अपनी मांगों को लेकर पंचायत सचिव बैठे हड़ताल पर,अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू

बालोद। बालोद जिला सहित पूरे छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिव अब फिर से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर उतर गए हैं। इस संबंध में मोदी की गारंटी पूरा न होने का आरोप लगाते हुए पंचायत सचिव संघ के लोगों ने अपने-अपने क्षेत्र में जनपद पंचायत के सीईओ और जिला संगठन द्वारा जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपने के बाद अब मंगलवार से पंडाल लगाकर धरना देना शुरु कर दिया है। जिला अध्यक्ष महेंद्र साहू ने बताया की मोदी गारंटी पूरा नहीं करने के कारण 17 मार्च को विधानसभा घेराव किया गया था। 18 मार्च से जनपद मुख्यालय में अनिश्चितकालीन हडताल शुरू कर दी है। इसी क्रम में आगामी 01 अप्रैल को मंत्रालय का भी घेराव किया जाएगा। प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय आह्वान पर मोदी गारंटी पूरा नहीं करने के कारण उक्त आंदोलन किये जाने का निर्णय लिया गया है।
क्या है समस्याएं
विधानसभा चुनाव वर्ष 2023-24 में हुए चुनाव में मोदी की गांरटी में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया गया है. 1995 से कार्यरत पंचायत सचिवों को शासकीयकरण की गारंटी दी गई है। इस संबंध में 07-07-2024 को इन्डोर स्टेडियम रायपुर के सभागार में मुख्यमंत्री , विधानसभा अध्यक्ष , उपमुख्यमंत्री , मंत्री महिला बाल विकास विभाग तथा घोषणा पत्र के संयोजक सांसद दुर्ग की उपस्थिति के बीच सभी प्रमुख द्वारा पंचायत सचिवो के शासकीयकरण को अति आवश्यक मानते हुए शीघ्र ही शासकीयकरण करने का भरोसा देते हुए मुख्यमंत्री द्वारा मोदी की गारंटी को पुरा करने हेतू तत्काल कमेटी गठन करने की घोषणा करते हुए शासकीयकरण करने का भरोसा दिया गया था। मुख्यमंत्री के घोषणा अनुरूप 16 जुलाई 2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समिति गठन कर 30 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतू उल्लेख किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में कमेटी द्वारा पंचायत सचिवों के शासकीयकरण के संबध में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। जिस पर पंचायत सचिवों को पुर्ण आशा और विश्वास था कि रिपोर्ट अनुसार बजट सत्र में शासकीयकरण का सौगात प्रदान किया जायेगा। किन्तु बजट सत्र में नहीं आने एवं इस विषय पर सरकार द्वारा कोई पहल नहीं करने के कारण पुरे प्रदेश के पंचायत सचिव क्षुब्ध और आक्रोशित है। इसलिये प्रदेश पंचायत सचिव संघ के द्वारा दिनांक 10 मार्च को धर्मनगरी कवर्धा में बैठक कर निर्णय लिया गया कि अब फिर से चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा था मोदी की गारंटी है तो घोषणा करने की जरूरत नहीं
सोशल मीडिया में पंचायत सचिव कर्मियों के शासकीकरण की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा दिया गया वक्तव्य संबंधित वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें वे पंचायत सचिवों को संबोधित करते हुए नजर आ रहे हैं। कह रहे हैं कि पंचायत सचिवों के शासकीयकरण करना तो हमारे मोदी की गारंटी में शामिल है। उसके कई अलग से घोषणा करने की जरूरत नहीं है। उसे पूरा करना हमारा कर्तव्य और धर्म है। उस वीडियो को हड़ताल से पूर्व शेयर करते हुए पंचायत सचिव कमी आह्वान कर रहे हैं कि विष्णु देव सरकार मोदी की गारंटी को पूरा करें। अन्यथा हड़ताल में चले जाने से पंचायत का कार्य काम पूरी तरह से ठप होने वाला है । जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
प्रभावित होगा आवास प्लस सर्वे का कार्य
वर्तमान में ग्राम पंचायत में आवास प्लस के तहत सर्वे का कार्य भी चल रहा है। पंचायत सचिवों के हड़ताल में चले जाने से यह कार्य भी प्रभावित हो सकता है। हालांकि इसमें हितग्राही को स्वयं भी ऐप के जरिए सर्वे करने की सुविधा दी गई है। लेकिन हर कोई इस तकनीक से वाकिफ नहीं है। जिसके कारण लोग पंचायत में ही आकर संबंधित सचिव या स्टाफ के जरिए सर्वे करवा रहे हैं। लेकिन अब सचिवों के हड़ताल में चले जाने से सर्वे सहित अन्य कार्य प्रभावित होंगे। जबकि उक्त प्रधानमंत्री आवास योजना के सर्वे की अंतिम तारीख 31 मार्च तय की गई है और इधर सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
बालोद के धरना प्रदर्शन में यह रहे मौजूद
बालोद बस स्टैंड में पंचायत सचिव संघ बालोद के द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसमें प्रमुख रूप से अध्यक्ष केशव धनकर, सचिव नरेंद्र कुमार भारद्वाज, उपाध्यक्ष कौशल्या साहू, दिनेश केसरिया, छबिलाल नेताम, जलेंद्र यदुवंशी, योगेश कुमार साहू, तिलक साहू, रमेश निषाद, महेंद्र साहू, कोमल यादव, देवचंद साहू, प्रेम कुमार सिन्हा ,हरीश वाहिले, धर्मराज साहू, सीमा सेन, सतरानी साहू सहित अन्य मौजूद रहे।