November 21, 2024

मानस मर्मज्ञ जगदीश देशमुख सर्वसम्मति से मनोनीत किए गए श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान के प्रदेश अध्यक्ष

मुख्य संरक्षक मोहन मंडावी,दीप्ति पांडे कार्यकारी अध्यक्ष, राजेंद्र सिंह ठाकुर महामंत्री,छगन यदु कोषाध्यक्ष मनोनीत

बालोद। गंगा मइया मंदिर झलमला बालोद में प्रदेश के सबसे बड़े धार्मिक ,आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक संस्था श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान के प्रदेश संगठन की संयुक्त तत्वाधान में दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश भर के पधारे बालोद, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर, कोण्डागांव, जगदलपुर,सुकमा, दंतेवाड़ा ,राजनांदगांव, मानपुर मोहला, बेमेतरा, कबीरधाम,छुई खदान, दुर्ग, रायपुर , जांजगीर चांपा,सक्ती सहित विभिन्न जिले के पदाधिकारियों ,मानस मर्मज्ञों की उपस्थिति में प्रदेश पदाधिकारी का मनोनयन किया गया। सर्वप्रथम मानस के आराध्य प्रभु रामभद्र के विग्रह में दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया गया।

गठन प्रक्रिया को प्रारंभ करते हुए श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान के प्रमुख संरक्षक एवं पूर्व सांसद मोहन मंडावी ने बायलाज के नियमानुसार प्रदेश अध्यक्ष हेतु कार्यकारी अध्यक्ष जगदीश देशमुख का नाम प्रस्तावित किया गया जिसमें उपस्थित पूर्व अध्यक्ष गोपाल वर्मा, पुरुषोत्तम सिंह राजपूत ,हृदय राम शोरी, प्रदीप कुलदीप, कांशीराम जैन,लिलार सिन्हा सहित प्रदेश पदाधिकारी एवं समस्त जिला अध्यक्षों ने सर्वसम्मति से जिले के वरिष्ठ साहित्यकार एवं मानस मर्मज्ञ जगदीश देशमुख को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किए गये ।इसी क्रम में दीप्ति पांडे जगदलपुर को कार्यकारी अध्यक्ष, छगन यदु कांकेर को प्रदेश कोषाध्यक्ष, राजेंद्र ठाकुर कांकेर को प्रदेश महासचिव, रोहित जंघेल छुई खदान को प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनीत किए गए शेष कार्यकारिणी की नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार किए जाने की सहमति पर मुहर लगाई गई।कार्यक्रम को मुख्य संरक्षक एवं पूर्व सांसद मोहन मांडवी ने संबोधित करते हुए श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान की विकास यात्रा ,वनांचल में हो रहे धर्मांतरण तथा अपने संघर्ष यात्रा को विस्तार से बताते हुए कहा कि श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान में निंदा, द्वेष तथा प्रतिवाद की भावना से मुक्त होकर वाणी संयम के साथ प्रतिष्ठान में निष्काम भाव से कार्य करने के लिए आग्रह किया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल वर्मा ,हृदयराम शोरी, मोहनलाल यादव ,मुन्नालाल देवदास, सीताराम साहू श्याम प्रदीप कुलदीप ने संबोधित करते हुए प्रतिष्ठान को धर्म अध्यात्म तथा सनातन संस्कृति के क्षेत्र में निरंतर उन्नति के कामना की। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मनोनीत होने के पश्चात जगदीश देशमुख ने कहा कि श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान प्रदेश ही नहीं अपितु राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्था है।

इस संस्थान में सनातन धर्म और संस्कृति के लिए छत्तीसगढ़ के मनीषी,साहित्यकारों,प्रवचनकारों, ,कवियों एवं विपुल संख्या में मानस मंडलियां काम कर रही है। सभी के सहयोग और सम्मिलित विचारधारा से मानस के उद्देश्यों एवं चरित्र निर्माण की दिशा में बेहतर कार्य करने की कोशिश करेंगे जिससे माता कौशल्या की जन्मभूमि में श्री राम के आदर्श और मर्यादा को स्थापित किया जा सके। उन्होंने प्रतिष्ठान को सर्वव्यापी और सर्व समावेशी का स्वरूप देकर सब के सहयोग से आगे बढ़ाने की बात कही ।दीपावली मिलन समारोह के इस उत्सवधर्मी आयोजन में मोहन मांडवी, गोपाल वर्मा, जगदीश देशमुख, छगन यादव, पुरुषोत्तम राजपूत, मुन्नालाल देवदास, एमएल यादव, सुभाष यादव, रोहित जंघेल, शीतल साहू, योगेश कश्यप , दीप्ति पांडे ,पोषण शुक्ला, के आर गजबल्ला ,हृदय राम शोरी , कांशीराम जैन लिलार सिंहा, प्रदीप कुलदीप, राजेंद्र सिंह ठाकुर,राजेंद्र लोचन तिवारी, शीतल दास मानिकपुरी, प्रवीण अग्निहोत्री, पुष्पा मिश्रा, बलराम साहू, छबिलाल सार्वा,गजपति साहू, रामकुमार साहू ,दीपकदास मानिकपुरी, रामचंद्र विश्वकर्मा, नंद कुमार साहू, बी आर बेलसर,जयकांत पटेल, जी एल खुरश्याम, चेतन दुलार देवांगन, गजेंद्र साहू, जितेंद्र पटेल, गजेंद्र साहू , सर्वेन्द्र विनायक,सीताराम साहू श्याम, कुंज लाललाल साहू ,रामसेवक निषाद, त्रिभुवन साहू, टोमन लाल साहू ,तामेश्वर साहू, शिवचरण सिंहा, गोवर्धन सिंह राजपूत ,भागवत सिन्हा, आरन सिंह ठाकुर, राजेश कश्यप, राजेश नेताम ,अरुण नाग, राजेश चौहान, मदन ठाकुर, मनकू राम ठाकुर, हेमराय सिन्हा, प्रकाश नोटेंद्र ,चरण सिंह सलाम,ओमप्रकाश सेन, विजय मिश्राम, अशोक कुमार गौतम, रमेश दास मरचुलिया ,देव कुमार, घनाराम साव, गुलशन ओरी, आर श्रीवास ,मनोहर दास मानिकपुरी, सुकृति दास मानिकपुरी, भरत कौशिक, पहाड़ सिंह साहू, लल्लू राम वर्मा सहित बड़ी संख्या में मानस मर्मज्ञ उपस्थित रहे। बैठक में आय व्यय की जानकारी कोषाध्यक्ष छगन यदु ने प्रेषित की ।सदस्यता अभियान पर चर्चा भी हुई। कार्यक्रम का संचालन महासचिव पुरुषोत्तम राजपूत ने किया।

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