहीं खुल सकती। शराब एक सामाजिक बुराई है। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि शराब भट्टी नहीं खुलनी चाहिए। तो दूसरी ओर मौके पर पहुंचे आबकारी विभाग के अधिकारी मीडिया और ग्रामीणों के बीच शराब दुकान खोलने के फायदे भी बताते नजर आए। इस बीच अधिकारियों ने कहा कि शराब दुकान के खुलने से क्या फायदे हैं यह भी जानना जरूरी है। जब तक पंचायत प्रस्ताव नहीं देगी नहीं खुल सकता ।लेकिन फायदे की बात करें तो जो अवैध शराब बिकती है गांव में या आसपास वह बंद होगा। उस पर पाबंदी लगेगी। दूसरा शराब दुकान खुलने से हर महीने जो भी किराया निर्धारण होगा 25 से 40 हजार वह पंचायत के फंड में आएगा। उस फंड से गांव का विकास भी होगा। ऐसा नहीं है कि गांव को कुछ फायदा नहीं होगा। वहीं ग्रामीण जहां बोलेंगे गांव के बाहर एक किलोमीटर दो किलोमीटर जहां भी जगह उपलब्ध कराएंगे वहां शराब दुकान खोला जाएगा। ऐसा नहीं है कि हम अपने मन से कहीं भी दुकान खोल लेंगे। पंचायत और ग्रामीणों की सहमति के तहत ही शराब दुकान खोला जाता है। विभाग के अफसरो ने कहा कि आसपास के क्षेत्र के लोग को भी इससे रोजगार मिलेगा । इस गांव जहां भी शराब दुकान खुलेगा वहां पर आसपास के लोग आते हैं। शराब खरीदने के लिए आते हैं तो इस जगह का व्यापार बढ़ता है। लोग एक के जरिए चार चीज खरीदने आते हैं। इससे व्यापार को तो बढ़ावा मिलेगा हालांकि यह ग्रामीणों के स्वविवेक पर निर्भर है कि वह शराब दुकान खोलना चाहते हैं या नहीं। पंचायत और पंचों के द्वारा प्रस्ताव दिया जाएगा तभी हम खोलेंगे । इसके बिना यह नहीं खोला जा सकता । अधिकारियों ने कहा कि शराब कोचिया दूसरे जगह से शराब खरीद कर लाते हैं दूसरे राज्य का शराब तक भी खपा देते है। ऐसा नहीं है कि विभाग जानबूझकर शराब दुकान खोलना चाहती है। हम गांव का हित भी चाहते हैं। अगर गांव वाले विरोध करते हैं तो नहीं खोल सकते। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया कि सभी शराबी प्रवृत्ति के हो ऐसा नहीं है। जो पीने वाले होंगे वह जहां भी खुले वहां जाकर पी सकते हैं।

सभी पंचों की मांगी थी राय, नहीं खुलने देंगे शराब दुकान

भाजपा के वरिष्ठ नेता और सरपंच त्रिलोकी साहू ने कहा कि मैंने सभी पंचों से राय मांगी थी। अपने-अपने वार्ड की महिलाओं को इस संबंध में राय जानने के लिए कहा था। ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाई और शराब दुकान ना खोलने का निर्णय लिया है सरपंच त्रिलोकी साहू ने कहा कि वर्तमान में पंचायत सचिव हड़ताल में भी है। इसलिए हम पंचायत की ओर से कोई निर्णय नहीं ले सकते। अगर मैं पंचायत की ओर से लिख कर दे सकता हूं कि पेंडरवानी में शराब भट्टी नहीं खुलना चाहिए तो गांव के लोगों को जानकारी होना जरूरी था। इसलिए मैंने सब के समक्ष यह निर्णय लेना स्वीकार किया। आबकारी विभाग चोरी चुपके दुकान न खोले इसलिए हमने ग्रामीणों का विश्वास जीतने के लिए सबको आमंत्रित किया था और ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा है कि हम शराब दुकान नहीं खोलने देंगे। तो हम भी आपके साथ हैं। पूर्व में हम कंवर में शराब भट्टी हटाने को लेकर भी आंदोलन कर चुके हैं। फिर ठेकेदारी पद्धति से भी शराब दुकान चला था। उस समय भी हमने विरोध किया था। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि शराब दुकान खोलने पर तो पाबंदी लगाई जाएगी । साथ ही अवैध शराब बिक्री पर भी रोक लगाई जाएगी। गांव में जो भी अवैध रूप से शराब बेच रहे हैं जैसे संतोष देवांगन को पूरी तरह से शराब बेचने मना कराया गया। और अवैध शराब न बेचने की सहमति संतोष देवांगन द्वारा भी दी गई है। अगर नियम को नहीं मानते हैं तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ₹5000 जुर्माना का भी नियम बनाया गया है। संतोष देवांगन ने कहा है कि अब वे शराब नहीं बेचेंगे। अगर ऐसा करते हैं तो उनके ऊपर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही पुलिस कार्यवाही भी होगी। सार्वजनिक जगहों पर भी शराब पीने पर पाबंदी लगाई गई है।

हमारा अभियान लाया रंग, ग्रामीणों का धन्यवाद

वही युवा कांग्रेस के नेता मनीष देवांगन ने कहा कि हमारा अभियान रंग लाया है। ग्रामीणों ने एक स्वर में शराब भट्टी खोले जाने का विरोध किया है। हम भी उनका समर्थन करते हैं। लगातार विगत दिनों से शराब दुकान खोले जाने को लेकर विरोध हो रहा था। जिससे पूरे गांव में आक्रोश भी था और शराब भट्टी ना खोले जाने को लेकर अभियान चलाया गया था। इसी के फलस्वरुप ग्रामीणों ने हमारे अभियान में एक जुटता दिखाई और गांव की सभी महिलाएं और युवा साथी हमारे साथ आए और शराब भट्टी खोलने के विरोध में अपना मत रखें और यह अभियान सफल हुआ। अब गांव में शराब दुकान नहीं खुलेगा। ग्रामीणों की इस एकजुटता के लिए उन्होंने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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