खबर का असर : बाल दिवस पर सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को मिला उनका प्रिय शिक्षक वापस, बच्चों ने स्कूल में केक काटकर मनाई खुशी

शाला प्रबंधन समिति ने दी थी तालाबंदी की चेतावनी, विभाग ने अटैचमेंट किया निरस्त, वाणिज्य के व्याख्याता विवेक धुर्वे पहुंचे मूल शाला वापस

बालोद । बालोद ब्लाक के ग्राम सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल
के वाणिज्य संकाय के बच्चों को अपना प्रिय शिक्षक विवेक धुर्वे वापस मिल गया है। बाल दिवस पर ही उनका अटैचमेंट निरस्त करके उन्हें मूल शाला भेज दिया गया। जब शिक्षक अपने स्कूल वापस लौटे तो बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था। बच्चों ने बाल दिवस पर ही मिले इस खुशी को जश्न में बदलते हुए सभी शिक्षकों, शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष भूपत बघेल के साथ मिलकर केक काटकर शिक्षक विवेक धुर्वे का स्वागत सम्मान किया। ज्ञात हो कि विगत दिनों वाणिज्य के व्याख्याता विवेक धुर्वे को स्कूल में अटैच कर दिया गया था। जिससे यहां के लगभग 100 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। विभाग द्वारा पीपरछेड़ी में हुए आंदोलन को देखते हुए तात्कालिक तौर पर विवेक धुर्वे को वहां अटैच करके भेज दिया गया था। लेकिन इस व्यवस्था से सांकरा ज में शिक्षा व्यवस्था बाधित हो गई थी जिस पर सांकरा हायर सेकेंडरी स्कूल के शाला प्रबंधन समिति सहित बच्चों ने तालाबंदी और आंदोलन की चेतावनी दी थी। अधिकारियों द्वारा समझाइश का सिलसिला भी चल रहा था। तो पिछले हफ्ते एसडीएम, तहसीलदार सहित जिला शिक्षा अधिकारी और बीईओ भी ग्रामीणों और समिति को आश्वस्त करके गए थे कि हम शिक्षक की व्यवस्था करेंगे। यहां के बच्चों की वैसे तो प्रमुख मांग थी कि जिस शिक्षक को अटैच किया गया है हमें उसी शिक्षक को वापस किया जाए। क्योंकि जिससे इतने दिनों से पढ़ रहे हैं उसी से ही जल्दी और आसानी हमें समझ में आएगा। अचानक से बीच सत्र में दूसरे शिक्षक आएंगे तो पढ़ाई भी प्रभावित होगी। अंततः शाला प्रबंधन समिति और बच्चों की वाजिब मांग के सामने शिक्षा विभाग को अपना फैसला बदलना पड़ा और जिस व्याख्याता विवेक धुर्वे को पीपरछेड़ी में अटैच कर दिया गया था, उस आदेश को निरस्त करके तत्काल उन्हें वहां से मुक्त करके मूल शाला सांकरा भेज दिया गया बाल दिवस पर 14 नवंबर को ही बच्चों को उनका प्रिय शिक्षक वापस मिल गया। जिसकी वे मांग कर रहे थे।

दूसरे शिक्षक की व्यवस्था बनाने की बात कर गए थे अधिकारी, पर बच्चों सहित समिति की मांग थी पहली प्राथमिकता विवेक धुर्वे ही है

ज्ञात हो की एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन देकर भी मामले को शांत कराने का प्रयास किया जा रहा था कि हम विवेक धुर्वे नहीं आएंगे तो दूसरे शिक्षक की व्यवस्था कर देंगे। उसी (विवेक) से पढ़ना ही क्यों जरूरी है। लेकिन बच्चों की जिद थी कि हमें वही शिक्षक चाहिए। उनके अटैचमेंट के बाद स्थानीय प्रभारी प्राचार्य टीआर ठाकुर द्वारा अन्य शिक्षकों को उनके विषय को पढ़ाने के लिए समय सारणी में बदलाव करते हुए प्रभार दिया गया था। लेकिन बच्चों द्वारा एसडीएम के सामने यह समस्या रखी गई थी कि हमें अन्य शिक्षक से समझ नहीं आ रहा है। हमें अपना शिक्षक लौटा दो। इस पर अधिकारी आश्वासन देकर गए थे तो ही पर इस आश्वासन को फिर से लॉलीपॉप पकड़ाने जैसी बात कहते हुए शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भूपत बघेल ने चेतावनी दी थी कि अगर बुधवार तक शिक्षक की व्यवस्था नहीं होती है तो हम तालाबंदी करेंगे। तालाबंदी की चेतावनी पहले भी दी गई थी। लेकिन अधिकारियों द्वारा मामले को शांत कराने का पूरा प्रयास किया गया। तो बच्चों को समझाने की कोशिश की गई थी। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था कि किस तरह दबाव पूर्वक बच्चों को समझाया जा रहा था कि वे उसी शिक्षक की मांग क्यों कर रहे हैं? ऐसा नहीं होना चाहिए। दूसरे शिक्षक से भी पढ़ सकते हैं या उसी विषय के शिक्षक के बिना भी पढ़ाई हो सकती है।तहसीलदार तो बाकायदा कक्षा में बच्चों को यूट्यूब के माध्यम से पढ़ने की सलाह दे रहे थे।

विवेक धुर्वे को ही वापस भेजने बच्चों ने की थी लिखित मांग

जब विवेक धुर्वे को पीपरछेड़ी अटैच किया गया था तो बच्चे लिखित ज्ञापन देकर उसी शिक्षक को वापस भेजने की मांग कर रहे थे । जिसके आधार पर शाला प्रबंधन समिति ने कलेक्टोरेट में भी ज्ञापन देकर तालाबंदी की चेतावनी दी थी। इस दौरान ये बात भी सामने आई कि बच्चों को कुछ शिक्षकों द्वारा यह धमकाया भी गया था कि अगर वे किसी तरह से ताला बंदी आंदोलन में शामिल होते हैं तो उनका टीसी काटकर दे दिया जाएगा। ऐसे में जब अल्टीमेटम के बाद तालाबंदी रुकवाने के लिए प्रशासनिक अमला स्कूल पहुंचा और बच्चों से पूछा गया कि वे क्या चाहते हैं तो कुछ ही बच्चे सामने आकर अपनी बात रख पाए कि हमें विवेक धुर्वे से ही पढ़ना है। बाकी अधिकारी उनकी जगह दूसरे शिक्षक की व्यवस्था करने की बात पर जोर दे रहे थे। बच्चे डरे सहमें थे। पर अंततः शाला प्रबंधन समिति के स्पष्ट चेतावनी और बार-बार आश्वासन देकर गुमराह किए जाने से नाराजगी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने विवेक धुर्वे का अटैचमेंट निरस्त कर दिया और उन्हें मूल शाला सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल भेज दिया गया।

बच्चों में खुशी का माहौल

14 नवंबर को बाल दिवस के दिन ही जब उनके प्रिय शिक्षक मूल शाला में लौटे तो बच्चों ने उत्साह पूर्वक उनका स्वागत सम्मान किया। तो वही शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष भूपत बघेल के प्रयासों की भी सराहना की। तो अध्यक्ष भूपत बघेल ने इस सफलता और मांग पूरा होने पर शासन प्रशासन, शिक्षा विभाग सहित मीडिया का भी आभार जताया। जिन्होंने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया था।

अगले सत्र में दो शिक्षक हो जाएंगे रिटायर, इसलिए चाहते थे कोई शिक्षक यहां से बाहर न जाने पाए

शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भूपत बघेल ने कहा कि अगले सत्र से दो शिक्षक यहां से और रिटायर होने वाले हैं। पहले भी एक शिक्षक को यहां से अटैच करके दूसरी जगह भेज दिया गया था। जो वापस ही नहीं आए। इसलिए हमें विभाग से भी नाराजगी थी कि जब शिक्षक की कमी यहां भी है और बच्चों की दर्ज संख्या अधिक है तो क्यों व्यवस्था को बाधित किया जा रहा है। जो शिक्षक पदस्थ थे उन्हें क्यों यहां से दूसरी जगह भेज दिया गया है। बच्चों ने भी हमें लिखित तौर पर ज्ञापन आवेदन देते हुए मांग किया था कि हमें विवेक धुर्वे से ही पढ़ना है और उन्हें वापस भेजा जाए। इसी आधार पर हमने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देकर तालाबंदी की चेतावनी दी थी। बार-बार अधिकारी हमें आश्वासन देकर मामले को टालने का प्रयास कर रहे थे। हमने अधिकारियों से मांग किया था की कोशिश करिए कि जो शिक्षक अटैच किए गए हैं उसी को ही वापस भेज दिया जाए। क्योंकि बच्चों की भी यही मांग है। अगर वे नहीं आ पाते हैं तो उसी विषय के अन्य शिक्षक की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए। ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों पर आखिर विभाग ने ध्यान दिया और उसी शिक्षक को वापस किया, जिसे अटैच करके दूसरे स्कूल में भेज दिया गया था।

You cannot copy content of this page