कैदियों के अंदर सुधार लाने के लिए हो रही आध्यात्मिक पहल
बालोद । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय आत्मज्ञान भवन आमापारा बालोद के तत्वाधान में बालोद उपजेल में कैदियों के अंदर सुधार लाने हेतु आध्यात्मिक पहल की गईI दिनांक 21 सितंबर से जेल में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत सात दिवसीय राजयोग शिविर का आयोजन किया गया l
बीके सरिता दीदी ने कहा कि जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या क्यों ना आ जाए लेकिन खुशी अपनी प्रॉपर्टी है वह कभी गुम ना हो क्योंकि खुशी जैसी खुराक नहीं होती lखुश रहने का एक ही मंत्र है बस यही याद रखें कि यह वक्त भी गुजर जाएगाl दूसरा मंत्र उन्होंने बताया कि अगर हमें खुश रहना है तो सबको वही दे जो हमें चाहिए अर्थात सबके प्रति हमें शुभ भावना रखनी है शुभ कामना रखनी है तीसरा मंत्र उन्होंने बताया कि जीवन में यदि खुश रहना है तो हमें वर्तमान में जीना सीखना होगा भूतकाल का अफसोस और भविष्य की चिंता नहीं करनी है चौथा मंत्र उन्होंने बताया कि यदि हमें खुश रहना है तो हमें निरंतर चलते रहना होगा क्योंकि जो निरंतर चलते रहता है स्वयं परमात्मा भी उनका साथ देते हैं किसी भी परिस्थिति में रुक नहीं जाना है पांचवा मंत्र उन्होंने बताया की जीवन में हमें हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए नकारात्मक दृष्टिकोण से जीवन में केवल और केवल परेशानियां ही मिलती है जब सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं तो हमारे जीवन में हर कार्य सकारात्मक रूप से होता है lइस तरह से नेहा दीदी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन करायाl