सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल का जिला पंचायत सदस्य पूजा वैभव साहू ने लिया जायजा, स्थिति देख हुई भावुक, कहने लगी: मैं यहां से पढ़कर निकली हूं यह दुर्दशा देख दुख होता है….


नया भवन जल्द बनवाने के लिए करेंगे प्रयास, सरपंचों और शाला प्रबंधन समिति के साथ मिलकर लड़ेंगे स्कूल भवन की लड़ाई
बालोद। जिला पंचायत सदस्य पूजा वैभव साहू अपने गांव जगन्नाथपुर/सांकरा में संचालित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल का जायजा लेने के लिए पहुंची थी। जहां जर्जर भवन होने के कारण बच्चों को अब बैठाया नहीं जाता है। जब उन्होंने वहां भवन की स्थिति देखी तो इस बदहाली पर वह भावुक हो गई। कहने लगी कि मैं खुद इस स्कूल में पढ़ी हूं। आज इस स्कूल की दुर्दशा देखकर दुख होता है। यह स्कूल भवन काफी पुराना है। आज तक इसे तोड़कर नया बना दिया जाना था। लेकिन अब तक नया भवन नहीं बना है और बच्चों को मजबूरी में दूसरे स्कूल के भवन में दो पाली में कक्षा लगाकर काम चलाना पड़ रहा है। इस दौरान शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भूपत बघेल सहित स्थानीय सांकरा की सरपंच लता चुरेंद्र और अन्य ग्रामीण भी मौजूद रहे। जिन्होंने स्कूल भवन की दुर्दशा को लेकर चिंता जाहिर की। यह बात भी पुरजोर तरीके से उठा कि पूर्व में जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे तो इस स्कूल भवन के निर्माण के लिए एक करोड़ 21 लाख रुपए स्वीकृत हो चुका था। जिसका भूमि पूजन भी हो चुका है।

जिसका बोर्ड यहां कमरे में पड़ा हुआ है। लेकिन वित्त विभाग की अनुमति न होने के चलते कार्य निरस्त हो गया और मामला लटका रह गया।

इस बात को लेकर जिला पंचायत सदस्य सहित शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भूपत बघेल और सरपंचों ने एक स्वर में कहा है कि आगे जल्द से जल्द इस भवन की स्वीकृति दिलाने के लिए सब मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।

बच्चों को जल्द नए भवन दिलाने के लिए प्रयास करेंगे ।जल्द ही 7 से 8 पंचायत के सरपंचों के साथ मिलकर एक और बैठक रख आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। ताकि शासन प्रशासन इस भवन के नवनिर्माण को लेकर जल्द ध्यान दें। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य सहित सभी पालकों और शाला प्रबंधन समिति से जुड़े लोगों ने प्रत्येक कमरे का जायजा लिया और स्थिति देखकर दंग रह गए। बाहर से सही सलामत दिखने वाला यह स्कूल भवन अंदर से पूरी तरह खंडहर हो चुका है। यहां रखें सामान तक सुरक्षित नहीं है।

स्थिति यह है कि यहां दर्जनों नए कंप्यूटर पड़े हुए हैं लेकिन भवन के अभाव में उनका लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है तो जगह के अभाव में बच्चों को अब मिडिल स्कूल और पुस्तकालय और प्रयोगशाला भवन का सहारा लेना पड़ रहा है। आखिर कब तक इस वैकल्पिक व्यवस्था के तहत काम चलाएंगे यह सवाल बना हुआ है। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भूपत बघेल ने कहा कि लगातार हम प्रयास कर रहे हैं कि नए भवन की स्वीकृति मिल जाए। पूर्व में स्वीकृत होने के बावजूद वित्त विभाग के जरिए अनुमति न मिलने के कारण काम हो नहीं पाया। इस बार ऐसा ना हो इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।

इस दौरान प्रमुख रूप से जीआर दीपक, खोमन देशमुख, शांतनु देशमुख, सोहन यादव, जिला पंचायत सदस्य की मीडिया प्रभारी माधुरी दीपक यादव, ग्राम पटेल अभ्यास साहू, भूपेश जेठमल, भुनेश्वर साहू, गुणेश्वर देशमुख सहित अन्य मौजूद रहे।