डौंडीलोहारा। डौंडीलोहारा के संजय नगर के मूर्तिकार टेक राम कुंभकार सन् 1987 से भगवान गणेश, माता दुर्गा, माता सरस्वती, भगवान विश्वकर्मा, माता लक्ष्मी सहित अन्य मूर्तियों का निर्माण बहुत ही बढ़िया कलाकारी के साथ करते आ रहे है। मूर्तिशिल्प व चित्रकला शैली अध्ययन में रूचि रखने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संजारी के इतिहास विषय के व्याख्याता शिवेन्द्र बहादुर ने उनसे उनके मूर्ति निर्माण कला के सफर के बारे में बात की, मूर्तिकार टेक राम कुंभकार ने बताया कि उनका मूल ग्राम भेड़ी लोहारा है जो कि डौंडीलोहारा से 2 किमी की दूरी पर है, वे 1987 में डौंडीलोहारा में बस गये , व शुरुआत में जैसे ही मूर्तियां बनाने की शुरुआत की, आसपास के साथ साथ दूरस्थ क्षेत्रों से मूर्तियों के आर्डर मिलने लगे। उनकी मूर्तियों में जो सजीवता व सादगी नजर आती है वो आमजन को प्रभावित करती है। मूर्तिकार टेक राम कुंभकार ने बताया कि मिट्टी की मूर्ति बनाने के लिए मुख्य रूप से मानक मिट्टी का चयन आवश्यक है, वे चिकनी मिट्टी का प्रयोग करते हैं। साथ ही पैरा का प्रयोग किया जाता है। कुछ मूर्तियों में चावल का भूंसा मिलाना आवश्यक होता है। मूर्तियों के निर्माण में एक माह तक का समय लग जाता है, मूर्तियों को रंग भरते समय विशेष दक्षता की आवश्यकता होती है। भगवान गणेश की छोटी बड़ी कुल 200 के आसपास मूर्तियों का आर्डर उन्हे इस वर्ष मिला है, इसके बाद वे नवरात्रि हेतु माता दुर्गा व सरस्वती की मूर्ति निर्माण में लग जायेंगे। वें डौंडीलोहारा में विकासखंड के शिक्षकों को मूर्तिशिल्प का विशेष प्रशिक्षण दे चुके हैं। व्याख्याता शिवेन्द्र बहादुर ने बताया कि भविष्य में नयी शिक्षा नीति के तहत इस तरह के कलाकारों को बेहतर पहचान मिलेगी व ऐसे कलाकार जो आज भी अपनी कला को जीवंत रखे हुए हैं वे नयी शिक्षा नीति में स्कूल कालेज के छात्र छात्राओं में अपनी अमूल्य कला का प्रसार करते नजर आयेंगे।