बालोद/ छत्तीसगढ़/ नई दिल्ली (टीम डेली बालोद न्यूज)। लोकसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। एक बार फिर से एनडीए के साथ मिलकर बीजेपी सत्ता में काबिज होने जा रही है। तो दूसरी ओर कांग्रेस ने भी उम्मीद से बढ़त हासिल करते हुए जीत दर्ज की है। एक ओर जहां भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेसी इस बात से खुश हैं और यह प्रचार करने में लगे हैं कि हमने संविधान बदलने से बचा लिया। परिणाम के बाद दोनों ही प्रमुख पार्टियों सहित जनता के बीच कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। कोई सोशल मीडिया पर बयान बाजी कर रहे तो कोई पोस्ट डालकर अपनी भावनाएं बता रहे हैं। बड़े-बड़े नेता भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और इस जीत हार के अपने-अपने दावे और समीक्षा जता रहे हैं। बालोद जिला कांकेर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। जहां पर भाजपा के प्रत्याशी भोजराज नाग पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे कम अंतर 1884 वोटो से जीते हैं। इससे पता चलता है कि यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशी के बीच काफी टक्कर रही है। दोनों ही पार्टियों ने जीत के लिए काफी जी तोड़ मेहनत की थी। बड़ी बात यह है कि सिर्फ नोटा को ही 18669 वोट पड़ गए।
इससे जीत का अंतर भी काफी प्रभावित हो गया। पहले जब गिनती चल रही थी तो अलग-अलग राउंड में दोनों प्रत्याशियों को बढ़त मिलते जा रही थी। परिस्थितियां हर घंटे बदलती जा रही थी। लेकिन अंत के परिणाम ने सबको चौंका दिया। डाक मत पत्रों की पुनरगणना की मांग भी उठती रही। कुछ वाद विवाद की स्थिति भी बनी। निर्वाचन आयोग ने सभी मामलों को गंभीरता से सुना समझा और कार्यवाही की और अंत में जीत का सेहरा भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग के सिर पर बंधा। जिन्हें कांकेर में प्रमाण पत्र दिया गया।
इस दौरान बालोद से भाजपा नेता यशवंत जैन, राकेश यादव, यज्ञदत्त शर्मा,चेमन देशमुख सुरेश निर्मलकर सहित अन्य भी मौजूद रहे। वही जीत के बाद से बालोद जिले में भाजपाई उत्साहित है और डबल इंजन की सरकार बनने का जश्न भी मना रहे हैं। जनता में भी इस बात को लेकर खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है कि अब शायद उनकी मांगे पूरी होगी जो उम्मीद सत्ता सरकार से जनता लगाए बैठी है। वह डबल इंजन की सरकार आने के बाद तेजी से होंगे और आश्वासन के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा । हालांकि यह भविष्य की बातें हैं । कौन प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद कितना काम कर पाते हैं यह आगे ही पता चलेगा कि वह संसद में जनता की आवाज को कितना उठाते हैं और कितनी सक्रियता से काम करवा पाते हैं।
बालोद जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र में राउंड बार हुई गिनती के डाटा आप यहां नीचे देख सकते हैं👇
इसके अलावा हम इस खबर में आगे पूरे कांकेर लोकसभा विधानसभा क्षेत्र की कुछ चुनावी चित्र और समीक्षा भी बता रहे हैं जिससे अब तक की स्थिति को आप समझ सकते हैं। तो साथ ही हम विजय प्रत्याशी भोजराज नाग के जीवन परिचय से भी आपको रूबरू कराएंगे ।
कांकेर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी भोजराज नाग ने 1884 वोटों से जीत दर्ज की है। बीजेपी को 5 लाख 97 हजार 624 वोट मिले हैं। कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को 5 लाख 95 हजार 740 वोट मिले हैं। कांग्रेस ने 1800 डाक मतपत्र रिजेक्ट करने का आरोप लगाते हुए रिकाउंटिंग की मांग की थी। कांकेर के नेशनल हाईवे-30 स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज नाथिया नवागांव में मतगणना हुई। 9 प्रत्याशियों के लिए 26 अप्रैल को 73.50% वोटिंग हुई। 3 लेयर में सुरक्षा व्यवस्था थी। इस लोकसभा में 4 जिले के 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल है।
जिसमें कांकेर जिले की तीनों विधानसभा अंतागढ़, कांकेर और भानुप्रतापपुर। बालोद जिले की तीन विधानसभा संजारी बालोद, गुण्डरदेही और डौंडी लोहारा सीट शामिल है। वही कोंडागांव जिले की केशकाल और धमतरी जिले की नगरी सिहावा विधानसभा सीट शामिल है। कांकेर में बिरेश सिंह ठाकुर विनिंग कैंडिडेट थे। उन्होंने चुनाव भी तगड़ा लड़ा, लेकिन यहां भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हुआ। ध्रुवीकरण का फायदा भोजराज नाग को मिला। भोजराज नाग अंतागढ़ से ठीक इसके पहले विधायक रहे थे, जिनका टिकट काट दिया गया था।
एक नजर में जानिए भोजराज नाग की राजनीति सफर
कांकेर के अंतागढ़ थाना क्षेत्र से आने वाले भोजराज नाग 2014 में हुए अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा से जीत हासिल कर विधायक बने थे। वे अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक हैं। पूर्व विधायक भोजराज नाग ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 1992 में की थी। सबसे पहले अपने गांव हिमोड़ा के सरपंच बने। साल 2000 से 2005 तक जनपद पंचायत अंतागढ़ के अध्यक्ष रहे। 2009 से 2014 तक जिला पंचायत सदस्य भी रहे। वर्तमान समय में भोजराज भाजपा अंतागढ़ के मंडल अध्यक्ष हैं। अब सांसद बन गए हैं। इससे पहले कांकेर लोकसभा सीट से भाजपा से ही सांसद मोहन मंडावी थे।
26 साल से भाजपा का गढ़
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट को वजूद 1967 में मिला। इसे भाजपा का गढ़ माना जाता है। 1998 से यह सीट भाजपा के पास है। 1998 से 2009 तक सोहन पोटाई लगातार सांसद रहे। 2014 में भाजपा के विक्रम उसेंडी ने यहां से शानदार जीत दर्ज की। वहीं, 2019 में कांकेर से मोहन मंडावी सांसद बने। 2024 में भाजपा ने नया चेहरे पर भरोसा जताया था जिस पर अब भोज राज खरे उतरे हैं। आगामी पांच साल के लिए अब फिर यहां भाजपा काबिज हो गई।
इधर बड़े नेताओं के बीच चल रहा है कल से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला, बयान बाजी के बीच चल रहे पोस्टर वार
सोशल मीडिया पर बड़े नेताओं, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री के बीच पोस्टर वार भी जारी है। जीत हार को लेकर अपने-अपने दावे और बातें कहीं जा रही है । कुछ प्रमुख लोगों की बातों को भी हम आपके समक्ष रख रहे हैं जो उनके द्वारा हुबहू कही गई है, जैसे कि ,,,,
नरेंद्र मोदी जी ने कहा है,,,
जनता ने लगातार तीसरी बार NDA में अपना भरोसा रख लिया है! यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मैं जनता जनार्दन को इस स्नेह के लिए नमन करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि पिछले दशक में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करते रहने के लिए अच्छे कार्यों को जारी रखेंगे। देश की जनता-जनार्दन ने एनडीए पर लगातार तीसरी बार अपना विश्वास जताया है। भारत के इतिहास में ये एक अभूतपूर्व पल है। मैं इस स्नेह और आशीर्वाद के लिए अपने परिवारजनों को नमन करता हूं। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम नई ऊर्जा, नई उमंग, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ेंगे। सभी कार्यकर्ताओं ने जिस समर्पण भाव से अथक मेहनत की है, मैं इसके लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता हूं।
राहुल गांधी जी ने कहा
भारत की जनता ने एकजुट हो कर साफ कह दिया है – हम मोदी जी को नहीं चाहते! ये चुनाव संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का चुनाव था – देश के गरीबों, युवाओं, महिलाओं, वंचितों ने आगे आ कर पूरे जज़्बात के साथ ये ज़िम्मेदारी निभाई है। मुझे आप सभी पर गर्व है। बेशुमार मोहब्बत देने के लिए वायनाड और रायबरेली की जनता का बहुत बहुत धन्यवाद। अगर मेरे बस में होता, तो मैं दोनों ही जगह का सांसद बने रहना पसंद करता। भारत की जनता ने संविधान और लोकतंत्र को बचा लिया है। देश की वंचित और गरीब आबादी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए INDIA के साथ खड़ी हो गयी।कांग्रेस पार्टी और INDIA गठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को बधाई.
संविधान बचाने की इस लड़ाई में जनता के हम सबका भरपूर साथ दिया है.हम सब मिलकर इस लड़ाई को जारी रखेंगे.हमारे अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी, हमारी नेता श्रीमती सोनिया गांधी जी, हमारे नेता श्री राहुल गांधी जी, श्रीमती प्रियंका गांधी जी की मेहनत, मार्गदर्शन हम सबकी प्रेरणा है, जिसके कारण हम सफल हुए हैं.गठबंधन के सभी साथियों और कांग्रेस के बब्बर शेर कार्यकर्ताओं को बधाई।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा छग में दस सीट की जीत हुई। ऐतिहासिक जनादेश के लिए छत्तीसगढ़ की जनता का आभार। समस्त विजयी भाजपा प्रत्याशियों को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। हम सब मिलकर बनाएंगे विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़।ये जीत है विश्वास की, ये जीत है सुशासन की, ये जीत है विकसित भारत के संकल्प की, छत्तीसगढ़ में भाजपा को ऐतिहासिक जनादेश के लिए प्रदेश की समस्त जनता का सहृदय आभार और भाजपा के सभी विजयी प्रत्याशियों को बधाई एवं शुभकामनाएं। देश-प्रदेश में भाजपा की ऐतिहासिक विजय पर प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं संग जीत के जश्न में शामिल हुआ और सबको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस शानदार जीत में अपना महती योगदान देने वाले प्रदेश के लाखों-लाखों कार्यकर्ताओं का सहृदय आभार व्यक्त करता हूं।
सांसद चुनाव जीतने वाले कांकेर सीट के भोजराज नाग ने कहा
कांकेर लोकसभा क्षेत्र से विजयी होने के पश्चात विजयी प्रमाण पत्र प्राप्त किया। मैं कांकेर लोकसभा क्षेत्र की जनता का आभारी हूँ।ये जीत मेरी नहीं है ये जीत आप सभी की है। ये जीत जनता जनार्दन की है। ये जीत आप सभी के आशीर्वाद की है। ये जीत भारतीय जनता पार्टी की है।ये जीत मोदी सरकार की है। जय भाजपा विजयी भाजपा ।
इधरभूपेश बघेल जी ने कहा राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं का जनादेश मैं विनम्रता से स्वीकार करता हूँ. साथ ही उन लाखों मतदाताओं का आभार जिन्होंने मुझमें अपना विश्वास व्यक्त किया.भाजपा के विजयी प्रत्याशी संतोष पांडेय जी को मेरी बधाई और शुभकामनाएँ.कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता साथियों का धन्यवाद जिन्होंने इस लड़ाई में खूब मेहनत की. साथ ही भूपेश बघेल ने एक अलग पोस्ट डालकर कहा है कि चुनाव आयोग ने चुनाव में प्रयुक्त होने वाली मशीनों के नंबर दिए थे। इसमें बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट शामिल है। मेरे चुनाव क्षेत्र राजनादगांव मतदान के बाद फ़ॉर्म 17सी में जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार बहुत सी मशीनों के नंबर बदल गए हैं। जिन बूथों पर नंबर बदले हैं उससे हज़ारों वोट प्रभावित होते हैं। और भी कई लोकसभा क्षेत्रों में यही शिकायतें मिली हैं। हम राज्य निर्वाचन पदाधिकारी से शिकायत कर रहे हैं। चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए कि किन परिस्थितियों में मशीनें बदली गई हैं और चुनाव परिणाम पर होने वाले असर के लिए कौन ज़िम्मेदार होगा? बदले हुए नंबरों की सूची बहुत लंबी है पर एक छोटी सूची आप सबके अवलोकनार्थ संलग्न है।