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मड़ियाकट्टा मिडिल स्कूल में मनाया गया डाॅ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जयंती को विश्व छात्र दिवस के रूप में

डाॅ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने भारत को इन 6 अनमोल चीजों से दी नई पहचान, युवाओ के प्रेरणा स्रोत: दयालूराम पिकेश्वर*

बालोद। डौण्डी लोहारा विकास खण्ड के आदिवासी वनांचल ग्राम मड़ियाकट्टा के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बैगलेस डे के अवसर पर डाॅ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जयंती पर विश्व छात्र दिवस समारोह आयोजन कर राज्यपाल पुरुस्कृत प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने डाॅ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम का चित्र दिखा कर विद्यार्थियों से उनके अनुभव को बताते हुए विद्यार्थियों को बताए कि इनका पूरा नाम अबुल फकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है।इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931तमिलनाडू के रामेश्वरम में हु आ था। उन्होनें बचपन में इमली के बीज बेचने से लेकर रेलवे-स्टेशन पर अखबार बांटने का काम भी किया वें भारत के 11वें राष्ट्रपति थे।इन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है।भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान थी। डाॅ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जी के सम्मान में 15 अक्टूबर को जयंती मनाई जाती है।इस दिन को विश्व छात्र दिवस भी मनाया जाता है। बच्चों को ए.पी.जे.अब्दुल कलाम से संबंधित फिल्म आई एम कलाम दिखाए गए। एवं कबाड़ से जुगाड़ से माचिस का हेलिकॉप्टर एवं प्लास्टिक की बोतल राकेट बनाओ प्रतियोगिता आयोजन किया गया।

प्रश्न मंच का आयोजन

अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित मिसाइल और उनकी मारक क्षमता को बताए गए।
बैलिस्टिक मिसाइल और इसरो लांन्चिग व्हीकल प्रोग्राम उनमें से एक था।इस के साथ ही कलाम ने लक्ष्य भेदी गाइडेड मिसाइल को भी डिजाइन किया था।डेवलपमेंट प्रोग्राम का प्रस्ताव तैयार कर रहे थे।तब उन्होनें ब्रह्मोस,पृथ्वी,अग्नि ,त्रिशूल आकाश नाग समेत कई मिसाइलों का अविष्कार किया।बच्चों ने अब्दुल कलाम पर कहानी निबंध लेखन कविता पोस्टर बैनर पेंटिंग चित्र बनाए गए और उनके अनुभव प्राप्त कर उनके जीवन के जानकार बहुत प्रभावित हुए। इस अवसर परसराम साहु दीनदयाल अटल सुनिल कुमार अलेन्द्र नारदराम भुआर्य भूमिका मोवाड़े बच्चें उपस्थित रहे।

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